Home » उत्तराखंड » राजधानी देहरादून में एटीएमों की सुरक्षा भगवान भरोसे

राजधानी देहरादून में एटीएमों की सुरक्षा भगवान भरोसे

👤 Veer Arjun Desk 3 | Updated on:4 May 2019 1:03 PM GMT
Share Post


देहरादून, वीर अर्जुन संवाददाता। ग्राहकों को सुविधा देने के लिए बैंकों ने एटीएम की सुविधा तो जरुर दे रखी है, लेकिन उनकी सुरक्षा और कार्डधारकों की गोपनियता भगवान भरोसे है। क्योंकि इन एटीएम मशीनों में कोई गार्ड नहीं है। यही कारण है कि हैकर्स बड़ी आसानी से एटीएम मशीन से छेड़छाड़ करके कार्ड की क्लोनिंग और डाटा चोरी करके आम जनता की गाढ़ी कमाई को लूट लेते हैं। राजधानी देहरादून में कई ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जहां हैकर्स ने एटीएम कार्ड का क्लोन बना कर कई सौ लोगों को चूना लगाया है। एटीएम की सुरक्षा को लेकर देहरादून पुलिस भी कई बार बैंक प्रबंधकों से बात कर उन्हें सुरक्षा पुख्ता करने के दिशा-निर्देश दिए थे। बावजूद इसके बैंक प्रबंधन चैन की नींद सोया हुआ है। बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े जानकार जगमोहन मेहंदीरत्ता का कहना है कि बैकिंग का विस्तार होने के चलते खाताधारकों को एटीएम की सुविधा दी गई थी, लेकिन एटीएम की सुरक्षा पूरी करने के लिए अलग से पैसा खर्च होता है। एटीएम में 24 घंटे एक गार्ड तैनात करना बैंकों के लिए घाटे का सौदा होता है। वहीं, अधिकतर बैंक घाटे में चल रहे हैं। हालांकि मेहंदीरत्ता की मानें तो बैंक को प्रशासन की तरफ से ज्यादा सहयोग नहीं मिल पा रहा है। प्रशासन की ओर बैंकों को हिदायत दी गई है कि जिन एटीएम में गार्ड नहीं रख सकते वो एटीएम सुरक्षा की दृष्टि से बंद रखें। यही कारण है कि ग्रामीण क्षेत्रों समेत शहर के बाहरी इलाकों में स्थिति अधिकाश एटीएम बंद होने की दिशा में हैं। वहीं ऑल इंडिया बैंक रिटायर्ड फेडरेशन के महामंत्री एससी जैन ने बताया कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए आम आदमी को भी जागरुक होना पड़ेगा। क्योंकि आज हम सस्ते ऑनलाइन सामान खरीदने के चक्कर में अपने बैंक खाते और एटीएम से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां अनजान लोगों को शेयर कर देते हैं, जिसका वे गलत फायदा उठाते हैं. हालांकि इस मामले में बैंकिंग सेक्टर को भी जरुरत के मुताबिक अपनी टेक्नोलॉजी को अपग्रेड करना होगा। वहीं एटीएम सुरक्षा को लेकर एसपी सिटी श्वेता चौबे का कहना है कि समय-समय पर एटीएम की सुरक्षा को लेकर चेकिंग कराई जाती है। हाल ही में एटीएम की चेकिंग को लेकर एक अभियान भी चलाया गया था। इस दौरान एटीएम और बैंक की सुरक्षा में जो खामियां सामने आईं थी। उसके बारे में बैंक प्रबंधन से बात की गई और उन्हें जरुरी दिशा-निर्देश दिए गए थे। बैंको के उच्च अधिकारियों को पत्राचार के माध्यम से सुरक्षा मापदंडों (आलर्म, सीसीटीवी कैमरा, सुरक्षा गार्ड) की जानकारी दी गई थी। साथ ही उन्हें बताया गया कि बैंकों की सुरक्षा में किसी तरह की कोई कोताही न बरतें।

Share it
Top