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गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए योगी सरकार ने दी 6.48 करोड़ की मंजूरी

👤 manish kumar | Updated on:16 Oct 2019 4:59 AM GMT

गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए योगी सरकार ने दी 6.48 करोड़ की मंजूरी

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लखनऊ । योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना गंगा एक्सप्रेस-वे के क्रियान्वयन के लिए तेजी से काम करना शुरू कर दिया है। परियोजना विकास परामर्शी को भुगतान किये जाने के लिए 6.48 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह धनराशि चालू वित्तीय वर्ष में प्रथम अनुपूरक मांग के माध्यम से प्राविधानित राशि 15 करोड़ में से जारी की गई है। एक्सप्रेस-वे के लिए मैसर्स एलएन मालवीय को कंसलटेंट नियुक्त किया गया है।

औद्योगिक विकास विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है। यह धनराशि वित्तीय वर्ष 2019-20 में परियोजना की डीपीआर तैयार कराये जाने के लिए परियोजना विकास परामर्शी को ईओआई-कम-आरएफपी अभिलेख के अनुरूप ईपीसी पद्धति पर विकसित करने तथा आवश्यक अध्ययन, सर्वे, संरेखण का चिह्नीकरण, प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने, निर्माणकर्ताओं के चयन के लिए बिड अभिलेख तैयार करने एवं आवश्यक सेवाओं के भुगतान की स्वीकृत की गई है।

मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस-वे 596 किलोमीटर लंबा होगा। यह देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे होगा। एक्सप्रेस-वे मेरठ जंक्शन के पास स्टेट हाइवे 78 से शुरू होगा, प्रयागराज में झांसी-सहसों मार्ग पर मलवां खुर्द गांव पर समाप्त होगा। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने गंगा एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ पड़ने वाले जिलों में औद्योगिक विकास भी योजना बनाई है। एक्सप्रेस-वे पर पेट्रोल पंप, दुकानें होटल, रेस्तरां, ग्रीनबेल्ट, लेंडस्केप, लान सहित अन्य सुविधाएं विकसित की जाएगी। गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ, ज्योतिफूले नगर, हापुड़, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिलों से गुजरेगा।

गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ-दिल्ली के बीच बने 14 लेन एक्सप्रेस के जरिए प्रयागराज को सीधे दिल्ली से तेज गति संपर्क मार्ग से जोड़ेगा। एक्सप्रेस-वे से यात्रा के समय में बचत होगी। यूपीडा का दावा है कि एक्सप्रेस-वे से रोजगार का सृजन होगा। कृषि, उद्योग, हैंडीक्राफ्ट, पर्यटन का विकास होगा। एक्सप्रेस-वे से कृषि उत्पादनों के परिवहन, फूड प्रोसेसिंग और मार्केटिंग में मदद मिलेगी। दुर्घटनाओं और प्रदूषण में कमी आएगी। चिकित्सा एवं शिक्षा सेवा का विस्तार होगा। दूध, फल और सब्जियां समय पर एक से दूसरे स्थान पर पहुंच सकेगी। एक्सप्रेस-वे का निर्माण में पांच वर्ष का समय लगेगा और 2024 तक इसका निर्माण पूरा होगा। हिस

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