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हमारे लिए पद नहीं पार्टी महत्वपूर्ण है: रणदीप सुरजेवाला

👤 Veer Arjun Desk | Updated on:24 Jun 2018 3:07 PM GMT

हमारे लिए पद नहीं पार्टी महत्वपूर्ण है: रणदीप सुरजेवाला

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-रमेश राजपूत-

राजनीति में कदम रखने के बाद बहुत से लोगों की महत्वकांक्षा (चाहत) बढ़ने लग जाती है। पहले तो किसी पार्टी की टिकट के लिए चाहत होती है। विधानसभा में टिकट मिल जाती है तो चुनाव जीतने के बाद विधायक बन जाते हैं। विधायक बनने के बाद मंत्री बनने की चाहत जाग जाती है। मंत्री बनने के कुछ वर्षों बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी के सपने दिखने शुरू हो जाते हैं। कभी-कभी तो हालात ऐसे बन भी जाते हैं कि कुछ नेता मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंच भी जाते हैं। कुछ लोग निस्वार्थ भावना को लेकर राजनीति में कदम रखते हैं। ऐसे लोग पार्टी की सेवा में लग जाते हैं। ऐसे लागों को न तो कभी चुनाव के लिए टिकट की चाहत होती न ही चुनाव जीतकर मंत्री या मुख्यमंत्री बनने की चाहत होती। टिकट मिल जाती है तो चुनाव लड़ लेते हैं। अन्यथा पार्टी की सेवा में लगे रहते हैं। शायद ऐसे पार्टी सेवक इस कहावत पर कायम रहते हैं कि बिन मांगे मोती मिले, मांगे मिले न भीख। या फिर ऐसे लोगों को अपनी काबलियत पर गर्व होता है कि पार्टी जैसा उचित समझेगी वैसा उनके लिए करेगी। पार्टी के लिए समर्पित ऐसे लोगों को पार्टी के प्रति अपनी निष्"ा, अपने काम और भगवान पर भरोसा होता है।

हरियाणा प्रदेश एक छोटा सा राज्य है लेकिन यहां की राजनीति बहुत बड़ी होती है यहां जिन लोगों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था वे मंत्री और मुख्यमंत्री तक बन गए। यहां हमेशा जोड़-तोड़ की राजनीति चलती है पहले तो लोग विधायक बनने के लिए भागदौड़ करते हैं अगर विधायक बन जाते हैं तो उन्हें मंत्री पद नजर आने लगता है कभी-कभी तो किसी का दाव ऐसा लग जाता है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंच जाते हैं लेकिन कांग्रेस का समर्पित हरियाणा के कदावर नेता चौ. शमशेर सिंह सुरजेवाला ने कभी जोड़-तोड़ की राजनीति नहीं की। हरियाणा जब अलग अस्तित्व में नहीं था तो संयुक्त पंजाब के दौरान से ही सुरजेवाला जी राजनीति में सािढय रहे। हरियाणा में कई बार विधायक बने, केबीनेट मंत्री का हमेशा दर्जा मिला। निस्वार्थ भावना और ईमानदारी से उन्होंने पार्टी की और जनता की सेवा की। आजकल शमशेर सिंह सुरजेवाला जी बिस्तर पर हैं। क्योंकि बीमार हैं। लेकिन उन्होंने अपने कई दशकों के राजनीतिक कैरियर में कभी मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए भागदौड़ नहीं की।

