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मंडोला जा रहे राजबब्बर को सोनिया विहार पुस्ता बार्डर पर रोका

👤 Veer Arjun Desk 4 | Updated on:10 Jan 2018 3:34 PM GMT
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स्नेहलता

लोनी। किसानों के धरने पर मंडोला जा रहे कांग्रेस नेता राजबब्बर एवं सैकडों कार्यकर्ताओं को पुलिस प्रशासन ने सोनिया विहार पुस्ता बार्डर पर रोक लिया। कांग्रेसियों ने जबरन पुलिस का घेरा तोड़कर आगे बढने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उनका प्रयास विफल कर दिया। कांग्रेसी सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने धारा 151 का वास्ता देकर उन्हे वापस जाने के लिए मनाने का प्रयास किया, लेकिन वे नही माने और पैदल मार्च कर मंडोला के लिए कूच करने का प्रयास किया। पुलिस ने बल पूर्वक उन्हे आगे बढने से रोक दिया। घंटों की जददोजहद के बाद राजबब्बर सहित सैकडों कांग्रेसियों को हिरासत में लेकर इंद्रापुरम गैस्ट हाऊस ले जाया गया है। राजबब्बर का कहना है कि हम किसानों को हक दिलाकर रहेंगे और रोजाना मंडोला जाने का प्रयास करेंगे।आवास विकास परिषद की मंडोला विहार योजना के लिए अधिग्रहित की गई मंडोला, नानू, अगरौला, पंचलोक, नवादा एवं मिलक बांमला गांव की 2640 एकड भूमि के प्रभावित किसान मुआवजा बढाने एवं अन्य मांगों को लेकर गत 13 माह से आंदोलनरत हैं।
अपनी मांगों को लेकर किसान धरना प्रदर्शन एवं भूख हड़ताल तक कर चुके हैं। अधिग्रहित भूमि पर फसल उजाड़ने को लेकर किसानों एवं पुलिस प्रशासन व आवास विकास अधिकारियों के बीच संघर्ष भी हो चुका है। जिसके बाद कई किसानों के विरुद्ध संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किए जा चुके हैं। जबकि धरने का नेत्रत्व कर रहे मनवीर तेवतिया को प्रशासन ने जिलाबदर कर दिया था। तेवतिया के जिलाबदर के आदेश निरस्त करने की मांग को लेकर किसान छह दिसम्बर से मंडोला में अर्धनग्न धरने पर बैठे हैं। प्रशासन कई बार किसानों के सामने वार्ता का प्रस्ताव रख चुका है, लेकिन किसान मनवीर तेवतिया के बिना वार्ता के लिए तैयार नही है।
बुधवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर के नेत्रत्व में कांग्रेसियों का एक प्रतिनिधि मंडल किसानों के धरने पर मंडोला जा रहा था, लेकिन पुलिस प्रशासन ने राजबब्बर के काफिले को सोनिया विहार पुस्ता बार्डर पर रोक लिया। राजबब्बर ने जबरन अपनी गाडी को आगे बढाने का प्रयास किया तो पुलिसकर्मियों ने बलपूर्वक उनकी गाडी को रोक दिया। राजबब्बर एवं सैकडों कांग्रेसी पैदल आगे बढने का प्रयास करने लगे, लेकिन पुलिस ने उन्हे बलपूर्वक वहीं रोक दिया। जिसके बाद वे सड़क पर ही धरने पर बैठ गए तथा प्रदेश सरकार व पुलिस प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। मौके पर मौजूद एडीएम ज्ञानेन्द्र सिंह एवं एसपी देहात अरविंद मोर्या ने कांग्रेसियों को धारा 151 का वास्ता देकर वापस जाने के लिए मनाने का प्रयास करने लगे, लेकिन राजबब्बर नही माने। उन्होने अधिकारियों के सामने प्रस्ताव रखा कि वह किसानों से शांतिपूर्वक वार्ता के लिए धरने पर जाना चाहते हैं, लेकिन उन्हे बल पूर्वक रोककर लोकतंत्र का हनन किया जा रहा है। राजबब्बर ने दूसरा प्रस्ताव रखा कि आप क्षेत्रीय विधायक सहित जनपद के अन्य विधायकों को धरने पर बुला लें उनके सामने ही किसानों से वार्ता कर समस्या का हल निकालेंगे। उन्होने अधिकारियों को आश्वस्त किया कि वह मंडोला जाकर शांतिपूर्वक किसानों से वार्ता कर वापस लौट जाऐंगे, लेकिन अधिकारियों ने उनके सभी प्रस्ताव ठुकरा दिए। जिस पर कांग्रेसियों ने जबरन पुलिस का घेरा तोड़कर मंडोला के लिए पैदल मार्च का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने बलपूर्वक उन्हे आगे बढने से रोक दिया। घंटों की जददोजहद के बाद राजबब्बर, पूर्व सांसद सुरेन्द्र गोयल, महिला कांग्रेस नेता पूजा चडढा सहित सैकडों कांग्रेसियों को अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया तथा पीएससी की गाडी में बैठाकर इंद्रापुरम गैस्ट हाऊस ले गए। राजबब्बर का कहना है कि वह किसानों को उनका हक दिलाकर रहेंगे। आज प्रशासन ने उन्हे रोका है, लेकिन वह कल फिर आऐंगे और लगातार आते रहेंगे।

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