दुनिया में बहुत कम पाया जाने वाला एक विचित्र पक्षी कीवी
के.पी.सिंह
कीवी एक विचित्र पक्षी है। 'कीवी' शब्द किसी भाषा का शब्द नहीं है। इस पक्षी को कीवी इसलिये कहा जाता है क्योंकि यह रात के समय कीवी-कीवी की आवाज निकालता रहता है इसलिये इसे आम बोलचाल की भाषा में कीवी कहा जाने लगा और इसे इसी नाम से जाना जाने लगा। यह रात के समय शिकार की खोज में निकलता है और उस दौरान इस तरह की आवाज निकालता रहता है। कीवी शतुरमुर्ग से मिलता- जुलता है। यह न्यूजीलैंड के जंगलो में पाया जाता है। न्यूजीलैंड के आलावा किसी और जगह की जलवायु इसके जीवन जीने के अनुकूल नहीं होती। यही वजह है कि यह दुनिया कि किसी भी चिडियाघर में नहीं पाए जाते। कीवी हमेशा पेड़ो के खोखले तनो में या जमीन के अन्दर बिल बनाकर रहते हैं। कीवी ज्यादा ऊंचाई तक उड़ नहीं सकते शतुरमुर्ग और मुर्गी की तरह यह जमीन पर थोड़ी ही ऊंचाई तक उड़ पाते है। इनकी सुनने और सूंघने की शक्ति बहुत तीव्र होती है लेकिन इनकी नजर बहुत कमजोर होती है। यह दिन के समय केवल एक फीट दूर की चीजों को ही देख पाते हैं, रात के समय यह छह फीट की दूरी की चीजों तक ही देख सकते हैं। कीवी अकेला ऐसा पक्षी है जिनके नथुने उनकी चोंच के आखिरी सिरे पर होते हैं, जिनके द्वारा वह अपने शिकार को जमीन में से दूंढकर निकाल लाते है।
कीवी के पूरे शरीर की तुलना में उसका सिर छोटा होता है। उसके शरीर पर घने बाल होते है जो उसे शत्रु से बचाते है, उसकी पूंछ नहीं