नवरंग पुर का पिछड़ापन दूर करने के प्रयास में माझी साहब
हमारे देश में बहुत से लोकसभा और विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जोकि जरूरत से ज्यादा पिछड़े हैं। अर्थात अति पिछड़े क्षेत्र हैं। ऐसे क्षेत्रों से बहुत से नेता चुनाव जीत जाते हैं। चुनाव के दौरान वायदे भी करते हैं कि चुनाव जीतने के बाद उस क्षेत्र का पिछड़ा पन दूर करेंगे ज्यादा से ज्यादा विकास करवाएंगे लेकिन करवा नहीं पाते। इसके कई कारण हो जाते हैं। कभी-कभी देखने में आता है कि जिस क्षेत्र के सांसद या विधायक जिस पार्टी के होते हैं तो देश और प्रदेश में उस पार्टी की सरकार नहीं होती। सरकार किसी पार्टी की होती है। सांसद या विधायक दूसरी पार्टी के होते हैं। ऐसे विरोधी दलों के क्षेत्रों के प्रति सरकार का उदासीन रवैया रहता है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि सरकारें भी उसी पार्टी की होती है। जिस पार्टी की सांसद या विधायक होते हैं परन्तु तालमेल या व्यवहार "ाrक न होने के कारण काम नहीं हो पाते। कुछ नेता चुनाव जीतने तक ही जनता के बीच बने रहते हैं उसके बाद उनकी न तो जनता के बीच जाने में दिलचस्पी होती न ही काम करवाने में कोई दिलचस्पी होती है। ऐसे में क्या पिछड़ापन दूर करेंगे। कुछ सांसद या विधायक ऐसे भी होते हैं जोकि किसी भी काम को एक मिशन मानकर चलते हैं अर्थात् काम करवाने की "ान ही लेते हैं। ऐसे नेता अपने वायदे पर भी खरा उतरने का प्रयास करते हैं। सांसद बालभद्र माझी भी अपने नवरंगपुर क्षेत्र के पिछड़े पन को दूर करने का एक मिशन मानकर चल रहे हैं। उसपर खरे भी उतर रहे हैं। इनके अथक प्रयासों से क्षेत्र में बहुत से काम भी हुए हैं।