शहर को चमकाने में लोगों का सहयोग भी जरूरी! चेयरमैन
-रमेश राजपूत-
हम लोग अपनी सरकार और प्रशासन से बहुत सी अपेक्षाएं करते हैं कि हमारे शहर या गांव का अच्छा विकास हो, गलियां, नाले-नालियां पक्की हों, स्ट्रीट लाईटें जगमगाती रहे और सफाई व्यवस्था भी बहुत अच्छी होनी चाहिए। लेकिन हम यह कभी नहीं सोचते कि इन चीजों को पाने के लिए हम सरकार या प्रशासन को सहयोग क्या कर रहे हैं? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने खुद झाडु हाथ में लेकर सफाई करके स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की लेकिन हम इतने निडर और बेशर्म हो गए हैं। कि राह चलते जहां मर्जी सड़कों पर गलियों में कूड़ा फैंक देते हैं। प्रधानमंत्री तक की बातों की भी हम अवहेलना करते हैं। हम गन्दगी खुद फैलाते हैं। उसके बाद प्रशासन से अपेक्षा करते हैं कि सफाई व्यवस्था बहुत अच्छी होनी चाहिए। हमें पीने का स्वच्छ पानी चाहिए। सरकार उसे उपलब्ध करवाने का प्रयास भी करती है लेकिन जब हम पानी को फिजूल में बहाते हैं तो यह नहीं सोचते कि कल अगर पानी नहीं मिला तो कैसे काम चलेगा? लोग अपने स्वार्थ के लिए पक्की गलियों व नालियों को तोड़ देते है। अवैध कब्जे कर लेते हैं लेकिन शायद यह कभी नहीं सोचते क्या हम यह "ाrक कर रहे हैं। किसी भी अभियान को सफल बनाने में या शहर गांव को सुन्दर बनाने के लिए जनता के सहयोग की जरूरत होती है। अलवर नगर परिषद के चेयरमैन अशोक खन्ना का कहना है कि शहर को सुन्दर बनाने के लिए जनता का सहयोग जरूरी है। जिस शहर में सफाई व्यवस्था अच्छी होगी। शहर के