menu-search
Wed Apr 14 2021 01:32:12 GMT+0530 (India Standard Time)
Visitors: 681163
Home » धर्म संस्कृति » महाशिवरात्रि विशेष:अद्भुत है महादेव का दुखहरण नाथ मंदिर, हरते हैं भक्तों का कष्ट
Share Post
बलरामपुर। उतरौला नगर में स्थापित दुखहरण नाथ मंदिर अपने धार्मिक महत्त्व ऐतिहासिकता के चलते दूर-दूर तक प्रसिद्ध है। महाशिवरात्रि, कजरी तीज, श्रावण मास में दूर-दूर से हजारों शिवभक्त यहां पहुंच महादेव को जलाभिषेक कर परिवार के लिए मंगल कामना करते हैं। गुरुवार को महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं के आवागमन को लेकर मंदिर व स्थानीय प्रशासन द्वारा व्यापक व्यवस्था किए गए हैं।
उत्तर पूर्व की ओर झुका है स्थापित शिवलिंग
यहां स्थापित महादेव का शिवलिंग उत्तर दिशा की ओर झुका हुआ है। जो टीले की खुदाई के दौरान मिली थी, जिसके विषय में अलग-अलग मान्यताएं हैं। महंत पुरुषोत्तम गिरि ने बताया कि पूर्व में यहां के मुस्लिम शासक राजा नेवाज अली खां के शासनकाल में जयकरन गिरि नामक संत यहां पर आश्रम बनाकर रहते थे। उस समय यह स्थान जंगल था। महंत की आध्यात्मिक प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैली थी। जिसे सुनकर राजा नेवाज अली स्वयं महात्मा से मिलने आए और उनसे प्रभावित होकर उनकी इच्छा से यहां टीले की खुदाई कराई। कई दिनों की खुदाई के बाद टीले के नीचे पत्थर के घेरे में उत्तर की ओर झुका हुआ एक शिवलिंग मिला, साथ ही मां पार्वती की प्रतिमा मिली।
राजा ने शिवलिंग को सीधा करवाने का अथक प्रयास किया लेकिन वह सीधा नहीं हो सका। महात्मा के निर्देश पर राजा ने शिवलिंग को यथावत छोड़ शिवमन्दिर व कुंड का निर्माण कराया। मंदिर की प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैल गई।
बाबा जय करण गिरी के प्राण त्यागने के बाद उनकी समाधि मंदिर परिसर में ही बनाई गई। वर्तमान में महंत की पांचवीं पीढ़ी मंदिर की देखरेख व पूजा अर्चना कर रही है। गुरुवार को शिवरात्रि को लेकर स्थानीय प्रशासन द्वारा सुरक्षा व अन्य बिंदुओं पर कड़ी व्यवस्था की गई है।(हि.स.)
© 2017 - 2018 Copyright Veer Arjun. All Rights reserved.
Designed by Hocalwire