Home » द्रष्टीकोण » इलाहाबाद को जरूरी सौगातें दी जाएं

इलाहाबाद को जरूरी सौगातें दी जाएं

👤 veer arjun desk 5 | Updated on:3 Oct 2017 4:26 PM GMT
Share Post

श्याम कुमार

इलाहाबाद गत लगभग 60 वर्षों से अधिक समय से दुर्भाग्य का शिकार है तथा उसका पुराना गौरव वापस लाने की किसी ने चिन्ता नहीं की। यदि शासन चाहता तो महापुंभ एवं अर्धमहापुंभ के बहाने इलाहाबाद का इतना अधिक विकास एवं सुंदरीकरण किया जा सकता था कि वह देश के सुंदरतम नगरों में हो जाता। किन्तु ऐसा नहीं किया गया। आजादी से पहले इलाहाबाद व पुणे देश के सबसे सुंदर एवं साफ-सुथरे नगर माने जाते थे। अब तो हर महापुंभ एवं अर्धमहापुंभ के अवसर पर पशासनिक व्यवस्था यह सोचकर की जाती है कि बाहर से आने वाले यात्री बाहर ही बाहर वापस चले जाएं तथा शहर में न आने पाएं। इसीलिए उक्त महापर्वों की तैयारी में शहर के भीतर कोई उल्लेखनीय तैयारी या व्यवस्था नहीं की जाती है। विगत वर्षों में कुछ व्यवस्थाएं की भी गईं तो वे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गईं। पयाग में आयोजित होने वाला आगामी अर्द्धमहापुंभ निकट आ रहा है, जिसकी तैयारी वस्तुतः छह वर्ष पूर्व ही आरंभ हो जानी चाहिए थी।
इलाहाबाद `अतिक्रमणों एवं टैफिक जाम' का शहर बना हुआ है। अतः इस बात की घोर आवश्यकता है कि इलाहाबाद को अतिक्रमणों एवं अवैध निर्माणों से शत-पतिशत मुक्त कर दिया जाए ऐसी पक्की व्यवस्था बनाई जाय कि जहां से भी अतिक्रमण हटाए जाएं, वहां दोबारा अतिक्रमण हरगिज न होने पाएं। पटरियों (फुटपाथ) को नगर में पूरी तरह समाप्त कर दिया जाना चाहिए। पुराने समय में लोग पैदल अधिक चला करते थे, इसलिए उस समय पटरियों की बहुत उपयोगिता थी। अब इन पटरियों पर दुकानदारों व अन्य अतिक्रमणकारियों का कब्जा हो जाता है, इसलिए जनता के लिए इनकी उपलब्धता व उपयोगिता बिल्कुल नहीं रह गई है। पटरियों (फुटपाथ) का अर्थ ही `अतिक्रमण को आमंत्रण' माना जाने लगा है। नगर में सफाई व्यवस्था के लिए नए सिरे से "ाsस उपाय किए जाएं। नगर की सम्पूर्ण सीवर पणाली की `ओवरहॉलिंग' की जाए अतिक्रमणों आदि के कारण जो नाले-नालियां ढक गई हैं, उन्हें पुनः खोला जाना चाहिए।
इलाहाबादों में पार्कों की रक्षा व सुंदरीकरण के लिए "ाsस कदम उ"ाए जाएं। जिन पार्कों पर लोगों ने किसी भी रूप में कब्जा कर लिया है, उन्हें बिना किसी मुरव्वत के क"ाsरतापूर्वक हटाकर पार्कों का अधिकाधिक सुंदरीकरण किया जाए शहर के घने क्षेत्रों में जो भी खाली स्थान हों, उन पर दुकान या मकान बनाने की अब अनुमति हरगिज न दी जाए उन खाली स्थानों का अधिग्रहण कर हरियाली एवं पर्यावरण के हित में वहां उद्यान बना दिए जाने चाहिए। किसी उपयुक्त स्थान पर एक नया भव्य बाजार भवन बनवाकर चौक क्षेत्र में स्थित ऐतिहासिक मुहम्मद अली पार्प की दुकानों को वहां स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए