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भक्त व भगवान की संयुक्त कथा है श्रीमद्भागवत : स्वामी आलोक गिरी
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वीर अर्जुन संवाददाता
हरिद्वार। पुरूषोत्तम मास के पावन अवसर पर जगजीतपुर स्थित श्री सिद्धबली नर्मदेश्वर हनुमान मंदिर में मंदिर के परमाध्यक्ष स्वामी आलोक गिरी महाराज के सानिध्य में तथा राज विहार महिला मित्र मण्डल के संयोजन में संगीतमय श्री मद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के पथम दिवस पर मंदिर से मंगल कलश यात्रा निकाली गयी। कलश यात्रा के नगर भ्रमण के पश्चात कथा पण्डाल में कलश स्थापना के बाद कथा का शुभारंभ कराते हुए स्वामी आलोक गिरी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा भक्त व भगवान की संयुक्त कथा है। जिसके श्रवण मात्र से जीवन भव सागर से पार हो जाता है। कथा श्रवण के पभाव से समस्त दुखों व दरिदता का नाश हो जाता है तथा परिवार में सुख संपत्ति का वास होता है। पुरूषोत्तम मास श्री हरि का पिय मास है। पुरूषोत्तम मास में गंगा तट पर श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन विशेष पुण्य फलदायी होता है। कथा श्रवण करने वाला मनुष्य जन्म मरण के बंधन से मुक्त होकर मोक्ष को पाप्त करता है। श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने से जीवन में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है। व्यक्ति भोग विलास की भावना का त्यागकर सत्कर्मो की और अग्रसर होता है। कथा व्यास आचार्य विष्णु गोस्वामी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा व्यक्ति की आत्मा का परमात्मा से साक्षात्कार करवाकर उसके अंतकरण को शुद्ध कर मृत्यु का भय को समाप्त करती है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति को भौतिक कष्टों से मुक्ति मिलती है तथा कल्याण का मार्ग पशस्त होता है। और कथा श्रवण का महत्व तभी है जब उसे जीवन में आत्मसात किया जाए। इससे जीवन स्वयं ही उन्नति की और अग्रसर हो जाता है। कथा यजमान अनिल मिश्रा एवं यशोदा मिश्रा ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान का वह भण्डार है। जो नर को नारायण से मिलाती है। इस अवसर पर दिगम्बर नीरज गिरी, व सेवक मोतीराम ने कथा में पधारे सभी संत महापुरूषों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इस दौरान उपपधान संदीप चौधरी, पंडित विनय मिश्रा, सीताराम, नीतिश वालिया, सुधीर भारद्वाज, विनोद गिरी, संजय चौधरी, शशी भारद्वाज, राहुल शर्मा, दिलीप दास, अनुज त्यागी, सोहन ढोढियाल, हरीश चौधरी आदि उपस्थित रहे।
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