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कुछ यूँ तोड़ें चुप्पियों का चक्रव्यूह

👤 Veer Arjun Desk | Updated on:20 Aug 2017 3:35 PM GMT

कुछ यूँ तोड़ें  चुप्पियों का चक्रव्यूह

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" मधु सिंह
चुप्पियाँ बड़ी डरावनी होती हैं चाहे इनका उद्देश्य कुछ न हो।इसलिए देर तक चुप्पियों के भंवरजाल में न फंसे। लेकिन आप कहेंगी हर समय बात भी की जाए तो क्या ? इस सवाल का जवाब है कि बात करने के लिए कोई भी बात और कहीं से भी शुरू की जा सकती,देखिये कुछ उदाहरण ।
अगर डिनर टेबल में हों
क्या बात है आज खाने का मूड नहीं है या पसंद का खाना नहीं है और अगर ऐसा कुछ नहीं है तो ये बड़ी वाली चुप्पी क्यों ?
जब सहयात्री के बीच पसरी चुप्पी तोडनी हो
तो कहाँ तक जायेंगे आप ? अच्छा ये ट्रेन कब तक वहां पहुंचेगी ? वेरी गुड। तो आपको कोई लेने आएगा या खुद ही खरामा..खरामा
अजनबी से
तो जनाब क्या क्या शौक रखते हैं ?
क्या आपको यह मौसम प्रिय है ?
ऐसी और भी बहुत बातें और तरीके हो सकते हैं चुप्पी तोड़ने के मगर चुप्पी तोड़ते समय इन बातों का ध्यान जरूर रखें।
- शौक जानने से बातचीत की शुरुआत कर सकते हैं मगर किसी से कोई बात चाहे वह शौक ही क्यों न हो बहुत खोद खोदकर न पूछें।
- किसी अजनबी से बात करते हुए उसकी निजता का ध्यान रखें।
- जिंदगी के अनगिनत रंग हैं बातचीत का सिलसिला कहीं से भी बढ़ाया जा सकता है।
- बातों में सहमति जताकर अपनी बात रखी जा सकती है।
अच्छा तो आपके ये शौक हैं ? भाई शौक तो बहुत नफीस हैं। बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ाने के लिए यह एक बेहद उम्दा तरीका है । यह न सिर्फ आपकी बातचीत को अंतहीन वार्तालाप में बदल सकता है बल्कि आप दोनों के रिश्ते को मजबूती भी प्रदान कर सकता है। एक बार बातचीत का सिलसिला शुरू हो जाए तो शौक से जुड़े असंख्य सवाल भी एक दूसरे के मन में पनपते लगते हैं। इस तरह एक दूसरे के प्रति रुचि भी पैदा हो जाती है। इसके अलावा शौक के जरिये आप यह भी जान पाते हैं कि दोनों एक दूसरे के साथ कितना वक्त सहजता से गुजार सकते हैं। किसी अजनबी से बातचीत करते हुए उसकी निजता का ध्यान जरूर रखें और बातों को खत्म करने से पहले एक सवाल छोड़ें ताकि सामने वाला व्यक्ति अपनी बात आगे बढ़ा सके और बातों का सिलसिला बना रहे।
अगर किसी जानने वाले से काफी दिन के बाद मिले हैं लेकिन समझ नहीं आ रहा की बात कहा से शुरू की जाए तो कुछ यूँ करिए शुरू सिलसिला- और क्या घट रहा है जिंदगी में? यह सवालनुमा बात अनंत बातों को जन्म दे सकती है। एक के बाद एक अंतहीन बातों की कड़ी पैदा हो सकती है। इसमें कुछ बीती रसहीन बातें हो सकती हैं तो कुछ रसभरी बातें भी सामने आ सकती हैं। यहां तक कि जिस रिश्ते को आप लोग अब तक दोस्ती में न बदल सके, उसे आगे बढ़ाने का मौका मिल सकता है।

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