किचन गार्डन में उगाएं पालक
लक एक ऐसी हरी सब्जी है जिसे अपने किचन गार्डन में या कंटेनर में आसानी से उगाया जा सकता है। आजकल पालक की खेती पूरे साल ही होती है। अपनी किचन गार्डन में भी आप इसे मार्च के पहले सप्ताह से लेकर सितंबर तक बोकर अक्टूबर-नवंबर तक बोकर अपनी गार्डन की पालक का मजा ले सकते हैं।
मिट्टी की तैयारी
पालक को सभी पकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है। सबसे उत्तम मिट्टी बलुई, दोमट होती है। मिट्टी का पीएच मान 6 से 6.7 के बीच होना चाहिए। मिट्टी तैयार करने के लिए गोबर की सड़ी खाद मिलानी चाहिए। इसकी कई किस्में होती हैं, पालक पूसा ज्योति, पालक पूसा हरित, पालक ऑन ग्रीन। पालक पूसा हरित अधिक बढ़ने वाली किस्म है जो सितंबर से मार्च तक अच्छी वृद्धि करती है। पालक पूसा ज्योति को बोने के 40-45 दिन के अंदर इससे पालक पाप्त की जा सकती है।
कब बोएं
पालक को सितंबर से नवंबर माह की शुरुआत में बोया जा सकता है। फरवरी के महीने में पालक बोने पर इससे मई और जून में भी पालक हासिल की जा सकती है।
बुआई
किचन गार्डन में इसे बोने के लिए बीजों को मिट्टी में छिड़कर बोया जाता है। इसे कंटेनर में लगाना हो तो मिट्टी तैयार करके बीजों को फैला दिया जाता है। अगर इसे ज्यादा जगह पर लगाना हो तो बीजों को समान दूरी में कतार में बोया जाता है। मिट्टी हर समय नम रहनी चाहिए। बीज बोने के बाद ऊपर मिट्टी की परत बिछा देनी चाहिए।
सिंचाई
पालक बोने के बाद अंकुरण के 6 से 7 दिन बाद इनमें पानी देना चाहिए। सर्दी के दिनों में अगर मिट्टी नम हो तो 12 से 15 दिन के बाद ही पानी दे सकते हैं। अगर इसे देर से बोते हैं तो मौसम गर्म होने के कारण हर दूसरे तीसरे दिन पानी देना चाहिए। गमलों में नमी के अनुसार 2 से 3 दिन बाद शाम के समय पानी देना चाहिए। पानी ध्यान से दें ताकि कमजोर पौधे टूटे नहीं। पालक में खरपतवार ज्यादा पैदा होते हैं, इन्हें निराई गुड़ाई करते समय निकाल देना चाहिए।
पालक की कटाई
पालक की फसल डेढ़ से दो महीने के अंदर तैयार हो जाती है, इसकी कटाई जड़ से नहीं करनी चाहिए। शाखाओं को ऊपर कांटे जिससे अगला कटाव जल्दी तैयार हो जाएं। सावधानी से तोड़ने से इन्हें 8 से 10 बार तोड़ा जा सकता है। हर 8 से 10 दिन के अंदर आप अपने किचन गार्डन से पालक ले सकते हैं।