बनाएं खुशगवार
सम कोई भी हो उसमें होने वाला बदलाव हमारी सेहत के लिए कई तरह की चुनौतियां लेकर आता है। सर्दी के मौसम में गिरते तापमान और धूप की कमी से वातावरण में कई तरह के रोगाणुओं को पनपने का मौका मिलता है, जिससे सांस संबंधी समस्याएं खांसी, जुकाम, फ्लू बढ़ जाती है। हृदय रोगियों, ब्लड पेशर, दमा, ऑर्थराइट्स और मधुमेह से ग्रस्त रोगी भी वायरल पांमण के खतरों से घिर जाते हैं और यह मौसम उनके लिए ज्यादा कष्टकारी हो जाता है। इस मौसम में खुद को कैसे स्वस्थ रखें?
दिल के रोगी न रहें बेखबर
तापमान में गिरावट के कारण दिल के रोगियों की धमनियों में सिकुड़न की समस्या ज्यादा बढ़ जाती है, जिससे दिल को ज्यादा काम करना पड़ता है, जिससे ब्लड पेशर बढ़ जाता है। "ंड के मौसम में दिल के दौरे की आशंका दोगुनी बढ़ जाती है। इस बदले मौसम में सुबह ही सैर के लिए धूप निकले के बाद ही जाएं। एक्सरसाइज दिन के समय करें और तली-भुनी चीजों और नॉनवेज से दूर रहें। क्योंकि इनसे भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है। संतुलित आहार के साथ-साथ पतिदिन आधे घंटे की धूप जरूर लें। विटामिन डी हार्ट अटैक के खतरों से बचाता है। हृदय रोगियों को मेडिकल चेकअप के साथ अपनी दवाएं भी नियमित लेते रहना चाहिए।
सांस संबंधी परेशानियां
सर्दियों में खांसी, जुकाम होना आम बात है। जो लोग श्वसनतंत्र की बीमारी से पीड़ित हैं, "ंड या बदलते मौसम में ये ज्यादा बढ़ जाती हैं। रात को सोते समय घर के दरवाजे खिड़कियों को पूरी तरह बंद न करें और न ही कमरे में रूम हीटर या ब्लोअर चलाएं। इससे वातावरण में ऑक्सीजन कम होने से सांस लेने में दिक्कत होती है। खाने में हर्बल टी या गर्म तासीर वाले भोजन लें। खांसी, बलगम, गले या नाक में ब्लॉकेज होने पर अस्थमा और ब्रोंकाइट्स के रोगियों को तुरंत डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए।
ब्लड पेशर
सर्दी के मौसम में ब्लड पेशर के रोगियों का ब्लड पेशर और ज्यादा बढ़ जाता है, जिनका रक्तचाप ज्यादा रहता है। उन्हें इस मौसम में खाने पीने में खास परहेज बरतना चाहिए। जंक फूड, एल्कोहल, सिगरेट, तली-भुनी चीजों से दूर रहने की कोशिश करें। वजन न बढ़ने दें। नियमित रूप से एक्सरसाइज करते रहें। ज्यादा से ज्यादा ताजे फलों और सब्जियों का सेवन करें।
जोड़ों का दर्द
महिलाओं और बुजुर्गों में ऑर्थराइट्स यानी जोड़ों के दर्द से संबंधित समस्या सर्दी के मौसम में और ज्यादा तकलीफदेह हो जाती है। सर्दियों में नहाने के लिए गुनगुना पानी लें। "ंड में बाहर न निकलें। ज्यादा "ंड में हाथ पैर की मांसपेशियां अकड़ जाती हैं। घुटनों को विशेष तौर से बचाने के लिए नी-कैप का इस्तेमाल करें। कमर दर्द या जोड़ों में दर्द पर गर्म पानी के बैग से सिकाई करें। इस मौसम में धूप का सेवन जरूर करें क्योंकि सूर्य की किरणों में मौजूद विटामिन डी शरीर में कैल्शियम के अवशोषण की क्षमता को बढ़ाते हैं। इन दिनों कैल्शियम और पोटीनयुक्त आहार लें।
वायरल बुखार
मौसम बदलने से वायरल फीवर होना आम बात है। वायरल के कारण खांसी, जुकाम, सिरदर्द, बदन दर्द, आंखों से पानी बहना जैसे लक्षण होते हैं। इनसे बचने के लिए साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें और "ंड से बचें। खाने में विटामिन और मिनरल युक्त भोज्य पदार्थ लें, जितना हो सके "ंड से बचकर रहें।