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यूक्रेनी जनता ने कॉमेडियन को चुना राष्ट्रपति

👤 veer arjun desk 5 | Updated on:25 April 2019 3:22 PM GMT
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शोभना जैन

यूक्रेन के जाने-माने कॉमेडियन वोलोदिमीर जेलेंस्की को जनता ने भारी बहुमत से देश का राष्ट्रपति तो बना दिया लेकिन सवाल यह पूछा जा रहा हैं कि जनता ने उन्हें जिस उम्मीद से राष्ट्रपति बनाया हैं क्या वे उनकी उम्मीदो पर पूरा उतरेंगे? चुनौतियां कई हैं.. क्या लोगों को हंसा कर खुश करने वाले लेकिन राजनीति के नौसिखिया जेलेंस्की जनता को एक खुशहाल जिंदगी दे पाएंगे, जिस अंजाने, नए रास्ते पर वे चल पड़े है, उनकी नीतियां क्या होगी? क्या राजनीति की कठिन राह में अनुभवहीन जेलेंस्की स्वतंत्र रूप से काम कर पाएंगे?

जेलेंस्की सालों से कॉमेडियन के रूप में लोगों को हंसाते आ रहे हैं। गत 31 मार्च को हुए पहले चरण में जेलेंस्की को उन्हें लगभग 74 फीसदी वोट मिले, जब कि उनके प्रतिद्वंद्वी वर्तमान राष्ट्रपति पेत्रो पोरोशें को मात्र 24 प्रतिशत पर ही सिमट रहे है। वकालत की पढ़ाई कर चुके जेलेंस्की कॉमेडियन की कमाई से खासे रईस भी बन चुके हैं।मजेदार बात यह हैं कि इसके पहले रील लाइफ के पर्दे पर भी वे राष्ट्रपति की भूमिका निभा चुके है और अब रियल लाइफ में भी वे इस पद पर आ गए हैं। एक पॉपुलर टीवी कॉमेडी सीरीज 'सर्वेंट्स ऑफ द पीपुल' में जेलेंस्की ने एक ऐसे शिक्षक का किरदार निभाया था, जो अपने जीवन की बदलती परिस्थितियों के चलते देश का राष्ट्रपति बन बैठता है। इस सीरीज की कामयाबी ने जेलेंस्की के लिए राजनीति के दरवाजे खोल दिए। पर्दे पर उनका किरदार राजनीतिक भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलता है, सत्ता के गलियारों में लड़ाई का झंडा बुलंद करता है। साथ ही नए लोगों को राजनीति में लाने का वादा करता है। अपने टीवी ड्रामे की ही तरह जेलेंस्की ने खुद को इन चुनावों में लोगों के सामने इसी रूप में पेश किया।

41 साल के जेलेंस्की यूक्रेन के सबसे युवा राष्ट्रपति होंगे। जेलेंस्की यूक्रेन के अब तक के सबसे सफल कॉमेडियनों में से एक हैं। अपने टीवी कार्यक्रमों, फिल्मों और कॉमेडी सीरीज के जरिये वे व्यवस्था पर कभी कटाक्ष करने से पीछे नहीं रहे।

विदेशी मामलों के जानकार मानते हैं कि यूक्रेनी जनता ने देश के मौजूदा माहौल से तंग आ कर उन्हें भारी बहुमत से जिता तो दिया है लेकिन उनकी अधिकतर नीतियों खासतौर पर आर्थिक नीतियों के बारे में अभी पूरी तरह से जानकारी नही है। जनता के बीच उन्होंने अपने को यूक्रेन अस्मिता के रक्षक के रूप में पेश किया। लेकिन सवाल फिर वही... अभी नीतियां ही स्पष्ट नही हैं उन्होंने वादा किया हैं कि वे देश से ंभ्रष्टाचार दूर करेंगे, महंगाई पर लगाम लगाएंगे जिसे लेकर जनता त्रस्त हैं साथ ही उनकी विदेश नीति पर भी लोगों की नजरे रहेंगी। अमेरिका, यूरोपियन यूनियन और खासतौर पर रूस उनकी विदेश नीति पर नजर लगाए हुए हैं खासतौर पर इस बात पर हैं कि वे रूस समर्थित अलगाववादियों के संघर्ष से कैसे निबटेंगे जिस में अब तक लगभग 13000 लोग मारे जा चुके है यानि देश के पूर्वी डॉन्बास क्षेत्र मे युद्ध खत्म करने का वादा कैसे पूरा करेंगे।