पूर्व मंत्री, पूर्व सांसद चौ. शमशेर सिंह सुरजेवाला के बेटे रणदीप सुरजेवाला भी अपने पिताश्री के नक्शे कदम पर चलते हुए छात्र जीवन से ही कांग्रेस को समर्पित हैं। इनको 1986 में हरियाणा प्रदेश युवा कांग्रेस में सह सचिव के पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके बाद विधायक बने और 2005 में हरियाणा मंत्रीमंडल में सबसे कम उम्र के युवा चेहरे रणदीप सुरजेवाला जी नजर आ रहे थे। पार्टी के लिए दिल लगाकर काम किया। लोगों का दिल जीता फिर तो सफलता कदम चूमती रही। फिर विधायक बने और मंत्री बने। आज हरियाणा में कांग्रेस की हालत फिलहाल पतली है फिर भी रणदीप सुरजेवाला आज भी हरियाणा से विधायक हैं। इनकी कार्यशैली और निष्"ा को देखते हुए पार्टी ने राष्ट्रीय प्रवक्ता के पदभार की जिम्मेदारी इनको सौंपी।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता, विधायक और हमारे नेताजी रणदीप सुरजेवाला ने वीर अर्जुन से बतियाते हुए कहा कि हमारे लिए कोई पद नहीं बल्कि पार्टी महत्वपूर्ण है। वे हमेशा पार्टी को मजबूत करने और पार्टी का जनाधार बढ़ाने का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि उनके पिताश्री चौ. शमशेर सिंह सुरजेवाला कई वर्षों तक राजनीति में सािढय रहे। कांग्रेस को समर्पित रहे लेकिन उन्होंने भी कभी किसी पद की लालसा नहीं की। कभी मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल नहीं हुए। उन्होंने कहा कि पिताश्री से बहुत कुछ सीखने को मिला है। आज उन्हीं के मार्ग दर्शन में वे काम कर रहे हैं। हाल फिलहाल हरियाणा में चल रही कांग्रेस नेताओं की गुटबाजी से सम्बन्धित पूछे गए प्रश्न के उत्तर में रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस नेताओं में कोई गुटबाजी नहीं है। सभी नेता अपने तरीके से पार्टी को मजबूत करने के काम में लगे हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि अगली विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में कांग्रेस का ही परचम लहराएगा। अगर कांग्रेस को बहुमत मिल गया तो मुख्यमंत्री कौन बनेगा? इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह तो पार्टी के विधायक और पार्टी हाईकमान ही तय करेगें। उन्होंने कहा कि 2019 का आम लोकसभा चुनाव कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी जी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा। केन्द्र में भी एक बार फिर कांग्रेस के नेतृत्व में ही सरकार बनेगी। हरियाणा की वर्तमान भाजपा सरकार के बारे में आपका क्या कहना है? इस बारे में पूछे जाने पर रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि कोई काम न होने से भाजपा कार्यकर्ता अपने विधायकों से खुश नहीं है। विधायक अपने मंत्रियों से खुश नहीं है। मंत्री मुख्यमंत्री से खुश नहीं है और मुंख्यमंत्री जी इन किसी से खुश नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद बेरोजगारी बढ़ी है। अपराध बढ़े हैं। कानून व्यवस्था चौपट हो गई है। बिजली पानी तक के लिए लोग तरस रहे हैं। विकास और जनहित का कोई काम नहीं हो रहा। मुख्यमंत्री खट्टर जी केवल घोषणाएं करने या आधार शिलाएं रखने में व्यस्त रहते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार से देश और प्रदेश के लोग दुखी हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे में आपका क्या कहना है? इस बारे में पूछे जाने पर रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि लच्छेदार भाषण देकर जनता को गुमराह करने में मोदी जी का कोई मुकाबला नहीं कर सकता। चुनावी वायदों को जुमले बताने वाले अ अगला चुनाव किस मुद्दे पर लड़ेंगे?

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं हरियाणा के पूर्व मंत्री रणदीप सिंह सुरजेवाला का जन्म 3 जून 1967 को चंडीगढ़ में हुआ। उस समय भी इनके पिताश्री चौ. शमशेर सिंह मंत्री थे। स्कूल से लेकर कॉलेज तक की शिक्षा रणदीप जी ने चंडीगढ़ में पूरी की। लायर भी बने। कई देशों की यात्रा इन्होंने की है। सभी देशों का अलग-अलग दृष्टि से महत्व बताया लेकिन संस्कृति और सभ्यता की दृष्टि से अपने भारत को ही महान बताया। रणदीप जी का शुभ विवाह 26 दिसम्बर 1991 को गायत्री जी के साथ हुआ इनके अर्जुन और आदित्य दो बेटे हैं। इनके खाने में शाकाहारी भोजन ही चलता है। घी, दूध, लस्सी, घी-बूरा व शक्कर इनको खूब भाते हैं। फलों में मी"s-मि"ाईयों में जो मिल सो "ाrक है। रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि उनकी माताश्री श्रीमती विदया देवी सुरजेवाला पूरे परिवार के खान-पान का पूरा ध्यान रखती है। उल्लेखनीय है कि कोई भी सवाल हो रणदीप सुरजेवाला तथ्यों के आधार पर बहुत सोच समझकर बोलते हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं इसलिए दिनभर में सैंकड़ों पत्रकारों से भी इनको रूबरू होना पड़ता है। पत्रकार भी इनकी कार्यशैली से खुश रहते हैं।

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