....तो आ गया साझे मां-बाप का दौर
राजकुमार 'दिनकर'
लगभग 8 वर्ष पहले नताशा बख्त ने अपने जीवन में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया। कनाडा की ओटावा यूनिवर्सिटी में लॉ की 44 वर्षीय प्रोफेसर नताशा बख्त कहती हैं, "मुझे बच्चे चाहिए थे, लेकिन मैं रोमांटिक संबंध में नहीं थी। चूंकि मैं आर्थिक रूप से सुरक्षित हो चुकी थी, तो मैंने महसूस किया कि मुझे एक बच्चे की परवरिश करनी चाहिए और इसके लिए मेरा परिवार व दोस्त सहयोग करने के लिए तैयार थे।''
नताशा बख्त नृत्यांगना व कोरियोग्राफर भी हैं और जब उनके बेटे एलन का आगमन हुआ तो उनके लिए यह बहुत खुशी का लम्हा था। उनकी सहयोगी व करीबी दोस्त लिंडा कोलिंस उनकी बर्थ कोच थीं। यद्यपि बख्त को आपात स्थिति में सी-सेक्शन कराना पड़ा यानी बड़े ऑप्रेशन से उनका बच्चा हुआ, लेकिन एलन को पहली बार गोद में लेने के बाद यह दुख रफूचक्कर हो गया। बख्त कहती हैं, "हम दोनों (वह और लिंडा) को बच्चे से तुरंत प्रेम हो गया, हालांकि वह कुछ अजीब सा दिखाई दे रहा था।''
शायद यह पहली नजर का प्रेम था जिसने दो दोस्तों और एलन को एक साथ जोड़ दिया। पिछले वर्ष के आखिर में बख्त व कॉलिंस ने कानूनी इतिहास रचा जब वह कनाडा (और संभवतः उत्तरी अमरीका) में पहली लीगल को-पैरेंट्स बनी, जबकि वह एक दूसरे से रोमांटिक संबंध में नहीं हैं। यह कानूनी वैधता उस संबंध की मात्र औपचारिकता थी, जो बहुत पहले आरंभ हुआ था। अपनी मैटरनिटी लीव में अपने परिवार के करीब होने के लिए बख्त टोरेंटो आ गई थीं। एलन सेरिब्रल पालसी से पीड़ित था, इस बीमारी