राजनीति जेलेंस्की के लिए नया रास्ता हैं। सवाल उठ रहे है कि राष्ट्रपति जेलेंस्की क्या स्वतंत्र रूप से काम कर सकेंगे। उनके सलाहकारों और उन्हें सत्ता तक पहुंचाने वालों का उन पर कितना प्रभाव होगा। अगले कुछ माह में देश की संसद के लिए चुनाव होने हैं ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि जेलेंस्की इन चुनावों को जल्द करा सकते हैं ताकि उनकी पार्टी सत्ता में आए और नीतियों को प्रभावी ढंग से कार्य रूप दिया जा सके। उनकी पार्टी का नाम भी उनके टीवी शो के नाम पर 'सर्वेंट ऑफ द पीपुल' ही रखा गया है। वैसे यह चर्चा गर्म है कि सत्ता पर पकड़ बनाने के लिए जेलेंस्की देश के एक प्रभावशाली कारोबारी इयोर कोलोमोयस्की के साथ कोई गठबंधन कर सकते हैं। आलोचक मानते हैं कि ऐसे गठबंधन का मकसद पोरोशेंको को सत्ता से दूर रखना है। हालांकि दोनों पक्षों ने इस तरह के किसी गठबंधन को सिरे से खारिज किया है। जेलेंस्की का चुनावी घोषणापत्र हालांकि इसी आधार पर तैयार किया गया कि अगर वह राष्ट्रपति बने तो देश उनसे क्या उम्मीद कर सकता है। उन्होंने लोगों से यूक्रेन को उनके सपनों का देश बनाने का वादा किया है, जो भ्रष्टाचार मुक्त होगा, लोगों की अच्छी तनख्वाह और पेंशन होगी, इंटरनेट तेज रफ्तार से दौड़ेगा और आम लोगों के लिए अच्छी सड़कों का इंतजाम होगा। उन्होंने वादा किया है कि सत्ता लोगों के हाथों में होगी, ज्यादा से ज्यादा जनमत संग्रह किए जाएंगे, अधिक से अधिक न्याय होगा और सुरक्षा के इंतजामों में भी कोई कमी नहीं होगी। उनकी नीति अधिक से अधिक वोटरों को अपने साथ खड़ा करने की थी।

दरअसल सिर्फ सफल मीडिया नीतियां और चुनाव अभियान ही जेलेंस्की की सफलता का राज नहीं है। यूक्रेन की राजनीति काफी समय से उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है, जनता एक खुशहाल जिंदगी चाहती है। ऐसे मे जेलेंस्की ने जनता से जो वादे किए है क्या जनता की उम्मीदों पर वे खरे उतरेंगे उनकी पार्टी का नाम भी उनके टीवी शो के नाम पर 'सर्वेंट ऑफ द पीपुल' ही रखा गया है जिस के जरिये ही वे देश के घर-घर मे पहुंचे और आखिर में राष्ट्रपति बन ही गए।

जेलेंस्की का चुनाव प्रचार भी बिल्कुल अलग था। इस दौरान उन्होंने पूरे देश की यात्रा की और उस उस यात्रा में अपना शो भी किए। उस टीवी शो जैसे समेत कई प्रोग्राम को एक उद्योगपति का टीवी स्टेशन प्रसारित कर रहा था। इस दौरान जेलेंस्की ने सिर्फ ऐसे मीडिया संस्थानों से बात की जो उन्हें समर्थन दे रहे थे। जेलेंस्की अपने समर्थकों से सोशल मीडिया पर वीडियो मैसेज के जरिये बातचीत करते थे। चुनाव प्रचार से उन्होंने युवा वर्ग को विशेष तौर पर जोड़ा जो राजनीतिक रूप से सबसे अधिक उदासीन रहा है और खुद को एक उम्मीद के रूप में पेश किया। देखना है कि वे उम्मीद पर खरे उतरेंगे क्या।

दरअसल सिर्फ सफल मीडिया नीतियां और चुनाव अभियान ही जेलेंस्की की सफलता का राज नहीं है। यूक्रेन की राजनीति काफी समय से उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है, जनता एक खुशहाल जिंदगी चाहती है। ऐसे मे जेलेंस्की ने जनता से जो वादे किए है क्या जनता की उम्मीदों पर वे खरे उतरेंगे?

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