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गोडसे प्रेमियों को उनकी जगह दिखाई पीएम मोदी ने

👤 Veer Arjun Desk 4 | Updated on:19 May 2019 6:38 PM GMT

गोडसे प्रेमियों को उनकी जगह दिखाई पीएम मोदी ने

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एक बार फिर गांधी बनाम गोडसे का जिन्न बोतल से बाहर निकल आया है। हालांकि भाजपा नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण से पहले उठे इस विवाद से हुए नुकसान से बचने का प्रयास करने की भरपूर कोशिश की है लेकिन विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे को यूं ही हाथ से नहीं जाने देना चाहती। उनकी कोशिश भाजपा को एक ऐसी पार्टी के रूप में दिखाते रहने की है जो महात्मा गांधी के हत्यारे नाथू राम गोडसे का सम्मान करती है और उसे देशभक्त मानती है। शायद यही कारण था कि फिल्मी दुनिया से राजनीति में नए-नए आए भाजपा के कटु आलोचक कमल हासन ने गोडसे को पहला हिन्दू आतंकी करार दे दिया। पिछले कई दिनों से जबकि भाजपा राष्ट्रवाद और खासतौर पर हिन्दू आतंकवाद को लेकर भोपाल सहित पूरे देश में कांग्रेस को घेर रही थी ऐसे में लगता है कि कमल हासन ने जानबूझ कर एक खास रणनीति के तहत गोडसे को पहला हिन्दू आतंकी बताया था। जब उनके इस बयान के बारे में कुछ मीडियाकर्मियों ने भोपाल से भाजपा की लोकसभा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने बेहिचक कहा कि नाथू राम गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे। उन्हें आतंकवादी कहने वाले लोग स्वयं की गिरेबां में झांक कर देखें। अबकी चुनाव में ऐसे लोगों को जवाब दे दिया जाएगा। चूंकि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर राजनीति में नई-नई आई हैं ऐसे में वह शायद अपने इस बयान की गंभीरता को समझ नहीं पाईं। उनके बयान देते ही भाजपा के कुछ और नेता सक्रिय हो गए और उन्होंने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के सुर में सुर मिलाना शुरू कर दिया। चुनावों के बीच उठे इस बवाल की गंभीरता को देखते हुए भाजपा नेतृत्व तुरन्त सतर्प हो गया और एक्शन में आ गया जिसका परिणाम यह हुआ कि साध्वी ने तुरन्त अपने बयान से किनारा करते हुए माफी मांग ली। अनंत कुमार हेगड़े ने भी यह कहकर मामले को दबाने का प्रयास किया कि उनका ट्विटर एकाउंट हैक हो गया था। लोकसभा की एक-एक सीट जीतने के लिए अथक मेहनत कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ भाजपा नेताओं द्वारा गोडसे के पक्ष में की जा रही इस गैर-जरूरी बयानबाजी से बेहद खफा थे। उन्होंने ऐसे लोगों को उनकी सही जगह दिखाने का फैसला किया। साध्वी के बयान को उन्होंने बेहद खराब बताते हुए कहा कि हालांकि उन्होंने माफी मांग ली है लेकिन वह उन्हें कभी मन से माफ नहीं कर पाएंगे। उनके रुख को भांपते हुए पार्टी ने भी एक तरफ जहां मध्यप्रदेश के पार्टी प्रवक्ता अनिल सौमित्र को सस्पैंड कर दिया वहीं साध्वी प्रज्ञा, अनंत कुमार हेगड़े और नलिन कतील के बयानों को अनुशासन समिति के पास भेजने का फैसला कर लिया। दरअसल आज की भाजपा अपने पूर्व संस्करण भारतीय जनसंघ से बेहद अलग है। अब भाजपा को पूर्वी या पश्चिमी पाकिस्तान से आए लुटे-पिटे लोगों या शहरी बनिया-ब्राह्मणों की पार्टी नहीं समझा जाता बल्कि अब इसका विस्तार लगभग पूरे भारत में हो चुका है और भाजपा कांग्रेस के बाद दूसरी राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बन चुकी है। कभी खालिस आरएसएस के कैडर वाली पार्टी के रूप में पहचानी जाने वाली भाजपा में आज कांग्रेस सहित विभिन्न दलों से आए नेता एवं कार्यकर्ता शामिल हैं जिन्हें विभिन्न वर्गों एवं जातियों का समर्थन हासिल है। पूरे देश के लिए गांधी आज भी सबसे बड़े महानायक हैं। भारत, ब्रिटेन या साउथ अफ्रीका ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को गांधी की अहिंसा का महत्व आज समझ में आ रहा है। भला ऐसे महानायक के खिलाफ भाजपा नेतृत्व क्यों और कैसे जाता। इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी ने बिना कुछ सोचे-समझे अनर्गल बयान देने वालों को सख्त संदेश देते हुए उनके आगे मर्यादा की एक स्पष्ट लकीर खींच दी है। इसलिए फिलहाल भाजपा गोडसे पर विपक्ष के बनाए ट्रेप में आने से बच गई है लेकिन जिस सस्ती लोकप्रियता को पाने के चक्कर में कुछ राजनेता कहीं भी, कभी भी और कुछ भी बोल जाते हैं उससे पार्टी नेतृत्व को सावधान रहने की जरूरत है। ऐसे लोग कमोबेश सभी पार्टियों में हैं पर भाजपा के सत्ता का दावेदार होने के चलते उसे ऐसे नेताओं से खासतौर पर सतर्प रहने की जरूरत है।

आदित्य नरेन्द्र

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