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'सुपर फूड' हैं सब्जियां इन्हें खाएं और सेहत बनाएं

👤 Veer Arjun Desk | Updated on:17 Jun 2018 5:31 PM GMT

सुपर फूड हैं सब्जियां  इन्हें खाएं और सेहत बनाएं

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राजकुमार 'दिनकर'

भोजन में सब्जियों के महत्व को भला कौन नहीं जानता, सब्जियां हमारी पाचनािढया को दुरुस्त रखती हैं। यह हमारे शरीर की समूची कार्यप्रणाली के संचालन के लिए आवश्यक हैं। स्वास्थ्य के लिए जरूरी इस सुपर फूड के महत्व से पूरी दुनिया वाकिफ है। दुनिया के सभी देशों में सब्जियां खायी जाती हैं और इन्हें ज्यादा खाने से शरीर को कोई नुकसान भी नहीं होता; क्योंकि पौष्टिकता से भरपूर सब्जियों में कैलोरीज कम होती हैं। यह दुनिया के किसी भी देश में, किसी भी जगह पर सहज उपलब्ध होती हैं और सस्ती होने के कारण यह हर किसी के बजट में भी होती हैं। भोजन के अनिवार्य हिस्से यानी सब्जियों को कैसे पकाया जाये और कैसे इनसे पौष्टिक तत्व प्राप्त किये जायें, इन्हें कच्चा खाया जाये या पकाकर खाएं, इन्हें धीमी आंच पर कड़ाही, पतीले में बनाया जाये या प्रेशर कुकर में; माइाढाsवेव ओवन में पकाने से क्या इनकी पौष्टिकता बनी रहती है?

सब्जियां हमारे स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं और यह हमें फिट रखती हैं। कैसे सब्जियां विटामिन, खनिज लवण और फाइबर का उत्तम स्रोत होती हैं, चिकित्सक दिन में चार से पांच कटोरी सब्जियां और दो तीन बार फल खाने की सलाह देते हैं। सब्जियों को कैसे बनाया जाये, कैसे उनकी पौष्टिकता सुरक्षित रखें, आइये इस बारे में जानें-

सब्जियों को प्रेशर कुकर में पकाना

सब्जियों को उबालने से इनमें मौजूद 80 प्रतिशत ग्लूकोसी नोलेट तत्व नष्ट हो जाता है। यह कैंसररोधी और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला तत्व है। ब्रोकली, फूलगोभी, बंदगोभी और अंकुरित अनाज को अगर उबाला जाता है तो इनकी 70 प्रतिशत पौष्टिकता खत्म हो जाती है। अगर इन्हें उबालकर ही खाना हो तो जिस पानी में इन्हें उबाला जाये उस पानी को छानकर उसका इस्तेमाल करना चाहिए। गाजर को उबालने से उसमें मौजूद विटामिन 'ए' की मात्रा में वृद्धि होती है। अगर उसे भाप द्वारा या तलकर खाया जाए या कच्चा खाया जाए तो इसलिए मौजूद विटामिन ए की मात्रा उतनी ही बनी रहती है। हर सब्जी को उबालने या पकाने का मतलब यह नहीं है कि उसकी पौष्टिकता खत्म हो जाती है या कम हो जाती है।

भाप द्वारा पकाना

यह कुकिंग का ऐसा माध्यम है जिसमें सब्जियों के पौष्टिक तत्व सुरक्षित रहते हैं। इससे उनके रंग और स्वाद में इजाफा होता है और इनके पौष्टिक तत्व भी बचे रहते हैं। सवाल है उसे कितनी देर के लिए भाप में रखा जाए, ताकि यह पौष्टिक बनी रहे? सब्जियों को इतना ही उबालना चाहिए कि वह अंदर से ािढस्पी रहें और बाहर से मुलायम बनी रहें ताकि उनकी पौष्टिकता बनी रहे।

हल्का फ्राई करना

सब्जियों को फ्राई करके उन्हें तुरंत खाया जा सकता हैं। लेकिन उन्हें फ्राई करते समय इस बात का ध्यान रखें कि उनमें फैट को कम करके उन्हें उतना ही फ्राई किया जिससे उनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और मिनिरल बचे रहें।

डीप फ्राई

सब्जियों को डीप फ्राई करने से इसके स्वाद में तो वृद्धि होती है लेकिन इसमें मौजूद पौष्टिक तत्व नष्ट हो जाते हैं। यह शरीर के लिए फायदेमंद नहीं होते और सब्जियों को फ्राई करने से उनमें वसा हो जाती है।

माइाढाsवेव करना

उबालने की तुलना में सब्जियों को माइाढाsवेव में पकाकर खाना फायदेमंद होता है। माइाढाsवेव में चीजें अंदर और बाहर दोनो तरफ से पकती हैं। इसमें अधिक से अधिक ताप और कम से कम ताप पर चीजों को पकाया जाता है, जिससे इनमें मौजूद पौष्टिक तत्व सब्जियों के भीतर ही सुरक्षित रहते हैं। विभिन्न अध्ययन भी बताते हैं कि ब्रोकली को अगर माइाढाsवेव में पकाया जाये तो इसमें मौजूद विटामिन सी सुरक्षित रहता है।

सब्जियों को कच्चा खाना

सब्जियों में मौजूद विटामिन, मिनिरल, एंजाइम्स का फायदा पाने के लिए इन्हें कच्चा खाया जाना चाहिए। लेकिन ताजी सब्जियों को स्टोर करने की बजाय उसे तुरंत खाना चाहिए, जिससे उनको कच्चे खाने का ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके।

सब्जियों को किसी भी रूप में खाएं

यदि ताप से सब्जियों में मौजूद पौष्टिक तत्व कम हो जाते हैं और उबालने से इनकी पौष्टिकता पानी में रह जाती है। गाजर, टमाटर में मौजूद पौष्टिक तत्वों का फायदा लेने के लिए इन्हें पकाकर खाना चाहिए। वहीं दूसरी ओर हरी सब्जियां, अनाज और बींस में मौजूद ऑक्सालेट और फाइटेट पकाने से कम हो जाते हैं, इसलिए फ्रेश का मतलब यह नहीं होता कि अच्छा ही हो।

जिस तरह लाइकोपिन नामक एंटीऑक्सीडेंट कैंसररोधी होता है और प्रोस्ट्रेट, प्रोस्डेट टमाटर खाने में फायदेमंद होता है बजाय कच्चे टमाटर के। क्योंकि टमाटर पकने के बाद जब टूटता है तो उसमें से लाइकोपिन निकलता है, इसलिए सब्जियों के बारे में सीधा सा फार्मूला है जिन्हें कच्चा खाया जा सकता है, उन्हें कच्चा खाएं और जिन्हें पकाकर खाने से उनकी पौष्टिकता बरकरार रहती है, तो उसका उसी तरह से फायदा लें।

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