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मशाल जुलूस निकालकर जताया जीएसटी का विरोध

👤 admin 4 | Updated on:21 Jun 2017 3:59 PM GMT
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वीर अर्जुन संवाददाता

ललितपुर। जिला व नगर उघाग व्यापार मंडल ने तीसरे दिन मशाल जुलूस निकालकर जीएसटी का विरोध जताया। पदर्शन करते हुये व्यापारियों ने जीएसटी को भारत सरकार की ओर से व्यापारियों को आपराधिक श्रेणी में रखे जाने की बात कही। कहा कि जी.एस.टी कानून के पावधानों का विरोध कर उनमें संशोधन करने के लिये यह पदर्शन किया गया है। मशाल जुलूस घण्टाघर से नजाई बाजार होते हुये पिर घण्टाघर से प्याउ व कटरा बाजार मे महाकाली लाइन, चूडी लाइन पिर सावरकर चौक होते हुये, आजाद चौक तक मशाल जुलूस निकाला गया। इस दौरान केन्द सरकार के खिलाप नारेबाजी की गयी। व्यापारीयों ने जीएसटी में जेल एवं भारी जुर्माने का पाविधान खत्म किया जाने, जिससे भविष्य में व्यापारियों का शोषण हर हाल में रोके जाने, व्यापारियों पर लगाये जा रहे जीएसटी में भारी अनियमिततायें होने का आरोप लगाते हुये कहा कि इन्हें हर हाल में दूर किया जाना चाहिये। बताया कि जीएसटी में एक ट्रेड कम्यूनिटी पर केवल एक दर ही रखने का पावधान रखा जाये। इससे व्यापारियों को टेक्स की गणना करने में आसानी होगी। और सरकार को राजस्व ज्यादा मिलेगा।वर्तमान वैट एक्ट की धारा 32 में पावधान है कि यदि किसी उचित कारण बताने पर अधिकारी अपने द्वारा पारित एक पक्षीय आदेश को वापस लेकर व्यापारी को पिर से सुनवाई का अवसर पदान किये जाने, जीएसटी में धारा 107 में संशोधन कर पिर से सुनवाई का पावधान किये जाने व इस स्थिति में एक पक्ष्लीय आदेश के विरूद्व व्यापारी के पास कोई समाधान नही है। व्यापारी अपनी मर्जी से सीए या वकील नही बदल सकता है। इसके लिये आलाइन पत्रिढया करनी होगी। जिस वजह से व्यापारीयों को कठिनाइयों का सामना करना पडेगा। जीएसटी में जिन वस्तुओं पर बेट से अधिक टेक्स लगाया गया है। उसकी वसूली अगले बिलो में वर्तमान दरों पर लगाकर हो जायेगी। परन्तु यह स्पष्ट नही है कि जिन पर वैट से कम कर जी एस टी में लगाया जा रहा है उनमें अदा किया गया वैट का रिपण्ड किस पकार मिलेगा। धारा 35.1 में व्यापारी को स्टाक रजिस्टर रखना अनिवार्य है। यह अव्यवहारिक है इसें समाप्त किया जाये। धारा 54 में रिपण्ड लेट होने पर ब्याज 6 पतिशत देने का पाविधान किया गया है। इसे 18 पतिशत किया जाये। क्योंकि व्यापारी से 18 पतिशत ब्याज लिया जाता है। व्यापार मंडल ने जीएसटी की तमाम खामियों को दूर किये जाने की मांग की गयी, जिससे व्यापारियों का उत्पीडन वा शोशण न हो। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष सुरेश बड़ेरा, नगराध्यक्ष अमित पिय जैन, पदीप सतंरवास, जितेन्द सोनी, राजू सिन्धी, मनीष सड़ैया, विशाल सराप , संजय जैन, अभिषेक अनौरा, दीपक बुखारिया, स्वदेश अग्रवाल, धर्मेन्द चौरसिया, अभिषेक सराप, बबलू खान, गेंदालाल सतभैया, नवीन जैन आदि उपस्थित रहें।

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