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राहुल की नागरिकता पर फिर उठा सवाल

👤 veer arjun desk 5 | Updated on:1 May 2019 3:20 PM GMT
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सुशील कुमार सिंह

राहुल गांधी की नागरिकता पर सवाल पहले भी उ" चुका है। तब उन्होंने इस मुद्दे पर जोरदार तरीके से बचाव किया था। अब एक बार फिर यही सवाल जिन्दा हो गया है कि राहुल गांधी आखिर भारतीय नागरिक हैं या ब्रिटिश। इस पर जवाब देने के लिए गृह मंत्रालय की ओर से उन्हें बीते 30 अप्रैल को एक नोटिस जारी किया गया है। नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिन का समय निश्चित किया गया है।

गौरतलब है कि राहुल गांधी पर यह आरोप है कि 2003 में यूके पंजीकृत बैंक ऑप्स लिमिटेड नामक कंपनी के निदेशक व सचिव थे। कंपनी के सालाना रिटर्न में राहुल गांधी की जन्म तिथि 19 जून, 1970 दर्ज है। 17 फरवरी 2009 को कंपनी के डिसॉल्यूशन एपलीकेशन में भी राहुल गांधी की नागरिकता ब्रिटिश है। भाजपा के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी की शिकायत है कि राहुल गांधी भारतीय नहीं ब्रिटिश नागरिक हैं। उन्होंने कंपनी में स्वयं को ब्रिटिश बता रखा है।

उक्त स्थिति के चलते आधा रास्ता पार कर चुके चुनावी सफर के बीच नागरिकता वाला जो बवंडर उ"ा है उसे लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है। नागरिकता को लेकर साल 2016 में संसद की आचार समिति के समक्ष मामला पहले भी उ" चुका है जिसके तत्कालीन अध्यक्ष वयोवृद्ध भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी थे तब राहुल गांधी ने इस पर आश्चर्य प्रकट किया था और ब्रिटिश नागरिकता की शिकायत को संज्ञान लेने पर ही हैरत जताई थी। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि दिसम्बर 2015 में सर्वोच्च न्यायालय ने नागरिकता के संबंध में पेश किए गए सबूतों को पहले ही खारिज कर चुका है। इसके बाद साल 2016 में गृह मंत्रालय से शिकायत कर आरोपों की जांच की मांग की थी। सुब्रह्मण्यम स्वामी जो दस्तावेज दिखा रहे हैं जाहिर है उसकी पड़ताल होनी चाहिए पर देश में चुनावी माहौल के बीच कांग्रेस अध्यक्ष पर उ"s इस विवाद से आगे का चुनावी गणित कितना गड़बड़ाएगा यह समझने वाली बात है।

भारतीय संविधान के भाग 2 में नागरिकता से जुड़े तमाम उपबंध दिए गए है। इसी के अनुच्छेद 9 में स्पष्ट कहा गया है कि विदेशी राज्य की नागरिकता ग्रहण कर लेने से भारतीय नागरिकता का लोप हो जाता है। अनुच्छेद 11 के आधार पर संसद द्वारा पारित नागरिकता अधिनियम 1955 में नागरिकता के प्राप्त करने तथा निरसन की व्याख्या की गई है। इसी अधिनियम में जन्म, उद्भव, पंजीकरण, देशीयकरण या राज्य क्षेत्र के समावेशन द्वारा नागरिकता के अर्जन संबंधी उपबंध किए गए हैं। नागरिकता का स्वयं त्याग, स्वेच्छा से किसी अन्य देश की नागरिकता ग्रहण कर लेने तथा अन्य आधारों पर नागरिकता के लोप संबंधी उपबंध भी इसमें देखा जा सकता है। स्पष्ट है कि राहुल गांधी पर जो आरोप हैं यदि वह सही साबित होते हैं तो संविधान के अनुसार नागरिकता को लेकर एक नए सिरे की समस्या उनके लिए खड़ी हो जाएगी।

वैसे जब देश की शीर्ष अदालत ने नागरिकता के संबंध में पेश किए गए सबूतों को पहले भी खारिज कर चुका है और आचार समिति भी एक प्रकार से क्लीन चिट दे चुकी है तो फिर इस मुद्दे को दोबारा उ"ाने का क्या कारण हो सकता है। खास यह भी है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की नागरिकता विवाद को सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है तब तात्कालीन जज ने कहा था कि रिटायरमेंट में दो दिन बचे हैं मजबूर मत करिये। कहा तो यह भी जाता है कि केस की सुनवाई के दौरान जज ने वकील को चेतावनी भी दी थी। सियासी गलियारे में नागरिकता को लेकर कई मायने हैं। हालांकि जो प्रश्न उ"ा है वह विचारणीय है पर धारणा बना लेना सही नहीं होगा। राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता को लेकर संदेह गहराए यह भी संकेत उचित नहीं कहा जाएगा। मुख्यतः उन लोगों के लिए जो बड़े पैमाने पर कांग्रेस और राहुल गांधी की विचारधारा के पोषक हैं।

