Home » उत्तराखंड » उत्तराखंडः आयुष्मान योजना के तहत राज्य कर्मचारियों को भी मिलेगा मुफ्त इलाज

उत्तराखंडः आयुष्मान योजना के तहत राज्य कर्मचारियों को भी मिलेगा मुफ्त इलाज

👤 manish kumar | Updated on:28 Feb 2020 11:02 AM GMT

उत्तराखंडः आयुष्मान योजना के तहत राज्य कर्मचारियों को भी मिलेगा मुफ्त इलाज

Share Post

देहरादून । उत्तराखंड कैबिनेट की शुक्रवार को यहां हुई बैठक में राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी आयुष्मान योजना के दायरे में लाने के फैसले पर मुहर लग गई। हालांकि बैठक में अटल आयुष्मान योजना में कुछ बदलाव किए गए हैं। इसके तहत सरकारी अस्पताल की रेफरल प्रक्रिया खत्म कर दी गई है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में कुल 14 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। उत्तराखंड साक्षी संरक्षण अधिनियम 2020 को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई, जिसके तहत उत्तराखंड में मृत्यु दंड समेत गंभीर अपराधों के गवाहों को सुरक्षा दी जाएगी। इसके अलावा कैबिनेट बैठक में भारत सरकार द्वारा राज्य में साइंस सिटी में स्वीकृत सलाहकार पद पर जीएस रौतेला को सलाहकार के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दी गई। गौरतलब है कि जीएस रौतेला राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद में काम कर चुके हैं। उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए की गई है।

इसके अलावा कैबिनेट बैठक में जिन अन्य प्रस्तावों पर मुहर लगी, वह इस प्रकार हैंः

कैबिनेट ने संविदा कृषि अधिनियम 2018 को राज्य में लागू करने के फैसले पर भी मुहर लगाई। इसके तहत अब किसानों के साथ कॉन्ट्रैक्ट कर अधिनियम के तहत खेती की जाएगी।

उत्तराखंड कृषि उत्पादन मंडी अधिनियम 2011 की जगह पर केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कृषि उपज एवं पशुधन विपणन अधिनियम 2017 प्रदेश में लागू किया जाएगा। किसानों के लिए मंडी में फसल पहुंचाने के लिए अनिवार्यता खत्म होगी। किसान अपने दामों पर कहीं भी फसल बेच सकेंगे। मंडी परिषद के अध्यक्ष की नियुक्ति सरकार द्वारा नहीं होगी। इसके तहत मंडी परिषद के अध्यक्ष के लिए विधिवत निर्वाचन होगा।

अटल आयुष्मान योजना में भी कुछ बदलाव भी किए गए हैं, जिसके तहत सरकारी अस्पताल की रेफरल प्रक्रिया को खत्म कर दिया गया है। इसके साथ ही स्टेट हेल्थ एजेंसी की जगह अब स्टेट हेल्थ अथॉरिटी नाम दिया गया है। आयुष्मान योजना की दिक्कतों को दूर करने के लिए दस कॉल सेंटरों का गठन किया जाएगा, जिसके माध्यम से फीडबैक लेकर लोगों की दिक्कतें जानी जाएंगी। स्वास्थ्य बीमा के तहत सरकार कर्मचारियों के ग्रेड-पे के हिसाब से महीने में प्रीमियम लेगी। वेतमान के हिसाब से 250, 450, 650, 1000 रुपये का प्रीमियम लिया जाएगा।

उत्तराखंड साक्षी संरक्षण अधिनियम 2020 को मंजूरी दी गई। इसके तहत अब प्रदेश में गवाहों को सुरक्षा मिलेगी। मृत्यु दंड समेत तमाम बड़े अपराधों के गवाहों के इसके तहत सुरक्षा देने का प्रावधान किया गया है।

एसडीआरएफ में पुलिस के जवानों के डेपुटेशन की अविध पांच साल से बढ़ाकर सात साल की गई।

कैबिनेट ने मेगा इंडस्ट्री इन्वेस्टमेंट नीति 2015 में संसोधन पर मुहर लगाई है। नकारात्मक सूची (निगेटिव लिस्ट) में शामिल उत्पादों पर अब छूट नहीं मिलेगी। तंबाकू, पान मसाला, सीमेंट, पॉलीथीन आदि पर छूट अब नहीं मिलेगी। हालांकि पहले से स्थापित उत्पादों पर पांच साल के लिए छूट जारी रहेगी।

मेगा टेक्सटाइल पार्क पॉलिसी की धारा नौ में संशोधन को मंजूरी दी गई। 2021 की जगह 2023 तक पॉलिसी बढ़ाई गई है।

पंचायती राज एक्ट 2016 में संशोधन किया गया है। धारा दो में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत को परिभाषित किया गया है।

आदि बद्री से लगी जमीन को पार्किंग के लिए भारतीय पुरातत्व विभाग को सरकार द्वारा निःशुल्क देने को भी मंजूरी दी गई।

लोक निर्माण विभाग अब जो नई सड़कें बनाएगा, वह 500 मीटर लंबी और तीन मीटर चौड़ी हो सकेंगी।

162 कब्रिस्तान की चहारदिवारी बनाने के लिए एक साल समय बढ़ाया गया।

उत्तराखंड उपकर अधिनियम 2015 के अंतर्गत विक्रय कीमत में संशोधन किया गया।

स्टार्टअप नीति 2018 में संशोधन को हरी झंडी दी गई।

Share it
Top