कुछ नुस्खे
सुदर्शन भाटिया
यदि गुर्दे या मूत्राशय में पथरी हो तो 250 ग्राम कुलथी (शिमला की पहाड़ियों से आने वाली सफेद कुलथी ठीक रहती है) को साफ कर रात को तीन किलो पानी में भिगोकर रख दें। सबेरे भीगी हुई कुल्थी सहित उस पानी को धीमी आंच पर लगभग चार घण्टे तक पकायें। जब पानी सिर्प एक किलो रह जाये (जो काले चनों के सूप की तरह होता है) तब उसे नीचे उतार लें। तीस से पचास ग्राम (अपनी पाचन शक्ति के अनुसार) देशी घी का छौंक लगायें। छौंक में थोड़ा-सा सेंधा नमक, काली मिर्च, जीरा, हल्दी डाल सकते हैं।
इस स्वादिष्ट सूप को 250 ग्राम की मात्रा में दिन में एक बार दोपहर के भोजन के स्थान पर लगभग बारह बजे पी लें। दस-पन्दह दिन तक इस नुस्खे के सेवन से गुर्दे और मूत्राशय की पथरी गलकर बिना ऑपरेशन के बाहर आ जाती है। इस नुस्खे के सेवन करते वक्त दोपहर का भोजन नहीं लेना है।
झाइयाँ ः चेहरे पर काली झाइयां साधारणतः त्वचा की निचली परतों में रहने वाले पाकृतिक पदार्थ सिलीकोन की कमी से होती है। नहाने से पूर्व रोज एक चम्मच गुनगुने शहद में 2-3 बूंदें ग्लिसरीन व चुटकी भर नमक मिलाकर अच्छी तरह मथकर हल्के हाथ से कुछ दिनों तक लगाने से झाइयां दूर हो जाती हैं।
खूनी बवासीर ः गुड़ के साथ एक दो हरड़ को दोनों समय खाने के बाद नियमित रूप से सेवन करने से लाभ होगा।
मासिक स्राव कष्ट तथा दर्द के साथ होना ः 2 चम्मच अजवायन, 2 कप पानी में डालकर उबालें। 1 कप शेष रख लें, इसमें गुड़ मिलाकर सुबह खाली पेट चाय की तरह पी लें। यह नुस्खा पतिदिन सुबह-शाम 3 दिन तक लेना चाहिए। सामान्यतः 3 मासिक स्राव तक पयोग पर्याप्त रहता है। मासिक स्राव के होने से 3 दिन पहले इसका पयोग आरंभ करने से मासिक समय पर खुलकर आता है।
पेट में गैस ः अजवायन के साथ हरड़ और काला नमक लेने से पेट फूलना, पेट दर्द, डकारें आना आदि में तत्काल राहत मिलती है।
बवासीर ः आम के कोमल पत्तों को जल के साथ पीसकर मिश्री मिलाकर पीने से बवासीर में लाभ होता है। खूनी बवासीर से रक्त आना बंद होता है।
रक्त पदर ः आम की गुठली की गिरी का चूर्ण 1 चम्मच की मात्रा में लेने से रक्त पदर, खूनी बवासीर, पेट के कीड़े दूर होते हैं।
सिर के बाल झड़ना ः बरगद के पत्तों को कुचल लें और अलसी के तेल में पकायें। पत्तों के जल जाने पर तेल छानकर रख लें। इस तेल की मालिश करने से कुछ ही दिनों में बालों का झड़ना रुक जायेगा और झड़े हुए बालों के स्थान पर नये बाल आने लगेंगे। देशी घी में 4-6 बादाम की गिरी पीसकर डाल दें और इतनी उबालें कि गिरी के टुकड़े जल जायें। अब घी को छानकर शीरी में भर लें। यह घी गुनगुना करके सिर पर मालिश करने से बालों का झड़ना रुकता है और दिमागी कमजोरी भी दूर होती है।
मूत्रावरोध ः पेशाब की रुकावट में कबाव चीनी का एक चम्मच चूर्ण दूध की लस्सी से देने पर तत्काल मूत्र हो जाता है। दूध के अभाव में मिश्री के साथ भी दे सकते हैं।