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परिवार के पति आपका व्यवहार

👤 Veer Arjun Desk 4 | Updated on:23 Oct 2018 2:20 PM GMT

परिवार के पति आपका व्यवहार

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अंजनि सक्सेना

आजकल पढ़ी-लिखी महिलाओं से अपेक्षा की जाती है कि वह मेहमानों की आवभगत, बच्चों की देखरेख, घर के बुजुर्गों की देखभाल के साथ-साथ खरीदारी, बैंक के काम इत्यादि पर भी नजर रखें। पति दफ्तर, व्यवसाय या फिर किसी अन्य जरूरी कार्यवश घर से बाहर रहने की स्थिति में वह घर की पूर्ण देखरेख भी कर सके तथा घरेलू जिम्मेदारियों को निभाने में पति की बराबर की भागीदार बन सके।

परिवार में आपके उचित व्यवहार का, परिवार के अन्य सदस्यों के जीवन के पति दृष्टिकोण पर बहुत गहरा असर पड़ता है। अतः विषम परिस्थितियों को भी अपने अनुकूल ढालकर और कुछ स्वयं को परिस्थितियों के अनुरूप ढालकर आप परिवार में अपना सर्वोच्च स्थान बना सकती हैं। स्त्राr यदि चाहे तो सबकुछ कर सकती है। कुछ स्त्रियां पति पर इतनी ज्यादा निर्भर हो जाती हैं कि वे पति के बिना कोई काम ही नहीं कर पातीं। पति के व्यवसाय, नौकरी आदि के कारण समय-असमय घर के बाहर रहने की स्थिति में आपको अकेले रहना पड़ सकता है। अतः अपने पति पर पूर्ण रूप से निर्भर न बनें। अपने अंदर आत्मविश्वास अवश्य जगाएं। पारिवारिक जिम्मेदारियें के साथ-साथ सामाजिक तथा आर्थिक जिम्मेदारियों को भी निभाना सीखें।उत्सवों, पार्टियों, शादी, ब्याह तथा अन्य अवसरों पर पति की मजबूरियों के कारण यदि आपको अकेले भी जाना पड़े तो घबराइए नहीं, बल्कि अपने परिवार का पतिनिधित्व करने हेतु सदा आगे रहें।कहीं-कहीं पर स्वार्थी तथा घमंडी स्वभाव की स्त्रियां अपनी झूठी शान-शौकत में अपनी मूल व्यवहारिकता तथा अपने परिवार के अन्य बड़े सदस्यों का सम्मान भी भूल जाती हैं। ऐसी स्त्रियां कभी भी पूर्ण आत्मनिर्भर नहीं हो पातीं। आज की व्यस्त जिंदगी में आप अपना तथा अपने परिवार का पतिनिधित्व स्वयं भी कर सकती हैं। आपके ऐसा करने से समाज में नारी जाति को एक चेतना और सम्मान भी मिलेगा। अपनी पारिवारिक परिस्थितियों को सही ढंग से सोचने-समझने तथा समस्याओं के समाधान को ढूंढ निकालने से ही जिन्दगी में आई अनावश्यक गंभीरता के बादलों को हटाकर उनमें इंदधनुषी सप्तरंगों को भरा जा सकता है और आपको अपने परिवार में होनहार, समझदार, संस्कारी, सर्वश्रेष्ठ बहू का दर्जा पाप्त हो सकता है।

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