Home » रविवारीय » दोस्ती ही नहीं पेरेंट्स का सपोर्ट भी जरूरी है

दोस्ती ही नहीं पेरेंट्स का सपोर्ट भी जरूरी है

👤 Veer Arjun Desk | Updated on:4 March 2018 4:20 PM GMT

दोस्ती ही नहीं  पेरेंट्स का सपोर्ट भी जरूरी है

Share Post

नीलम अरोड़ा

टीनएज में बच्चों के लिए उनके दोस्त पेरेंट्स से ज्यादा जरूरी लगने लगते हैं। किशोवस्था में बच्चे अपनी पहचान बनाने के लिए माता-पिता के प्रभाव से दूर रहकर अपने दोस्तों के बीच ज्यादा रहना पसंद करते हैं। यह वह उम्र है जब उन्हें दूसरे पीयर ग्रुप के साथ रहना, उनके साथ हैंगआउट करना ज्यादा अच्छा लगता है।
यही वजह है कि वह इस उम्र में वे ज्यादा दोस्त बनाते हैं और यह दोस्त उनके लिए उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने वाले, उन्हें प्रभावित करने वाले और उनके तनाव को कम करने में सहायक साबित होते हैं। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वे माता-पिता को कम तव्वजो देते हैं। यह पेरेंट्स पर भी निर्भर करता है कि इस उम्र में वह उनके लिए पहले जितने महत्वपूर्ण बने रहें और उनके जीवन पर उनका उतना ही प्रभाव रहे। प्यार और सपोर्ट के लिए वे अपने पेरेंट्स पर ही निर्भर हों, भले ही उनके हजारों दोस्त हों।
टीनएज में बच्चों के जीवन में जब सब कुछ सही होता है तो उसे अपने दोस्त अच्छे लगते हैं, लेकिन निराशा, हताशा, तनाव या परेशानी की स्थिति में टीनएज बेटा या बेटी पेरेंट्स से ही सपोर्ट चाहते हैं। क्योंकि वे बच्चे होते हैं, जिन्हें प्यार और देखभाल की जरूरत होती है। भले ही वे अपने आपको कितना आत्मनिर्भर बना लें या समझें।
पेरेंट्स होने के नाते समझना होगा कि उसके लिए उसके दोस्त महत्वपूर्ण है लेकिन पेरेंट्स की भूमिका का महत्व अभी भी उतना ही है। "ाrक इसी तरह बच्चे को दोस्तों के साथ ज्यादा वक्त बिताने, उन पर अपनी दूसरी जरूरतों के लिए निर्भर होने के बावजूद पेरेंट्स पर अपनी भावनात्मक निर्भरता को समझना होगा। क्योंकि बच्चा अंततः इमोशनल सपोर्ट के लिए माता-पिता पर ही निर्भर होता है। उन्हें आत्मनिर्भर बनाएं, लेकिन सीमाओं का निर्धारण करें, जो बच्चे और आप दोनो के लिए स्वीकार्य हों। क्योंकि पेरेंट्स को इस बात को कभी नहीं भूलना चाहिए कि उसका अपने पेरेंट्स के साथ रिश्ता बेहद मजबूत है। उन्हें जब विश्वास और मदद की जरूरत होगी तो वे अपने पेरेंट्स से ही इसकी उम्मीद रखते हैं। अगर ऐसा नहीं होता तो वे शराब और दूसरे मादक द्रव्यों का सहारा लेते हैं, इसलिए पेरेंट्स होने के नाते समझें कि उसके दोस्त उसके लिए महत्वपूर्ण है। इसके बावजूद उनकी भूमिका कहीं कम नहीं हुई है। अपने टीनएजर के साथ रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए क्या करें, आइये जानें-
‡ अपने बच्चे को उसके दोस्त चुनने में मदद करें। घर में ऐसा पॉजिटिव और सहयोग का माहौल बनाये जिसमें आपका टीनएजर खुद को सुरक्षित महसूस कर सके।
‡ उसके नये दोस्तों और उनके नकारात्मक व्यवहार पर पूरी नजर रखें।
‡ उसके साथ ज्यादा समय गुजारे। यदि उसे वेस्टर्न म्युजिक सुनना पसंद है तो इसके विषय में अपना ज्ञान बढ़ायें। भले ही आपको वह सुनना पसंद न हो। इस तरह अगर आपका टीनएजर आपसे दूर रहने की कोशिश करता है तो उसकी रूचियों में अपनी दिलचस्पी दिखायें।
‡ अकसर टीनएजर अपने जैसे दोस्त चुनते हैं। जिनकी रूचियां, उनके जैसी हों और जिनका व्यक्तित्व उनके व्यक्तित्व से मेल खाता हो, इसलिए जब आप उसके दोस्तों की आलोचना करते हैं तो वह इसे अपनी आलोचना समझकर आपसे नाराज हो सकता है।
‡ टीनएज में बच्चों को दोस्तों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। क्योंकि इन मुश्किल सालों में उसे सामाजिक सपोर्ट के लिए इन पर ही निर्भर रहना अच्छा लगता है। दोस्ती ही उन्हें तनाव और आत्महत्या की प्रवृत्ति से दूर रखती है। इसलिए उसके दोस्तों के साथ मिलने जुलने, घूमने पर एतराज न करें बशर्ते अगर आपको लगे कि उसके दोस्तों का उन पर बुरा असर हो रहा है।
पेरेंटिंग सीखने का कोई तयशुदा फार्मूला नहीं है। पेरेंट्स बच्चे के पालन पोषण द्वारा और अपने अनुभवों से ही सीखते हैं। इसलिए टीनएज में उसके जीवन में खुशी लाने के लिए जरूरी है कि उसके साथ संवाद का सिलसिला लगातार बनाकर रखें और दूसरे पेरेंट्स के साथ भी बच्चों की समस्याओं के विषय में खुलकर बात करें। टीनएज मनोविज्ञान को जाने, समझें, जब जरूरत हो तो प्रोफेशनल की मदद लें और सीखने की इस प्रािढया का आनंद लें।

Share it
Top