Home » रविवारीय » सेलिब्रिटीज के प्यार की खूमारी जब दिलोदिमाग पर हो जाती है हावी

सेलिब्रिटीज के प्यार की खूमारी जब दिलोदिमाग पर हो जाती है हावी

👤 Veer Arjun Desk | Updated on:14 Jan 2018 1:33 PM GMT

सेलिब्रिटीज के प्यार की खूमारी  जब दिलोदिमाग पर हो जाती है हावी

Share Post

नीलम अरोड़ा

दसवीं क्लास में पढ़ने वाली निहारिका को बॉलीवुड हीरो वरूण धवन बेहद पसंद है। वीकेंड पर वह घर में रहकर वरूण धवन अभिनीत फिल्मों को कई बार देखती है। वरूण धवन के प्रति उसकी दीवानगी, उसकी मां को बेहद बुरी लगती है। एक ही फिल्म को दसियों बार उसकी मम्मी जब उसे अपने लैपटॉप पर देखते हुए पाती है तो वह उससे बहुत खफा हो जाती हैं। यह अकेले निहारिका के साथ ही नहीं है।
टीनएज में लड़कियों के कमरों में उनके पसंदीदा हीरो, हीरोइन, मशहूर अन्य दूसरे एक्टर्स, पॉप स्टार या म्युजीशियन के बड़े-बड़े पोस्टर लगे होते हैं। यह पोस्टर उनके कमरों की दीवारों पर ही नहीं बल्कि उनकी कॉपी, किताबों के कवर, पेंसिल बॉक्स या मग के बाहरी भाग पर भी चिपके दिखते हैं। जिन्हें वह मैगजीन और अखबारों के पन्नों से फाड़कर रख लेते हैं। इन चित्रों को बार-बार देखकर टीनएजर बच्चे तो नहीं लेकिन उनके मम्मी पापा जरूर उकता जाते हैं। लेकिन उनके लिए तो उनके पसंदीदा स्टार्स और उनका जलवा ही सब कुछ होता है। खासतौर पर लड़कियां उनके हर एक्ट की नकल करके उनकी प्रोफेशनल और व्यक्तिगत जीवन से जुड़ी छोटी से छोटी चीज के विषय में अपने दोस्तों के साथ गूफ्तगूं करती हैं। उनके लिए उनके जीवन में उस हीरो से बढ़कर और कोई चीज नहीं होती। वह उसके जैसा ही दिखना और बनना चाहती हैं और दिनरात उसी के सपने भी देखने लगती है।
विशेषज्ञों की मानें तो इस उम्र में फिल्मी सितारों, पॉप स्टार्स के प्रति लड़कियों में आकर्षण पैदा होना स्वभाविक है, इतना ही नहीं अगर उन्हें पता चले कि उनका पसंदीदा हीरो या पॉप स्टार उनके शहर में शूटिंग या किसी इवेंट पर शिरकत कर रहा है तो वह अपनी छोटी सी दुनिया में उस हीरो के दस्तक देने की कल्पना कर लेती हैं। उसकी एक झलक पाने के लिए वह बेताब रहती है। उसे लगता है उसका यह ख्वाब कब हकीकत में बदल जायेगा। किशोरावस्था में लड़के और लड़कियों का इस तरह सेलिब्रिटीज के प्रति आकर्षित होना एक सहज और स्वाभाविक ािढया है और जिसे वह किसी भी सूरत में पा लेना चाहते हैं।
टीनएज में होने वाले शारीरिक और भावनात्मक बदलावों के कारण वह इन हीरो हीरोइन को अपना रोल मॉडल बना लेती हैं और खुद भी उन्हीं के जैसा बनने की कोशिश करती हैं। उनके रोल मॉडल उनकी नजर में सफल, आत्मविश्वास से भरे और लोकप्रिय होते हैं। इस उम्र में वह अपने शरीर में हो रहे बदलावों से असंतुष्ट रहती है। चेहरे पर होने वाले मुंहासे, मोटापा उसके आत्मविश्वास को कम करते हैं तो ग्लैमर और चमक-दमक की दुनिया में रहने वाले ये सितारे जो पीन पर परफेक्ट दिखते हैं, जिनकी दुनिया रोमांचपूर्ण होती है, वह उन्हीं की ओर आकर्षित होती हैं। उन्हें बस दिनरात उन्हें देखना अच्छा लगता है और अपने फ्रेंड्स के साथ भी वह उन्हीं के बारे में बाते करती हैं।
