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नवरंग पुर का पिछड़ापन दूर करने के प्रयास में माझी साहब

👤 Veer Arjun Desk | Updated on:22 Oct 2017 5:28 PM GMT

नवरंग पुर का पिछड़ापन दूर करने के प्रयास में माझी साहब

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हमारे देश में बहुत से लोकसभा और विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जोकि जरूरत से ज्यादा पिछड़े हैं। अर्थात अति पिछड़े क्षेत्र हैं। ऐसे क्षेत्रों से बहुत से नेता चुनाव जीत जाते हैं। चुनाव के दौरान वायदे भी करते हैं कि चुनाव जीतने के बाद उस क्षेत्र का पिछड़ा पन दूर करेंगे ज्यादा से ज्यादा विकास करवाएंगे लेकिन करवा नहीं पाते। इसके कई कारण हो जाते हैं। कभी-कभी देखने में आता है कि जिस क्षेत्र के सांसद या विधायक जिस पार्टी के होते हैं तो देश और प्रदेश में उस पार्टी की सरकार नहीं होती। सरकार किसी पार्टी की होती है। सांसद या विधायक दूसरी पार्टी के होते हैं। ऐसे विरोधी दलों के क्षेत्रों के प्रति सरकार का उदासीन रवैया रहता है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि सरकारें भी उसी पार्टी की होती है। जिस पार्टी की सांसद या विधायक होते हैं परन्तु तालमेल या व्यवहार "ाrक न होने के कारण काम नहीं हो पाते। कुछ नेता चुनाव जीतने तक ही जनता के बीच बने रहते हैं उसके बाद उनकी न तो जनता के बीच जाने में दिलचस्पी होती न ही काम करवाने में कोई दिलचस्पी होती है। ऐसे में क्या पिछड़ापन दूर करेंगे। कुछ सांसद या विधायक ऐसे भी होते हैं जोकि किसी भी काम को एक मिशन मानकर चलते हैं अर्थात् काम करवाने की "ान ही लेते हैं। ऐसे नेता अपने वायदे पर भी खरा उतरने का प्रयास करते हैं। सांसद बालभद्र माझी भी अपने नवरंगपुर क्षेत्र के पिछड़े पन को दूर करने का एक मिशन मानकर चल रहे हैं। उसपर खरे भी उतर रहे हैं। इनके अथक प्रयासों से क्षेत्र में बहुत से काम भी हुए हैं।

ओडीशा की नवरंगपुर लोकसभा सीट से बीजेडी (बीजू जनता दल) के सांसद बालभद्र माझी ने एक बातचीत के दौरान वीर अर्जुन को बताया कि उनका राजनीति मं आने का कोई इरादा नहीं था लेकिन एक मैगजीन के सर्वे में उन्होंने जब नवरंगपुर क्षेत्र के अति पिछड़ेपन को पढ़ा तो उन्होंने इस क्षेत्र के पिछड़ेपन को दूर करने के इरादे को लेकर राजनीति में कदम रखा। लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद उन्होंने अपने अथक प्रयासों से बहुत से काम भी करवाए। बिजली की समस्या को ध्यान में रखते हुए तीन पावर ग्रिड स्थापित करवाए। बहुत से ट्रांसफार्मर भी लगवाए। पीने के पानी के लिए सरकारी तौर पर दो हजार से ज्यादा टयूबवैल लगवाए। उन्होंने बताया कि सिंचाई के पानी की भी समस्या है लेकिन सिंचाई के पानी की एक योजना पर केन्द्र सरकार का उदासीन रवैया चल रहा है। इसलिए सिंचाई परियोजना सिरे नहीं चढ़ रही है। उन्होंने बताया कि सांसद बनने के बाद क्षेत्र में करीब 12सौ किलोमीटर की सड़कें बनवाई है। सड़कों के रख-रखाव पर भी राज्य सरकार पूरा ध्यान दे रही है। शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में सांसद माझी ने बताया कि क्षेत्र में स्कूलों की कमी नहीं छोड़ी गई है। प्रत्येक पंचायत में एक हाई स्कूल है किसी किसी पंचायत में तो दो-दो हाई स्कूल हैं। कॉलेजों की भी कोई कमी नहीं है। उन्होंने बताया कि लोग अपने बच्चों को स्कूलों में नहीं भेजते थे लेकिन उन्होंने लोगों को इसके लिए जागरूक किया। अब बच्चे स्कूलों में जाने लगे हैं। रिजल्ट भी अच्छे आ रहे हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में बताया कि अस्पताल व स्वास्थ्य केन्द्रों पर डॉक्टरों व दूसरे स्टाफ की फिलहाल कमी है।
सांसद बालभद्र मांझी ने बताया कि उनके क्षेत्र से सम्पर्क करने वाले तीन रेल मार्गों की मंजूरी मिल गई है। एक केन्द्रीय विद्यालय जो कि 10 तक था। कि 10वीं तक या उसे 12वीं तक करवाया गया है। एमपी फंड का पैसा कहां खर्च किया जाता है। इस बारे में एमपी साहब ने बताया कि यह पैसा शिक्षा पर ज्यादा खर्च किया जाता है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के सहयोग से क्षेत्र में बहुत काम करवाए हैं लेकिन केन्द्र सरकार का कोई खास सहयोग नहीं मिला। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में करीब 8 हजार गांव हैं। सांसद ने बताया कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पब्लिक के फेवर मे बहुत सी कल्याणकारी योजनाएं चला रखी हैं। ऐसी कुछ योजनाओं का तो केन्द्र सरकार ने भी अनुशरण किया है। महिलाओं के लिए भी कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई है गरीब लोगों को 5 रूपया में दालमा के साथ भोजन मिलता है।
सांसद बालभद्र मांझी को अपना जन्मदिन मनाने का कोई शौक नहीं है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इनका जन्मदिन 9 फरवरी को होता है। कुछ देशों की यात्रा इन्होंने की है जिसमें मलेशिया, इंडोनेशिया तथा सिंगापुर आदि की प्रशंसा की। अपने देश में इनको बंगलौर और भूवनेश्वर शहर अच्छे लगते हैं। मांझी साहब की जीवनसाथी श्रीमती गंगेश्वरी जी एक कुशल ग्रहणी एवं धार्मिक प्रवृति की महिला है। एमपी साहब खाने के मामले में मोकाटेरियन है। अर्थात् जैसा मौका हो वेज हो या नॉनवेज सब चलता है। सुबह नाश्ते में फल जरूर लेते हैं। खेलों में बेडमिंटन व टेनिस के शोकीन रहे हैं।

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