लॉकडाउन में पति-पत्नी के ज्यादा साथ रहने से बढ़ रही है घरेलू हिंसा : प्रो. अमिता
उन्होंने कहा कि आर्थिक तंगी, मानसिक रुप से परिवार को डिप्रेशन में ला रहा है। पहले पति का घर से ज्यादा बाहर रहना होता था, इसलिए कम बात होने के कारण अपने-अपने कार्य को रूटीन के साथ करते थे। लेकिन अब घर में एक-दूसरे की कमी देखना, बच्चों के जरुरत को पूरा नहीं कर पाना एवं आवश्यकता पूर्ति में असमर्थ होने के कारण ज्यादातर पति अपना गुस्सा पत्नी पर उतार रहे हैं। घरेलू हिंसा इन दिनों मानसिक, शारीरिक एवं सेक्सुअल सभी तरह के हो रहे है। जिसे धैर्य और समझदारी से रोका जा सकता है, साथ ही परिवार के साथ धार्मिक चैनल देखने, संगीत एवं सकारात्मक सोच के सहारे चलने की जरुरत है। जब भी परेशानी महसूस करें तो पड़ोसी के परिवार को देखेंं, लगेगा कि वे आपसे ज्यादा आर्थिक परेशानी में चल रहे हैैं। परिवार में खुश रहनेे, हंसने से शारीरिक और मानसिक इम्युनिटी की वृद्वि होती है, जिससे कोरोना महामारी से लड़ने की क्षमता में वृद्धि होगी। प्रो. अमिता नेे वेबीनार में महिलाओं से आग्रह किया कि एक पक्ष के गुस्से में आने पर दूसरे पक्ष को शांति से बात सुनकर, ज्यादा बहस नहीं करें या जबाब नहीं दें। धैर्य और समझदारी से काम लेने की जरुरत है, साथ ही पुरुष भी अपनी आर्थिक तंगी का प्रताड़ना महिलाओं को नहीं देें।
सचिव प्रो. संजय गौतम ने कहा कि सबसे ज्यादा प्रताड़ित महिलाएं और बच्चे, मानसिक रुप से हो रहे हैैं। प्रत्येक प्रखंड में अलग-अलग वेबीनार दो दिन के अंतराल में किया जाएगा, ताकि धरेलु हिंसा में कमी आए एवं अपने आपको सुरक्षित महसूस करें। महिला को परेशानी में कानूनी एवं सामाजिक मदद के लिए अमिता कुमारी-9955223260, अनुराधा कुमारी-8877036936 एवं संस्थान का 9471455366 नंबर हेल्पलाइन के रूप मेंं जारी किया गया है।