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ज्योतिष वह विज्ञान है जो हमें बताता है कर्मों की बैलेंसशीट की हम व्याख्या कैसे करें ?

👤 Veer Arjun Desk | Updated on:20 Aug 2017 3:25 PM GMT

ज्योतिष वह विज्ञान है जो हमें बताता है   कर्मों की बैलेंसशीट की हम व्याख्या कैसे करें ?

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समीर चौधरी

मंगल, शनि व पा जैसे ग्रह हमारे जीवन को कैसे प्रभावित कर सकते हैं? इस प्रश्न पर मैंने बहुत सोचा है र् पृथ्वी की तरह ये ग्रह भी सूर्य के चक्कर लगा रहे हैं र् ये पृथ्वी से लाखों मील दूरी के फासले पर हैं र् उनका प्रभाव हमारी जीवन अवधि, विवाह संभावना, शिक्षा, आर्थिक स्थिति आदि को कैसे तय कर सकता है?
ऐसा प्रतीत होता है कि व्यक्ति की जन्मपत्री उसके पूर्व कर्मों की बैलेंस शीट है, जो वर्तमान जीवन में फलवान होंगे र् कर्म ऊर्जा है र् पूर्व कर्म जैसे प्रारब्ध व संचित स्टोर की गई स्थितिज ऊर्जाएं हैं र् इनकी तुलना पूर्ण चार्ज हो चुकी बैटरी की इलेक्ट्रिकल ऊर्जा से या कोयले में स्टोर रासायनिक ऊर्जा से की जा सकती है र् अगर उचित स्थितियां उत्पन्न की जायें तो ऊर्जा प्रकट होने लगती है र् सही तार जोड़ोगे तो बैटरी से बिजली मिलने लगेगी र् कोयला जलाओ और रसायनिक ऊर्जा हीट ऊर्जा में बदलने लगेगी र्
वैज्ञानिक कहते हैं कि पूरा संसार ऊर्जा का मास हैर् जिन चीज़ों को हम ठोस कहते हैं, वह वैसी नहीं हैं बल्कि ऊर्जा की गठरी हैं र् हमारे विचार भी ऊर्जा हैं र् ग्रह वह बटन हैं जो हमारी कर्म ऊर्जा को जारी करते हैं र् वह स्थितिज या ठहरी हुई ऊर्जा को गतिक ऊर्जा में बदलते हैं र् मसलन, एक ऐसे जग की कल्पना कीजिये जिसमें छोटे छोटे छेद हैं र् वह बर्फ से भरा हुआ है और खुली खिड़की के पास रखा हुआ है र् कुछ समय बाद सूर्य की किरणें उस पर पड़ने लगती हैं र् वह गर्म हो जाता है, बर्फ पिघलने लगती है और पानी छेदों से बाहर निकलने लगता हैर्
हमारे पिछले कर्म, विचार व हरकत हमारे शरीर में सूक्ष्म स्थितिज ऊर्जा के रूप में स्टोर हैं र् जब ग्रहों की खास स्थितियां उत्पन्न होती हैं तो ग्रहों की बिखरी हुई ऊर्जा हमारी स्थितिज कर्म ऊर्जा पर पड़ती है, जो जारी हो जाती है और हमें कर्मफल मिलता है र् कहा जाता है कि प्रत्येक भौतिक चीज़ का एक नक्षत्रीय प्रतिरूप भी होता है र् ज्योतिष में हम जिन ग्रहों पर फोकस करते हैं उन सब के नक्षत्रीय प्रतिरूप भी हैं, जो विभन्न प्रकार की ऊर्जा जारी करते हैं, जो रोशनी व गर्मी के रूप में निकलने वाली भौतिक ऊर्जा से भिन्न हैं र् यह ऊर्जा हमारी स्थितिज कर्म ऊर्जा से सम्पर्क करती है, जो हमारे कर्म शरीर में स्टोर होती हैर्
ग्रह कर्मफल दाता हैं र् इनके माध्यम से ईश्वर सुनिश्चित करता है कि समय के साथ हमें अपने कर्मों का फल मिल जाये र् हर ग्रह, हर राशि और हर नक्षत्र अपना कम्पन व विकिरण होता है र् हम अपनी तुलना कंप्यूटर से कर सकते हैं र् हमारी हार्ड डिस्क, हमारे पिछले कर्मों का रिकॉर्ड होता है, जो स्थितिज ऊर्जा के रूप में स्टोर रहता है र् इस जीवन के दौरान हम इसमें नए कर्म जोड़ते रहते हैं र् हर कंप्यूटर ईश्वर के सुपर कंप्यूटर से जुड़ा हुआ है र् वह कमांड देता है र् वह प्रत्येक जीव के लिए निश्चित जीवनावधि हेतु प्रोग्राम तैयार करता हैर् ईश्वर द्वारा तैयार किये गये कंप्यूटर प्रोग्राम के अनुसार जीव को पुनर्जन्म मिलता है र् हमारी जन्मपत्री कंप्यूटर प्रोग्राम की तरह है र्
