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हमीरपुर : बांधों से फिर छोड़ा गया लाखों क्यूसेक पानी, उफान पर बेतवा और यमुना

👤 Veer Arjun | Updated on:12 Sep 2019 4:36 AM GMT

हमीरपुर : बांधों से फिर छोड़ा गया लाखों क्यूसेक पानी, उफान पर बेतवा और यमुना

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हमीरपुर । माताटीला बांध से गुरुवार को फिर लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने से बेतवा और यमुना नदियां उफान पर हैं। नगर के पुराना बेतवा घाट सहित कई स्थानों पर बाढ़ का पानी घुसने से रिहायशी घरों के गिरने का खतरा मंडरा रहा है। हजारों एकड़ फसलें भी डूब गई हैं। 12 गांव में आने-जाने वाले मार्ग भी डूब गए हैं।

कई गांवों के बच्चे बाढ़ के चलते स्कूल भी नहीं जा सके, वहीं ग्रामीणों को मजबूरी में नाव से आर-पार जाना पड़ रहा है। इस समय बेतवा नदी का जलस्तर 101.5 मीटर पार हो गया है, जबकि यमुना नदी भी 101.88 मीटर के ऊपर बह रही है।

मौदहा बांध निर्माण खण्ड हमीरपुर के अधिशाषी अभियंता एके निरंजन ने गुरुवार को बताया कि माताटीला बांध से फिर करीब पौने दो लाख क्यूसेक पानी बेतवा नदी में छोड़ा गया है। इससे पहले 2.48 लाख और 4 लाख क्यूसेक पानी बेतवा नदी में छोड़ा गया था। इसके अलावा यमुना नदी में भी लाखों क्यूसेक पानी कोटा बैराज एवं चंबल से पास हो रहा है। उन्होंने बताया कि बेतवा नदी के उफनाने से कुछेछा टिकरौली मार्ग का रपटा बाढ़ के पानी में डूब गया है। इससे सुरौली बुजुर्ग, पत्यौरा, बड़ा कछार, छोटा कछार, देवगांव, कारीमाटी, सिमनौड़ी सहित 12 गांवों का सम्पर्क जिला मुख्यालय से कट गया है। बाढ़ का पानी हमीरपुर नगर के खालेपुरा व डिग्गी रमेड़ी में बेतवा घाट पर भी निचले इलाकों में आ गया है। यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण तटवर्ती मेरापुर एवं भिलांवा गांवों में लोग दहशत में है, जबकि कोतूपुर, पटिया सहित कई तटवर्ती गांवों में भी लोग परेशान हैं।

अधिशाषी अभियंता के मुताबिक बेतवा और यमुना नदी की बाढ़ से करीब 84 गांव प्रभावित होते हैं। इन गांवों को दोनों नदियों के जलस्तर बढऩे पर अलर्ट कर दिया गया है। बाढ़ चौकियों के प्रभारी भी अलर्ट पर रखे गए हैं।

पूर्व में यमुना और बेतवा नदी की बाढ़ के कारण हमीरपुर नगर से जुड़े मेरापुर और भिलांवा गांवों में कटान से कच्चे मकान नदी में समा चुके हैं। इन गांवों में जब-जब बाढ़ आती है तो नदी किनारे बसी रिहायशी बस्तियों के लोगों को बड़ी मुसीबत उठानी पड़ती है। इसी तरह यमुना के किनारे बसे कुरारा क्षेत्र के पटिया व कोतूपुर गांव के लोगों के ऊंचे स्थान पर पहुंचाया गया है।

एके निरंजन ने बताया कि मेरापुर एवं भिलांवा के लिए बाढ़ सुरक्षा योजना के तहत प्रस्ताव शासन को भेजे गए थे लेकिन इसकी स्वीकृति अभी नहीं मिली है। कई करोड़ की योजनाएं अब भी शासन स्तर पर लम्बित हैं। कोतूपुर व पटिया गांव को बाढ़ से बचाने के लिए करोड़ों की लागत से बाढ़ सुरक्षा संबंधी कार्य कराए जा रहे हैं।

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