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जागरूकता कार्यशाला कर बाल-विवाह पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश

👤 Veer Arjun Desk 3 | Updated on:4 May 2019 1:01 PM GMT
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ललितपुर। जिला प्रोबेशन अधिकारी सुरेन्द्र कुमार पटेल के निर्देश पर चाइल्ड लाइन ललितपुर के कार्यालय पर जिला बाल संरक्षण इकाई एवं चाइल्ड लाइल ललितपुर के संयुक्त तत्वधान में बाल विवाह रोकथाम हेतु जन-जागरूकता कार्यशाला आयोजित की गयी, जिसमें पंकज कुमार संरक्षण अधिकारी द्वारा बाल विवाह पर विस्तार से चर्चा की गयी। बताया गया कि इस तरह के विवाह अक्सर अक्षय तृतीया पर किये जाते है।जिसके लिए हर ब्लाको पर जनजागरूकता कार्यक्रम चलाये जाने की आवश्यकता है। बताया गया कि बाल विवाह क्या है, कैसे रोका जा सकता है, किस पर लागू किया जाता है, भारत के सर्वेक्षण में पाया गया कि ग्रामीण क्षेत्रो में 06 में से 01 भारतीय महिला की शादी 18 वर्ष से कम आयु में होती है। महिला शक्ति केन्द्र की ममता श्रीवास महिला कल्याण अधिकारी द्वारा बाल विवाह के कारणो पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि सामान्यतया लड़कियों को बोझ के रूप में देखा जाता है और समाज की रूढिवादी परम्परा के कारण उनकी शादी जितनी जल्दी हो सके करा दी जाती है। सामाजिक मान्यता यह कि लड़कियों की जल्द शादी न कराने पर वह हाथ से निकल जायेगी। सामाजिक मान्यता है कि कम उम्र में दहेज कम देना पड़ता है। लड़कियों को यौनिक हिंसा से बचाने के लिए जल्दी विवाह कराना। शिक्षा की कमी के कारण कानूनी जानकारी का अभाव। महिला शक्ति केन्द्र जिला समन्वयक रागिनी द्वारा बताया गया कि बाल विवाह कराने वाले और उसमें शामिल होने वाले व्यक्तियों जैसे-पंडित, मौलवी, पादरी, माता-पिता, रिश्तेदार, दोस्त इत्यादि के विरूद्ध दण्ड के रूप में 02 साल का कठोर कारावास/रू0 1 लाख जुर्माना या दोनो का प्रावधान है। कार्यशाला में उपस्थित साई ज्योति सेवा समिति के महेश रिछारिया ने कहा कि इस तरह के विवाह का दुष्परिणाम यह होता है कि कम उम्र में विवाह करने से लड़किया परिपक्व न होने के कारण बच्चे कुपोषित पैदा होते है। बाल विवाह एक ज्वलंत मुद्दा है, इस प्रकार का मामला आने पर उसे पुलिस विभाग, बाल विवाह प्रतिशेध अधिकारी, प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट, बाल कल्याण समिति, चाइल्डलाईन-1098, पुलिस हेल्पलाईन नं0 100, 181 महिला हेल्पलाइन एवं जिलाधिकारी को लिखित या मौखिक रूप से सूचना दे सकते है। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री कैलाष अग्रवाल द्वारा बताया गया कि बाल विवाह निवारण के प्रावधान क्या है, आरोपियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जाती है, दण्ड का प्रावधान क्या है आदि की जानकारी दी गयी, उनके द्वारा बताया गया कि बाल विवाह को दो तरीके से रोका जा सकता है, प्रथम-कानून का अनुपालन कराकर, द्वितीय-स्वेच्छा से समाज अपने मन में ठानकर। इसके लिए समाज में जनगाजरूकता अभियान चलाना बहुत आवष्यक है। बाल कल्याण समिति के सदस्य श्री उत्तम सिंह चौहान बाल विवाह के मुख्य बिन्दुओं पर प्रकाष डालते हुए कहा कि हम समाज में बाल विवाह होने पर उसका संज्ञान नहीं लेते परन्तु अब हमे जागरूक होना होगा और इसकी सूचना प्रषासन तथा सक्षम अधिकारियों को देनी होगी तभी हम इस कुरीती को रोक पायेगें। अंत में 181 महिला हेल्पलाइन की सुगमकर्ता रचना सहगल द्वारा प्रदेष में चलायी जा रही महिला हेल्पलाईन के बारे में प्रकाश डाला गया। कार्यशाला में लगभग 100 महिलाओ ने प्रतिभाग किया। इस दौरान संरक्षण अधिकारी जयराम, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति कैलाश अग्रवाल, सदस्य राजाराम खटीक, राजीव दुबे, जिला समन्वयक प्रियंका, सामाजिक कार्यकर्ता विनीत कुमार, रूपेश कुमार, परामर्शदाता सुरेन्द्र कुमार, पुष्पेन्द्र सिंह परमार, वल्र्ड विजन इण्डिया से लीजू जैकब, राघवेन्द्र सिंह उपस्थित रहे। संचालन संरक्षण अधिकारी पंकज कुमार द्वारा किया गया।

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