टुनटुन दिले बेकरार का अफसाना
?कैलाश सिंह
विख्यात संगीतकार नौशाद का बंगला मुंबई में समुद्र के किनारे था। एक सुबह एक 23 साल की लड़की ने उनके घर पर दस्तक दी। अंदर आते ही उसने धमकी देते हुए कहा, "आप अगर मुझे फिल्मों में पार्श्व गायन का अवसर फ्रदान नहीं करेंगे तो मैं आपके घर के सामने ही समुद्र में कूदकर अपनी जान दे दूंगी। मैं अगर सैंकड़ों मील दूर स्थित अपने घर से अकेली भागकर यहां तक आ सकती हूं तो जो कह रही हूं वह करके भी दिखा सकती हूं।'
लड़की की धमकी में नौशाद को गंभीरता नजर आई। वह डर गए, लेकिन अपने आपको संभालते हुए उन्होंने लड़की को तसल्ली दी, उसका गुस्सा शांत किया और फिर उससे कोई गीत सुनाने के लिए कहा। नौशाद ने दस मिनट तक लड़की का गाना सुना और उसे 'वामिक अजरा' फिल्म में गाने के लिए अनुबंध कर लिया। यह 1946 की बात है। लड़की का नाम उमा देवी खत्री था। उमा देवी का जन्म मथुरा (उत्तर फ्रदेश) इलाके के एक छोटे से गांव में 11 जुलाई 1923 को एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। अपने बचपन में ही उन्होंने अपने मां बाप को खो दिया था। जिससे उनकी परवरिश की जिम्मेदारी उनके चाचा और बड़े भाई पर आन पड़ी थी। उन दिनों परिवार में लड़कियों को कोई विशेष महत्व नहीं दिया जाता था, महिला शिक्षा को तो एकदम गैरजरूरी समझा जाता था। इसलिए उमा देवी को कभी स्कूल नहीं भेजा गया।
लेकिन उनमें कुछ बनने की चाहत थी, जिस वजह से उन्होंने खुद ही पढ़ना लिखना सीख लिया। उमा देवी को रेडियो पर गाने