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बुजुर्गों के आर्शीवाद से जीवन में कामयाबी मिलती है : रामचन्द्र

👤 Veer Arjun Desk | Updated on:20 May 2018 3:08 PM GMT

बुजुर्गों के आर्शीवाद से जीवन में कामयाबी मिलती है : रामचन्द्र

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-रमेश राजपूत-

किसी भी काम में कामयाबी के लिए बड़े बुजुर्गों का आर्शीवाद जरूर लेना चाहिए कुछ लोग तो सुबह स्नान आदि करके बड़े बुजुर्गों का आर्शीवाद लेकर ही अपनी दिनचर्या शुरू करते हैं। ऐसा करने से मन को शान्ति मिलती है और खुशी भी मिलती है। परन्तु संस्कारों और शिष्टाचार की कमी के कारण आजकल के बच्चे नौजवान बड़े-बुजुर्गों से सीधे कुछ बात तक करके राजी नहीं होते। आर्शीवाद लेने की तो बात ही छोड़िए। संस्कारों की कमी के कारण ही घर में टैंशन बनी रहती है। बड़े बुजुर्गों से बहुत कुछ सीखने को भी मिलता है कुछ लोग जीते जी अपने माता-पिता और अन्य बड़े-बुजुर्गों से बात तक नहीं करते और उनके मरणोप्रांत उनके नाम पर भंडारे करते हैं उनके नाम से दान-पुन करके पुण्य कमाने का प्रयास करते हैं। कुछ लोगों के पास जब अनाप-शनाप पैसा आने लगता है तो वे पैसे की हवस में भूल जाते हैं। अपने बड़े बुजुर्गों को। विधायक राम चन्द्र का भी कहना है कि बड़े-बुजुर्गों के आर्शीवाद और प्रभु की कृपा से बिगड़े हुए काम भी बन जाते हैं। मन को शान्ति मिलती है। रामचन्द्र जी का कहना है कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि वे विधायक बन जाएंगे लेकिन बड़े बुजुर्गों के आर्शीवाद, प्रभु की कृपा और जनता के स्नेह से वे रिकार्ड तोड़ मतों से विधानसभा का चुनाव जीते। विधायक रामचन्द्र का कहना है कि आजकल के नौजवान संस्कारों की कमी के कारण भटक गए हैं। इसीलिए बड़े-बुजुर्गों का मान-सम्मान नहीं करते जबकि बड़े बुजुर्गों के आर्शीवाद और प्रभु की कृपा से कामयाबी भी मिलती है। और मन को शान्ति भी मिलती है।
दिल्ली के बवाना विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के एमएलए, हमारे नेताजी रामचन्द्र ने वीर अर्जुन से बतियाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार के सहयोग से उनके क्षेत्र में बहुत काम हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि क्षेत्र की कालोनियों व गांवों में सैंकड़ों गलियां सड़कें बन चूकी है जबकि कुछ सड़कें शीघ्र बनना प्रस्तावित है। बिजली की भी कोई समस्या नहीं है। कोई ट्रांसफार्मर आदि खराब हो जाता है तो उसे तुरंत बदलवाया जाता है। उन्होंने बताया कि पानी का एक यूजीआर 2004 में लगभग बन गया था लेकिन किसी ने उसकी सूध नहीं ली थी। उन्होंने अपने अथक प्रयासों से इस यूजीआर को चालू करवा दिया है। इसमें 7 कॉलोनियों व गांवों को पानी मिलने लगा है। मुख्यमंत्री केजरीवाल जी इसका विधिवत उद्घाटन भी कर गए हैं। उन्होंने बताया कि कुछ एरिया में शीघ्र ही सीवर पाईप लाईन डालने की योजना भी प्रस्तावित है। शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं पर चर्चा करते हुए विधायक रामचन्द्र ने बताया कि क्षेत्र में एक स्कूल बिल्डिंग नई बन गई है। जबकि एक स्कूल बिल्डिंग का निर्माण कार्य चल रहा है। स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा किया जा रहा है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद स्कूलों की स्थिती में बहुत सुधार हुआ है। स्कूलों की व्यवस्था आदि देखने के लिए या किसी स्कूल की शिकायत मिलने पर वे स्कूलों का ओचक निरीक्षण भी कर लेते हैं। विधायक ने बताया कि पु" खुर्द में एक बड़ा अस्पताल है। दो मौहल्ला क्लिनिक है और पांच मौहल्ला क्लिनिक की और डिमांड की गई है।
विधायक राम चन्द्र ने बताया कि उन्होंने मैट्रो रेल सेवा का बवाना-नरेला तक विस्तार किए जाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में कुछ बसों की भी कमी है लेकिन दिल्ली सरकार शीघ्र ही बहुत सी नई बसें खरीद रही है। इसके बाद उनके क्षेत्र को भी बसें मिलेगी। क्या जनहित कार्यों में आपको एमसीडी से सहयोग मिल रहा है? इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि सहयोग की बात तो छोड़िए विकास आदि कार्यों की परमिशन देने में भी असहयोग बना रहता है। उन्होंने कहा दिल्ली के मुख्यमंत्री, मंत्रियों व दिल्ली सरकार के अधिकारियों का उन्हें विकास व जनहित कार्यों में पूरा सहयोग मिल रहा है। एमएलए फंड का पैसा कहां खर्च किया जा रहा है? इस बारे में पूछे जाने पर एमएलए साहब ने बताया कि यह पैसा पानी, गलियों, सड़कों, रास्तों व सोलर लाईटों आदि पर खर्च किया गया है। विधायक क्षेत्र में पार्कों की क्या स्थिती है? इस बारे में उन्होंने बताया कि एमसीडी के पार्को की तो हालत "ाrक नहीं है। डीडीए के पार्को का सौंदर्यकरण करवाया जा रहा है। विधायक रामचन्द्र ने बताया कि उनके विधानसभा क्षेत्र में दो दर्जन से ज्यादा कॉलोनियों तथा एक दर्जन से ज्यादा रोहिणी का सेक्टर एरिया है।
विधायक रामचन्द्र जी का जन्मदिन 2 सितम्बर को होता है। जन्मदिन के मौके पर घर पर ही रहने का प्रयास करते हैं। इन्होंने गरीबी देखी है लेकिन ईमानदारी और मेहनत में कोई कमी नहीं है। इसलिए अपने पुराने दिन भी नहीं भूलते। एक बार इन्होंने गांव के चुनाव में सदस्य के रूप में चुनाव लड़ा था तो नामांकन पत्र की 2 रूपये फीस थी यह फीस भी किसी और ने दी थी इन्होंने मेहनत की घर-घर जाकर लोगों से मिले और उस समय भी रिकार्ड मतों से जीते थे। उस वक्त के चुनाव अधिकारी ने भी इनकी प्रशंसा की थी। विधायक जी के खाने में शाकाहारी भोजन ही चलता है। फलों में सभी सीजनल फल पसंद हैं तो खेलों में कुश्ती के शौकीन रहे हैं। मी"s-मि"ाईयों और गुड़ व दूध का सेवन भी नियमित करते हैं। सामाजिक व राजनैतिक कार्यों में इनका बेटा आकाश इनको पूरा सहयोग करता है। इनकी धर्मपत्नी श्रीमती आरती एक घरेलू महिला है। विधायक जी दिनभर अपने क्षेत्र के किसी गांव या कॉलोनी में लोगों के बीच बने रहते हैं।

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