Home » उत्तराखंड » स्तन कैंसर एवं गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के लिये अक्टूबर माह में होंगे कई निःशुल्क शिविर

स्तन कैंसर एवं गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के लिये अक्टूबर माह में होंगे कई निःशुल्क शिविर

👤 Veer Arjun Desk 4 | Updated on:29 Sep 2017 3:55 PM GMT
Share Post

वीर अर्जुन संवाददाता

देहरादून, । केन पोटेक्ट फाउंडेशन की अध्यक्ष डा. सुनीता पभाकर ने कहा है कि कैंसर एक जानलेवा खतरनाक बीमारी है और हमारे देश में 45 लाख लोग इस रोग से पीडित है और 7.5 लाख लोग हर वर्ष इस रोग से जान गंवाते है। उनका कहना है कि इसी पकार से महिलाओं में स्तन कैंसर एवं गर्भाशय की ग्रीवा का कैंसर महिलाओं में अधिक पाया जाने वाला कैंसर है और इसी को मद्देनजर रखते फाउंडेशन व पेस क्लब के तत्वावधान में पांच अक्टूबर को स्तन कैंसर एवं गर्भाशय की ग्रीवा का कैंसर का निःशुल्क शिविर का आयोजन किया जायेगा। यहां परेड ग्राउंड स्थित उत्तरांचल पेस क्लब में पत्रकारों से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि आज महिलाओं में स्तन कैंसर व गर्भाशय की ग्रीवा के कैंसर के मामले बहुतायत में सामने आ रहें हैं और इसके लिए महिलाओं व युवतियों को जागरूक रहने की आवश्यकता है। इसी के लिये जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। उनका कहना है कि इस अक्टूबर माह में 15 निःशुल्क शिविरों का आयोजन राजधानी एवं आसपास के क्षेत्रों में किया जायेगा। उनका कहना है कि एक अक्टूबर को वैश्य नर्सिंग होम, तीन अक्टूबर को एनआईवीएच, चार अक्टूबर को सीएमआई अस्पताल, पांच अक्टूबर को उत्तरांचल पेस क्लब में, छह अक्टूबर को कैंटोंमेंट हास्पिटल गढी कैंट, नौ अक्टूबर को सुखदा हास्पिटल शिमला बाईपास, 10 अक्टूबर को मातृत्व वरदान हास्पिटल टर्नर रोड, 11 अक्टूबर को सावित्री नर्सिंग होम लक्ष्मण चौक, 13 अक्टूबर को चौहान हास्पिटल विकासनगर, 14 अक्टूबर को सुभारती हास्पिटल, 23 अक्टूबर को गोर्खाली सुधार सभा गढ़ी कैंट, 28 से 30 अक्टूबर मेगा शिविर अग्रवाल धर्मशाला, एवं 31 अक्टूबर को नगर निगम पेक्षागृह में इसका समापन किया जायेगा। उनका कहना है कि पांच अक्टूबर को निःशुल्क शिविर 10 बजे से दोपहर एक बजे तक किया जायेगा। उनका कहना है कि इस शिविर के लिए महिलाओं व युवतियों को अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा, रजिस्ट्रेशन 30 सितम्बर से चार अक्टूबर तक पतिदिन 10 बजे से पांच बजे तक चलेगा। उनका कहना है कि यह बीमारी चालीस वर्ष के बाद महिलाओं में पैदा होती है और इस बीमारी में स्तन पर गां" बनती है लेकिन महिलायें झिझक के कारण अपना परीक्षण नहीं कराती है और जिसका खामियाजा उन्हें बाद में भुगतना पड़ता है। उनका कहना है कि समय समय पर स्तन की जांच कराई जानी चाहिए और महिलाओं को भी जागरूक करने का काम किया जा रहा है। उनका कहना है कि स्तन व बच्चेदानी के कैंसर से बचा जा सकता है और चार सालों में दस हजार महिलाओं का चैकअप किया गया है ।
और पांचवें चैकअप में गडबड़ी पाई गई और दो में सिरियस केस मिले हैं और 800-900 केस ऐसे पाये गये जिनमें अब ईलाज चल रहे हैं। उनका कहना है कि इस शिविर में हिमोग्लोबीन, बल्ड पेशर आदि की भी जांच की जायेगी। इस अवसर पर वार्ता में फाउंडेशन के सचिव पवीन डंग, नवीन थलेडी, मधुकांत, अनूप आदि मौजूद थे।

Share it
Top