जब ग्रहों की खास स्थिति होती है तो जीव को उसी के अनुसार समय व स्थान पर पुनर्जन्म मिलता है र् यह सभी जीवों के लिए सत्य है र् ज्योतिष वह विज्ञान है जो हमें सिखाता है कि अपने कर्मों की बैलेंस शीट या प्रोग्राम की किस प्रकार व्याख्या की जाये र् एक अच्छा ज्योतिषी नवजात शिशु के जीवन की पूरी रूपरेखा दे सकता है र्
ज्योतिष के आलोचक दो बातें कहते हैं र् एक यह कि जन्मपत्री यह संकेत नहीं देती कि व्यक्ति जिंदा है या मुर्दा और वह यह भविष्यवाणी नहीं कर सकती कि जन्मपत्री पुरुष की है या महिला की र् दूसरा यह कि भविष्यवाणी अक्सर गलत साबित होती हैं र् हर सिस्टम परफेक्ट नहीं होता र् मेडिसिन का कोई सिस्टम मृत व्यक्ति को जिंदा नहीं कर सकता, न ही वह शतप्रतिशत सफलता से हर बीमार का उपचार कर सकता है र् इसका अर्थ यह नहीं है कि यह सिस्टम बेकार हैंर् कभी कभी भविष्यवाणी गलत हो जाती है र् इसके अनेक कारण हो सकते हैं र् क्या पता जन्मपत्री सही से तैयार न की गई हो, जन्म का समय सही से रिकॉर्ड न किया गया हो र् सही भविष्यवाणी के लिए ज्योतिषी को जन्मपत्री का गहरा अध्ययन करना होता है र् उसे योग, दशा, नवमांश और दशांश पर विचार करना होता है र् कभी कभी ज्योतिषी का ज्ञान व अनुभव भी सिमित होता है र् इनके अलावा अन्य अज्ञात कारण भी हो सकते हैं, जिनकी वजह से भविष्यवाणी गलत या आंशिक सही हो सकती है र्मिसलन, अस्पताल में दस रोगी हैंर् उन सब को एक ही रोग है र् सभी का उपचार एक ह योग्य डाक्टर की निगरानी में हो रहा है र्
लेकिन उनमें से तीन मर जाते हैं र् मृत्यु के कारण अलग अलग हो सकते हैं र् लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि उपचार गलत है और चिकित्सा विज्ञान पर भरोसा नहीं किया जा सकता र् कहा जाता है कि ज्योतिष पर विश्वास करने से व्यक्ति भाग्यवादी हो जाता है र् कुछ हद तक यह बात सही है, लेकिन इस विज्ञान की सही समझ एक अलग दृष्टिकोण प्रदान करती है र् हमें याद रखना चाहिए कि हमारे कर्म ही हमारी स्थितियों के लिए ज़िम्मेदार हैं, न कि ग्रह र् ज्योतिष विज्ञान कई तरह से लाभकारी है. पहला यह कि ज्योतिषी मनोचिकित्सक व काउंसलर की भूमिका में होता है र् लोग जब परेशानी में होते हैं तभी उसके पास जाते हैं र् वह जानना चाहते हैं कि उनकी परेशानी का कारण क्या है और कब उससे छुटकारा मिलेगा? ज्योतिषी खराब समय के बारे में बता देता है ताकि सावधानी बरती जा सकेर् व्यक्ति की जन्मपत्री खराब स्वास्थ का संकेत दे सकती है, जिसे जानने के बाद वह खानपान, एक्सरसाइज आदि पर ध्यान दे सकता है और स्वस्थ रह सकता है र् ज्योतिष विज्ञान करियर या व्यापार चयन में मार्गदर्शन कर सकता है र् ग्रहों के खराब प्रभाव को दूर करने के लिए विभन्न उपाए बताए जा सकते हैं कि किस पत्थर की अंगूठी या माला पहनी जाये र् कुछ मामलों में विशेष पूजा, जप या दान का भी सुझाव दिया जाता है र् ज्योतिष विज्ञान एक विशाल मैदान है, जिसमें अभी अतिरिक्त शोध की आवश्यकता है र्

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