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हाथरस प्रकरण में परिजनों की मर्जी के बिना अन्तिम संस्कार से लोगों में आक्रोश, निन्दनीय: मायावती

👤 mukesh | Updated on:30 Sep 2020 11:49 AM GMT

हाथरस प्रकरण में परिजनों की मर्जी के बिना अन्तिम संस्कार से लोगों में आक्रोश, निन्दनीय: मायावती

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लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने हाथरस प्रकरण में परिजनों की गैरमौजूदगी में आधी रात में अन्तिम संस्कार किए जाने की कड़ी निन्दा की है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस संगीन प्रकरण का संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो बेहतर होगा।

मायावती ने बुधवार को कहा कि यूपी पुलिस द्वारा हाथरस की सामूहिक दुष्कर्म दलित पीड़िता के शव को उसके परिवार को न सौंपकर उनकी मर्जी के बिना व उनकी गैर-मौजूदगी में ही कल आधी रात को अन्तिम संस्कार कर देना लोगों में काफी संदेह व आक्रोश पैदा करता है। बसपा पुलिस के ऐसे गलत रवैये की कड़े शब्दों में निन्दा करती है।

उन्होंने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट इस संगीन प्रकरण का स्वयं ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो यह बेहतर होगा, वरना इस जघन्य मामले में यूपी सरकार व पुलिस के रवैये से ऐसा कतई नहीं लगता है कि सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की मौत के बाद भी उसके परिवार को न्याय व दोषियों को कड़ी सजा मिल पाएगी।

हाथरस में चंदपा की दुष्‍कर्म पीड़ित लड़की की मौत और मंगलवार देर रात परिजनों के विरोध के बावजूद पुलिस प्रशासन द्वारा शव का अन्तिम संस्‍कार कराये जाने के बाद लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। आरोपितों को फांसी की सजा देने की मांग को लेकर बुधवार वाल्मीकि समाज के लोग हाथरस के रामलीला मैदान के पास पुलिस से भिड़ गए। इस दौरान पथराव हुआ। पुलिस को आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े। पुलिस आरोपितों की तलाश में लगी हुई है। वहीं अलीगढ़ के टप्‍पल में भीम आर्मी के संस्‍थापक चंद्रशेखर आजाद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

वहीं मुख्यमंत्री ने हाथरस जनपद की घटना के लिए दोषी व्यक्तियों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने और प्रभावी पैरवी करने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए हैं। उनके निर्देश पर घटना पर जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी गठित की गई है। एसआईटी में गृह सचिव भगवान स्वरूप की अध्‍यक्षता वाली इस टीम में डीआईजी चंद्र प्रकाश और सेनानायक पीएसी आगरा पूनम को शामिल किया गया है। एसआईटी अपनी रिपोर्ट सात दिन में प्रस्तुत करेगी। (एजेंसी, हि.स.)

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