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आरक्षण पर हाईकोर्ट के फैसले को सुफ्रीम कोर्ट में चुनौती देने पर करेंगे विचारः धीरेंद्र फ्रताप
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वीर अर्जुन संवाददाता
नैनीताल,। हाईकोर्ट ने राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी सेवा में क्षैतिज आरक्षण को असंवैधानिक घोषित कर दिया है। कोर्ट के फैसले से राज्य आन्दोलनकारी और सरकार को बड़ा झटका लगा है। राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियो में 10 फ्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का मामला अदालत में विचाराधीन था। असल हाईकोर्ट में जनहित याचिका विचाराधीन है। इस याचिका पर पिछले साल फैसला आया तो न्यायाधीशों की राय अलग अलग थी जस्टिस सुधांशु धुलिया की कोर्ट का मत था कि राज्य आंदोलनकारियों को आरक्षण देना असंवैधानिक है तो जस्टिस यूसी ध्यानी की कोर्ट ने आरक्षण को विधिसम्मत घोषित किया था। जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसफ ने मामला तीसरी बेंच को रेफर कर दिया था।पिछले दिनों कोर्ट इस मामले में सुनवाई पूरी कर चुकी है। बुधवार को न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपी" द्वारा अपराह्न ढाई बजे निर्णय सुनाया गया। उत्तराखण्ड कांग्रेस के मुख्य फ्रचार समन्वयक व पूर्व मंत्री धीरेंद्र फ्रताप ने आन्दोलनकारी आरक्षण पर नैनीताल हाईकोर्ट के आज आए फैसले को दुखद व दुभाग्यपूर्ण "हराया है। धीरेंद्र फ्रताप ने कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करने से बचते हुए कहा कि वे इस फैसले से आहत है तथा आन्दोलनकारी साथियों व विधीवेत्ताओ से विचार विमर्श कर फैसले को सुफ्रीम कोर्ट मे चुनौती देने पर विचार करेंगे।
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