Home » उत्तर प्रदेश » वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद के तहखानों मिले कलश-स्वस्तिक-मंदिरों के खंभे! 4 कमरों का सर्वे पूरा

वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद के तहखानों मिले कलश-स्वस्तिक-मंदिरों के खंभे! 4 कमरों का सर्वे पूरा

👤 Veer Arjun | Updated on:15 May 2022 5:03 AM GMT

वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद के तहखानों मिले कलश-स्वस्तिक-मंदिरों के खंभे! 4 कमरों का सर्वे पूरा

Share Post

वाराणसी । वाराणसी (Varanasi) में शनिवार को ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे (Gyanvapi Masjid Survey) शुरू किया गया. सूत्रों के मुताबिक हिंदू पक्ष के पास जो तहखाने का कमरा है उसमें मूर्ति मिली है, कमल के चिह्न मिले, घंटियां दिखाई दी हैं. वहीं मस्जिद कमिटी के पास के तीनों तहखानों में भी कई हिंदू धर्म के प्रतीक मिले हैं.

सर्वे में शामिल वकील ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि तीन कमरों में सर्प, कलश, घंटियां, स्वस्तिक, संस्कृत के श्लोक और स्वान की मूर्तियां मिली हैं, जो उनके लिए सबसे अहम सबूत हैं. इसके अलावा हिंदू मंदिरों के खंभे मिले हैं. वहीं मुस्लिम पक्ष के वकील ने सभी दावों को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि सर्वे में जो कुछ भी मिला है, उसकी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी जाएगी.

15 मई को मस्जिदों के गुंबदों का होगा सर्व

सर्वे के लिहाज से रविवार का दिन बेहद अहम है क्योंकि मस्जिद में मौजूद एक कमरे को खोला जाएगा, जिसमें बताया जा रहा है कि मलबा भरा हुआ है. इसके अलावा मस्जिद के गुंबदों का सर्वे भी अहम है.

17 मई से पहले पूरा करना है सर्वे: वकील

सर्वे में शामिल सभी पक्षों को लगता है कि कल (रविवार) ही सर्वे पूरा होने की संभावना है. वहीं वकील दीपक कुमार ने कहा कि रविवार को फिर सुबह 8 बजे से शुरू होगा. अगर सर्वे पूरा नहीं हुआ तो 17 से पहले तक हम सर्वे कर सकते हैं.

ताला तोड़ने के लिए भी मौजूद थी टीमें

जानकारी के मुताबिक प्रशासन एहतियातन ने शनिवार को सर्वे स्थल पर ताला तोड़ने के लिए भी तीन टीमें भेज दी गई थीं. सर्वे करीब चार घंटे सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक चला. वहीं मुस्लिम पक्ष के वकील ने बताया कि पहले ही दिन 75 फीसदी सर्वे कर लिया गया है.

कमरों को लेकर हिंदू पक्ष का यह है दावा

जिन कमरों का सर्वे किया जा रहा है इनके बारे में हिंदू पक्ष का दावा है कि तहखाने के इन्हीं कमरों में मंदिर के प्रमाण हैं. तहखानों के बीचोबीच आदि विशेश्वर का स्थान है, जहां कभी शिवलिंग स्थापित हुआ करता था. मूल विशेश्वर का मंदिर वहीं था.

Share it
Top