तीन बार से लोकसभा के सदस्य राहुल गांधी इन दिनों राजनीति के फलक पर हैं और मौजूदा सत्ताधारी दल को चुनौती दे रहे हैं। यह कहना क"िन है कि राहुल की चुनौती का बहुत असर नहीं होगा पर जिस प्रकार बीते दिसम्बर में तीन हिन्दी भाषी राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने बाजी मारी है उससे राहुल का कद बढ़ा है। यह बात विरोधी भी जानते हैं कि वर्तमान कांग्रेस 2014 वाली नहीं है और हालिया स्थिति देखें तो 2019 की कांग्रेस वाकई में बदली हुई है। राहुल गांधी पर जो कमजोर सियासत का आरोप लगाते हैं उनके लिए भी अब यह तय कर पाना शायद क"िन हो रहा है कि वाकई में वे उनके लिए अब क्या धारणा बनाएं।

वैसे राहुल गांधी इन दिनों कई समस्याओं में उलझे दिखाई दे रहे हैं। जहां एक ओर उनकी नागरिकता पर सवाल उ" रहा है वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री को चौकीदार चोर है के संबोधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी मामला है। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को चौकीदार चोर है पर एक और हलफनामा दाखिल करने पर जोर दिया है। उन पर यह भी आरोप रहा है कि वह इस मामले में वो खेद जता रहे हैं न कि माफी मांग रहे हैं।

बीते 30 अप्रैल को पी" ने कहा कि हमें यह समझने में बहुत अधिक दिक्कत हो रही है कि हलफनामे में आप कहना क्या चाहते हैं। फिलहाल शीर्ष अदालत में राहुल गांधी को उनके कथित अपमानजनक चौकीदार चोर है टिप्पणी पर सुनवाई जारी है। मौजूदा राजनीति का कोण और त्रिकोण कहीं न कहीं कांग्रेस के लिए अच्छा संकेत नहीं दे रहा है। हकीकत तो यह भी है कि सियासी मैदान में सभी को अपनी चिंता है और रही बात सुब्रह्मण्यम स्वामी की तो वे पिछले कई वर्षों से राहुल और सोनिया गांधी के पीछे हाथ धोकर पड़े हैं। हालांकि उनके आरोपों में कोई दम नहीं है ऐसा कहना "ाrक नहीं है। नागरिकता वाला मुद्दा वाकई में कहीं अधिक संवदेनशील प्रतीत होता है। संदर्भ तो यह भी है कि भारत में दोहरी नागरिकता मान्य नहीं है। ऐसे में राहुल गांधी के लिए ब्रिटिश और भारतीय नागरिक एक साथ होना कानूनन अपराध माना जाएगा। कांग्रेस की ओर से कहना है कि राहुल गांधी जन्म से ही भारतीय है और उनकी नागरिकता को लेकर विवाद निराधार हैं परन्तु भाजपा राहुल गांधी की पूरे व्यक्तित्व को ही संदेहास्पद बता रहे हैं। अब लड़ाई सियासी मैदान से बाहर निकलकर कानून की जमीन पर खड़े होते दिखाई दे रही है।

राहुल गांधी की नागरिकता पर गहराया संदेह जाहिर है देश के लिए शुभ नहीं है। राजनीति में नई पहचान बना चुकी प्रियंका गांधी ने भी पलटवार करते हुए कहा है कि दुनिया जानती है कि राहुल गांधी भारतीय है। नागरिकता लोकतंत्रात्मक राजव्यवस्था को कानूनी स्वरूप प्रदान करता है। नागरिकता उस देश के निवासियों को अधिकार, कर्तव्य और विशेषाधिकार भी प्रदान करता है जो विदेशियों को प्राप्त नहीं है। मतदान करने के अधिकार से लेकर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति बनने तक का अधिकार इसी नागरिकता में सुलभ है। नागरिकता राज्य और व्यक्ति के बीच कानूनी संबंध है। यह देश के प्रति एक निष्"ा है यदि इसमें कोई कमी होती है तो व्यक्ति को ऐसे तमाम अवसर खोने होते हैं। हालांकि भारत में साल 2003 में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित कर विदेशों में बसे भारतीय मूल के लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान किया गया। इसे ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया कहा गया।

परिप्रेक्ष्य और दृष्टिकोण उक्त संदर्भों से यह इशारा करता है कि नागरिकता देश की एक कसौटी है यदि इस पर किसी का बल कमजोर होता है तो संविधान उसे अपनाने की इजाजत नहीं देता। हालांकि राहुल गांधी का मामला अभी जांच का विषय है पर सभी जानते हैं कि उनके कुल, खानदान में कौन हैं और देश के लिए क्या थे। सरसरी दृष्टि से देखें तो राहुल गांधी भारत के शुद्ध नागरिक हैं पर आरोप उन्हें इसे साबित करने के लिए चुनौती दे रहे हैं।

(लेखक प्रयास आईएएस स्टडी सर्किल, देहरादून के निदेशक हैं।)

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