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महाघोटाले की सीबीआई जॉंच को लेकर मुख्य सचिव से मिला मोर्चा

👤 admin 4 | Updated on:21 Jun 2017 4:01 PM GMT
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वीर अर्जुन संवाददाता

टाटा मोटर्स एवं सिडकुल की सां"गां" से भूमि आबंटन में हुए 280 करोड से अधिक के घोटाले की हो जांच

देहरादून,। जनसंघर्श मोर्चा पतिनिधिमण्डल ने मोर्चा अध्यक्ष एवं जी0एम0वी0एन0 ने पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में मुख्य सचिव एस0 रामास्वामी से मिलकर पन्तनगर, उद्यमसिंहनगर में टाटा मोटर्स लि0 एवं सिडकुल की सां"गां" से हुए भूमि आबंटन में 280 करोड से अधिक के महाघोटाले की सी0बी0आई0 व उच्च स्तरीय जॉंच को लेकर ज्ञापन सौंपा। मुख्य सचिव ने पकरण पर तत्काल कार्यवाही के निर्देष दिये। नेगी ने कहा कि कि वर्श 2006 में षासन ने टाटा मोटर्स को पन्तनगर, उद्यमसिंह नगर में 975.44 एकड भूमि मोटर वाहन, कार इत्यादि के निर्माण के लिए आबंटित की थी, जिसका मूल्य 125/- वर्गमीटर तय किया गया था, जबकि उस वक्त भूमि का मूल्य 700/-रू0 पति वर्गमीटर था। उस वक्त टाटा मोटर्स को विषेश रियायत पदान की गयी थी। उल्लेखनीय एवं महत्वपूर्ण तत्य यह है कि टाटा मोटर्स ने 08.03.2006 को सिडकुल को पत्र पेशित किया था कि उक्त कम्पनी को 45 लाख वर्गमीटर भूमि की आवष्यकता है तथा इसमें टाटा मोटर्स ने मात्र इच्छा जाहिर की थी कि टाटा मोटर्स की सहायक कम्पनी को भी भूमि टाटा मोटर्स की सहमति पर सिडकुल आबंटित करें, जिस हेतु सहमति/षासनादेष की मांग टाटा मोटर्स ने की थी, जिसकी षासन द्वारा कोई अनुमति पदान नहीं की गयी थी। हैरानी की बात यह है कि षासन-सिडकुल ने टाटा मोटर्स के साथ मिलकर लगभग 14,03,208 वर्ग मीटर भूमि सहायक कम्पनियों को मात्र 25/- रू0 वर्गमीटर के हिसाब से आबंटित करा दी, जबकि उस भूमि का औद्योगिक मूल्य 17.09.2006 तक 700/-रू0 पति वर्गमीटर था तथा इस दौरान 8,38,626 वर्गमीटर भूमि का आबंटन किया गया। इसी पकार 18.09.2006 से 12.09.2007 तक 1500/-रू0 पति वर्गमीटर था।

इस दौरान 96,498 वर्गमीटर भूमि आबंटित की गयी, इसी पकार 13.09.2007 से 02.07.2008 तक भूमि का मूल्य 2500/- रू0 पति वर्गमीटर था तथा उस दौरान 62,166 वर्गमीटर भूमि आबंटित की गयी, इसी पकार 03.07.2008 से आज तक उक्त भूमि का मूल्य 4501.25/- वर्गमीटर है तथा इस दौरान 4,05,918 वर्गमीटर भूमि आबंटित की गयी। इस पूरे खेल में सबने मिलकर करोडों रूपये की काली कमाई की, जिसकी वसूली टाटा मोटर्स एवं सिडकुल के अधिकारियों से होनी चाहिए, जिससे सरकार को लगभग 280 करोड का चूना लगा। उक्त के अतिरिक्त टाटा मोटर्स-सिडकुल द्वारा आबंटित भूमि के उद्योगपतियों (सहायक कम्पनियों) को बडी चालाकी से स्टाम्प षुल्क में भी छूट पदान की गयी, जबकि सहायक कम्पनियों को रू0 125/- पति वर्गमीटर का कोई षासनादेष जारी नहीं हुआ था। उक्त मामले की जॉंच हेतु कई बार आग्रह किया गया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। पतिनिधिमण्डल में मोर्चा महासचिव आकाष पंवार, दिलबाग सिंह, 0पी0 राणा, रवि भटनागर, बागेष पुरोहित, पभाकर जोषी आदि षामिल रहे।

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