मनोविदो का मानना है कि किसी खास हीरो या हीरोइन के प्रति टीनएज की दीवानगी के पीछे कई कारण होते हैं। लड़कियां उस हीरो को ही अपना सर्वस्व मानने लगती है और उनमें उन्हें कोई खामी नहीं दिखती, जबकि उनके इर्दगिर्द के लोग या उनके परिवार के अन्य सदस्य उनमें जानबूझकर इतनी कमियां निकालते हैं। यह बात उसे बहुत बुरी लगती है। विशेषज्ञों की मानें तो टीनएज में यह बेहद आम है, उनका हीरो फिल्म, खेल जगत से जुड़ी कोई हस्ती हो सकती है या संगीत की दुनिया का कोई सितारा जिसके साथ वह जीना पसंद करती है। इसे वह सहज मानते हैं बशर्ते टीनएजर की यह दीवानगी सनक या जुनून में न बदल जाये।
माता-पिता का कैसा हो रिस्पोंस- निहारिका को वरूण धवन पसंद है लेकिन उसकी मां को वरूण धवन में कई खामियां दिखती हैं। वरूण धवन के प्रति निहारिका की दीवानगी उसकी मां को पसंद नहीं, नतीजा दोनो के बीच वरूण धवन को लेकर बहसबाजी और लड़ाई झगड़ा होता है। निहारिका की मां इस बॉलीवुड अभिनेता के प्रति बेटी का प्यार या दीवानगी को वह गलत मानती है। हकीकत में ऐसा नहीं होना चाहिए। माता-पिता को समझना चाहिए कि इस उम्र में बच्चों के बीच इस तरह की बात कोई नयी नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि माता-पिता को इस बात को समझना होगा कि बच्चों के विकास ाढम में यह एक महत्वपूर्ण समय है। किसी स्टार को पसंद करना उसके जीवन से जुड़ी हर छोटी से छोटी चीज के बारे में पढ़ना, जानकारी जुटाना, उसे अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानकर उसी की तरह जीवन में सफल होने की ख्वाहिश पालना कोई गलत बात नहीं है। अपने पसंदीदा हीरो से मिलने के लिए प्रयास करना या उसकी बुराई सुनकर गुस्सा होना या लड़ना स्वभाविक है।
माता-पिता द्वारा बेटी को उसके इस `हीरो वर्शिप' यानी स्टार प्रेम को लेकर उस पर तंज नहीं करना चाहिए। टीनएज में उसके प्रति प्यार या दीवानगी जिस तरह यह उसके जीवन में एकाएक आती है, वैसे ही उम्र का वह दौर गुजर जाने के बाद यह खत्म भी हो जाती है। अगर वह उसे अपने सपनों में देखती है, तो बुरा क्या है? कई टीनएजर लड़के अपने हीरो के मुंह में दबे सिगार या सिगरेट पीने की नकल करने कोशिश करते हैं। इसलिए मां को चाहिए कि बेटी के इस हीरो प्रेम को सकारात्मक रूप में लें। वह अपनी बेटी के साथ अपने जमाने के उस फिल्मी हीरो, स्पोर्ट्स स्टार या गायक जो उसे बेहद पसंद था, के अपने अनुभव शेयर कर सकती है। इस तरह दोनो के आपसी व्यवहार में संतुलन बनाना आसान होता है। हकीकत और सपना दोनो के नजरिये से बच्चा चीजों को देखता है और मां को इस बात का एहसास ही नहीं होता कि कब उसकी लाड़ली धीरे-धीरे जिंदगी की इस पड़ाव से निकलकर हकीकत की दुनिया में आकर अपने कॅरिअर के प्रति गंभीर हो जाती है। इसलिए उसको समझें, उसके रोल मॉडल को जानने की कोशिश करें और उसके साथ अपना सहज संबंध विकसित करने के लिए लचीले और ऐसे आसान नियम बनायें जिनका पालन करना उसके लिए आसान हो।

Share it
Top