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यमुना लाल निशान से एक मीटर पार, बेतवा भी खतरे के निशान से ऊपर

👤 Veer Arjun | Updated on:15 Sep 2019 5:24 AM GMT

यमुना लाल निशान से एक मीटर पार, बेतवा भी खतरे के निशान से ऊपर

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हमीरपुर। यमुना और बेतवा नदियों की उफान पर हैं। इससे रविवार सुबह शहर में बाढ़ का पानी घुसने से लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। पुराना जमुना घाट पर ही 12 से अधिक मकान जलमग्न हो गए हैं। नगर के कुछ और इलाकों में पानी सड़क पर आने से कई मकान पानी से घिर गए। बाढ़ प्रभावित इलाकों और ग्रामों में पूरी रात ब्लैक आउट रहा। एहतियातन पावर कॉर्पोरेशन ने नदियों का लगातार जलस्तर बढ़ने के कारण ये कार्यवाही की। बाढग़्रस्त इलाकों में अभी तक प्रशासनिक मदद नहीं पहुंची है। इस समय यमुना नदी लाल निशान से एक मीटर से अधिक ऊपर बह रही है। बेतवा नदी भी खतरे के निशान को पार कर गई।

माता टीला और कोटा बैराज, चंबल से 12 लाख से अधिक क्यूसेक पानी यमुना-बेतवा नदियों में छोड़ने जाने से बाढ़ जैसे हालात हैं। अभी तक बाढ़ से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीम भी यहां नहीं आयी है। बाढग़्रस्त इलाकों में लोगों ने अंधेरे में सड़क पर डेरा डालकर पूरी रात बितायी। पिछले दो दिनों से बढ़ रहा यमुना नदी का जलस्तर रविवार सुबह नौ बजे 104.810 मीटर पार कर गया। इस नदी के खतरे का निशान 103.632 मीटर है। वहीं बेतवा नदी खतरे के निशान 104.546 मीटर से ऊपर बह रही है। इस समय बेतवा नदी का जलस्तर 104.840 मीटर दर्ज किया गया है।

बेतवा नदी उफनाने से नगर के खालेपुरा मुहाल में कई स्थानों पर रिहायशी बस्ती के अंदर पानी कई फीट भर गया है, जिससे दर्जनों मकान पानी से घिर गए हैं जबकि कई कच्चे मकान जमींदोज हो गए। रमेड़ी डिग्गी के पास भी बाढ़ का पानी अंदर भरा है जिसे बाहर लिफ्ट करने के लिए जनरेटर के माध्यम से पंपिंग सेट लगातार चलाए जा रहे हैं।

पतालेश्वर मंदिर के पास तलहटी में बने कई मकान पानी से घिरे हुए हैं। यहां नदी का जलस्तर बढऩे से नाले का बाल्व बंदकर पंपिंग सेट से पानी वापस नदी में फेंका जा रहा है। नगर के पुराना जमुना घाट में भी यमुना की उफान से 12 से अधिक मकान बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। सैकड़ों लोगों ने घर-गृहस्थी का सारा सामान समेट कर सड़क पर डेरा जमाया हुआ है। यहां एक मंदिर भी पानी में डूब गया है।

पावर कार्पोरेशन के अभियंताओं ने पुराना जमुना घाट, खालेपुरा सहित कई बाढ़ प्रभावित इलाकों में बिजली गुल की है। पूरी रात ये सभी इलाके अंधेरे में रहे। उधर, कुछेछा के पास चंदुलीतीर, अमिरता, पारा ओझी सहित तमाम ग्राम भी बाढ़ की जद में है। चंदुलीतीर में कई मकान बाढ़ के पानी में घिर गए हैं। कुछेछा के पास गैस गोदाम भी बाढ़ के पानी में डूब गया। टिकरौली मार्ग पर 12 गांवों के लोग रपटा पुल डूब जाने से नावों से आर-पार हो रहे हैं।

मौदहा बांध निर्माण खंड के अधिशाषी अभियंता एके निरंजन ने बताया कि यमुना नदी का जलस्तर पांच सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है, जबकि बेतवा अब स्थिर हो गई है।

उल्लेखनीय है कि यमुना नदी का खतरे का बिन्दु 103.64 मीटर है, जबकि बेतवा का लाल निशान 104.54 मीटर है। यमुना का जलस्तर 6 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है, वहीं बेतवा भी जलस्तर 10 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है।

नवेली पावर प्लांट के पास पहुंचा यमुना नदी का जलस्तर

लहुरीमऊ गांव के रिंकू ने बताया कि रविवार सुबह यमुना नदी का पानी नवेली पावर प्लांट के पास पहुंच गया है। इस नदी की बाढ़ से लहुरीमऊ, बगरिया, काशीपुर, अशवार मऊ रामपुर समेत कई गांवों के सैकड़ों किसानों की फसलें भी डूब गई हैं। किसानों में हाहाकार मचा हुआ है। इसी तरह हमीरपुर के यमुना-बेतवा नदी के तटवर्ती इलाकों में भी हजारों एकड़ फसलें जलमग्न हो चुकी हैं।

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