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गुप्त मतदान से हो सकता है ट्रंप का काम तमाम

👤 manish kumar | Updated on:23 Dec 2019 11:55 AM GMT

गुप्त मतदान से हो सकता है ट्रंप का काम तमाम

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स समय अमरीका ही नहीं पूरी दुनिया में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर महाभियोग की लटकती तलवार चर्चा का विषय है। लोग ही नहीं राजनेता और पार्टियां तक यह जानने को उत्सुक हैं कि क्या गुप्त मतदान होगा? क्योंकि आशंका है कि यदि गुप्त मतदान हुआ तो राष्ट्रपति ट्रंप के विरूद्ध महाभियोग पारित हो सकता है।,

ट्रंप पर महाभियोग लगेगा और क्या इससे वो बच भी जाएंगे? सिर्फ अमेरिका नहीं, पूरी दुनिया में यह विषय जेरे बहस है। ट्रंप ने विपक्षी डेपेटिक पार्टी से कहा है, `इसमें देर किस बात की? आप जल्द से जल्द संसद में महाभियोग फ्रस्ताव क्यों नहीं लाते?` ट्रंप से पहले अमेरिकी संसद में दो राष्ट्रपतियों पर महाभियोग लग चुका है, 1868 में एंड्रयू जॉनसन और 1998 में बिल क्लिंटन। एंड्रयू जॉनसन के विरूद्ध महाभियोग फ्रस्ताव सिर्फ एक वोट से सीनेट में गिर गया था और जनवरी 1999 में बिल क्लिंटन पर मोनिका लेविंस्की पर यौन उत्पीड़न का महाभियोग फ्रस्ताव सीनेट में पास नहीं हो सका था। ट्रंप उसी सीनेट के दम पर चौड़े हो रहे हैं, जहां सत्तारूढ़ डेपेट मजबूत स्थिति में हैं।

राष्ट्रपति ट्रंप पर सत्ता के दुरूपयोग का आरोप है। 25 जुलाई 2019 को ट्रंप ने पेन के राष्ट्रपति बोलोदोमिर जेलेंस्की को कथित तौरपर फोन किया था और कहा था कि हमारे यहां डेपेट पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार जो बाइडेन को निपटाना है। जो बाइडेन और उनके बेटे हंटर बाइडेन पर जांच करनी है कि क्या ये लोग 2016 के चुनाव में रूसी हस्तक्षेप का हिस्सा रहे थे। मकसद यही था कि जो बाइडेन बदनाम हों। राष्ट्रपति ट्रंप ने इस फोन कॉल के आगे-पीछे पेन को दिया जाने वाले 40 अरब डॉलर के सैन्य सहायता पर पहले रोक लगाई थी, बाद में उसे रिलीज किया था। इस सैन्य सहायता को भी अमेरिकी मीडिया `कंस्पीरेसी थियरी` से जोड़कर देख रहा है। सितंबर 2019 में एक व्हिसल ब्लोवर के माध्यम से इस कांड का भंडाफोड़ हुआ था।

अमेरिकी संसद में महाभियोग की फ्रािढया दो चरणों में निष्पादित होती है। पहले चरण में निचला सदन, `हाउस ऑफ रिफ्रेजेंटेटिव' आरोपों की जांच के आधार तय करता है कि यह सदन के पटल पर रखने लायक है या नहीं। उसके फ्रकारांतर में ऊपरी सदन सीनेट उस मामले की जांच के साथ वोटिंग करता है। सीनेट में यदि महाभियोग फ्रस्ताव दो तिहाई बहुमत से पास हो गया, तो राष्ट्रपति का इस्तीफा तय है और उनकी जगह उप राष्ट्रपति को कार्यभार संभालना होता है।

435 सदस्यीय निचले सदन `हाउस ऑफ रिफ्रेजेंटेटिव' में ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन कमजोर स्थिति में है। वहां विपक्षी डेपेट 233 और रिपल्किन सदस्यों की संख्या 197 है। हाउस ऑफ रिफ्रेजेंटेटिव' में एक निर्दलीय सदस्य है, और चार सीटें खाली हैं। तभी स्पीकर नैंसी पावेल बार-बार इस पर जोर दे रही हैं कि महाभियोग फ्रस्ताव लाने में विलंब नहीं करना चाहिए। ट्रंप इस बात से निश्चिंत से दिख रहे हैं कि जबतक सीनेट में उनकी पार्टी मजबूत है, उनका बाल-बांका नहीं होगा। 100 सदस्यीय अमेरिकन सीनेट में रिपब्लिकन 53 और विपक्षी डेपेट के 45 मेंबर हैं, दो सदस्य निर्दलीय हैं। इन आंकड़ों को देखकर कोई भी कह सकता है कि महाभियोग चाहे सत्य हो, मगर संख्या बल के आधार पर उसे गिराने में आसानी होगी।3 नवंबर 2020 को अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव है। महाभियोग को लेकर संसद, सड़क और सोशल मीडिया गर्माया हुआ है। नैंसी पावेल कैलीफोर्निया का फ्रतिनिधित्व करती हैं। यह वह इलाका है, जहां सत्ता विरोध चरम पर है। अकेले कैलीफोर्निया से ट्रंप फ्रशासन के विरूद्ध 60 से अधिक अदालती मामले चल रहे हैं। फ्रांतीय मुख्यालय पामेंटो में सरकार विरोधी फ्रदर्शन इसके गवाह हैं कि फ्रतिपक्ष वहां कितना मजबूत है। ऐसा ही टेक्सास में है, जहां के लोगों को नरम करने के वास्ते फ्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक का इस्तेमाल फ्रेसिडेंट ट्रंप ने किया था। साल भर के भीतर ट्रंप तेरह बार टेक्सास आ चुके हैं। टेक्सास फ्रांत का ह्यूस्टन अमेरिका का चौथा बड़ा शहर है। एनर्जी कैपिटल कहे जाने वाले ह्यूस्टन राष्ट्रपति ट्रंप छह बार आ चुके हैं। वजह टेक्सास जैसे फ्रांत में उनकी पार्टी का बुरा परफॉरमेंस रहा है।

जमीन पर सत्तारूढ़ रिपब्लिकन पार्टी की हालत दिनों-दिन खराब हुई है। 6 नवंबर 2018 को अमेरिका में मध्यावधि चुनाव था। निचला सदन, 'हाउस ऑफ रिफ्रेजेंटेटिव' की सभी 435 सीटों का परिणाम आया, तो डेपेट 233 की संख्या में थे। निचले सदन को नियंत्रित करने के वास्ते 225 की संख्या काफी अच्छी मानी जाएगी। ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी को निचले सदन में 197 सीटें मिली थी। इस परिणाम के बाद से ट्रंप बौखला से गये थे। तब से अमेरिकी मीडिया उन पर और हमलावर हो गया।

राष्ट्रपति ट्रंप के विरूद्ध सत्ता दुरूपयोग का यह मामला व्हीस्ल ब्लोवर के जरिये उ"ा है। इस कांड से पहले ट्रंप टैक्स मारने के कारण कुख्यात हो चुके थे। उन पर दो महिलाओं को पैसे देकर यौन शोषण के आरोपों से मुक्ति पाने का आरोप लगा था। यह मामला भी जैसे-तैसे दबाया गया। 2016 के चुनाव में रूसी साजिश हुई थी या नहीं, यह फ्रकरण भी रहस्य सा बनकर रह गया। पेन के जरिये ट्रंप पूरे मामले को दूसरी दिशा में ले जाना चाहते थे, इसे साबित होना बाकी है।

मगर, यदि सीनेट में महाभियोग फ्रस्ताव गिर जाता है, तो फ्रतिपक्ष चुनाव फ्रचार में कैसे मजबूती से खड़ा होगा? यह एक महत्वपूर्ण फ्रश्न है। सबसे बड़ी बात सीनेट में सारे रिपब्लिकन सदस्यों की एकजुटता की है। इनमें से 20 भी खिसक गये, तो ट्रंप कहीं के नहीं रहेंगे। सत्ता के गलियारे में जो रणनीतिकार सािढय हैं, उनकी कोशिश यही है कि रिपब्लिकन पार्टी के कुछ सीनेट सदस्य कैसे भी करके ट्रंप से टूटें। सीनेटर किस कून ने कुछ इसी तरह का बयान दिया है। एक और रणनीतिकार माइक मर्फी ने बताया कि यदि सीनेट में गुप्त मतदान हुआ, तो 30 के करीब रिपब्लिकन सीनेटर ट्रंप के विरूद्ध ाढास वोटिंग कर सकते हैं। ऐसा हुआ तो यह यह वाकई खतरनाक स्थिति होगी।

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