तथा मुहम्मद अली पार्प को पुनः भव्य पार्प का रूप पदान किया जाए घंटाघर के पीछे जो बिसाता बाजार है, उसे भी इस नए बनाए गए भव्य बाजार भवन में स्थानांतरित कर बिसाता बाजार वाली जगह पर अत्यंत रमणीक उद्यान निर्मित किया जाए मुहम्मद अली पार्प एवं बिसाता बाजार की दुकानें नए भव्य बाजार भवन में स्थानांतरित कर दिए जाने तथा उन खाली हुए स्थानों पर आकर्षक उद्यान बना दिए जाने से इस क्षेत्र में भीड़ का दबाव बहुत कम होगा तथा यह समूचा क्षेत्र बड़ा सुंदर एवं दर्शनीय पतीत होने लगेगा।
इलाहाबाद में कोतवाली के पास नीम के सात वृक्ष थे, जिन पर 1857 में बड़ी संख्या में स्वतंत्रता सेनानियों को सार्वजनिक रूप से फांसी पर लटका दिया गया था। रखरखाव के अभाव में पांच पेड़ नष्ट हो गए तथा सिर्प दो पेड़ बचे हैं। इन दो पेड़ों की वैज्ञानिक तरीकों से रक्षा की जानी चाहिए तथा उस स्थान का पवित्र स्मारक स्थल के रूप में विकास व सौंदर्यीकरण किया जाना चाहिए। इन विभिन्न उपायों से संपूर्ण चौक क्षेत्र इलाहाबाद का महत्वपूर्ण भ्रमण केंद्र बन जाएगा।
इलाहाबाद में पहले बड़ी संख्या में तालाब थे, जिन्हें अनुचित एवं अवैध रूप से पाट दिया गया। न्यायालय का कड़ा निर्देश है कि तालाबों व पार्कों को पुनः पूरी तरह जीवित किया जाए अतः इस बात का भलीभांति गहन सर्वेक्षण कराया जाना चाहिए कि जनपद में कहां-कहां तालाब विद्यमान थे, जिन्हें पाट दिया गया है तथा वहां उन तालाबों को पुनः मूर्त रूप पदान किया जाए इन तालाबों को ऐसा सुंदर रूप दे दिया जाए कि वे रमणीक पिकनिक स्थल बन जाएं। वहां नौका विहार की व्यवस्था भी कर दी जाए जानसेनगंज चौराहे पर चारों कोनों पर स्थित कुछ भवनों का अधिग्रहण कर उस चौराहे को काफी चौड़ा कर दिया जाए नगर के अन्य सभी चौराहों को भी इसी पकार चौड़ा कर दिया जाना चाहिए। संभव हो तो सुभाष मार्ग (जानसेनगंज) पर स्थित एक ओर के भवनों का अधिग्रहण कर सुभाष मार्ग को दुगना चौड़ा कर दिया जाए यहां के निवासियों को कोई नई आकर्षक कॉलोनी बनाकर वहां आवास आवंटित किए जा सकते हैं। ऐसा ही कार्य कोतवाली के बगल से अतरसुइया जाने वाले चड्ढा मार्ग पर भी किया जा सकता है। इसी पकार जानसेनगंज चौराहे से एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज के चौराहे तक सड़क को चौड़ा किया जा सकता है। मलाका क्षेत्र में राजकीय इंटर कॉलेज के पहले जो रेल फाटक है, वह अकसर बंद रहता है, जिससे वहां बड़ा लंबा `जाम' लग जाया करता है। वहां एक `ओवरब्रिज' अविलंब निर्मित किया जाना चाहिए। शहर में अन्य कई स्थानों पर `ओवरब्रिज' बनाए जाने की आवश्यकता है। यदि यह संभव न हो तो अतरसुइया क्षेत्र से सिविल लाइन क्षेत्र तक रास्तों के संकरा होने की समस्या के निवारण हेतु ऊपर लंबे `फ्लाईओवर' बनाए जाएं अथवा भूमिगत मार्ग बनाया जाए राजर्षि टंडन पार्प के पास से अतरसुइया तक तथा लाउदर रोड पर मेडिकल कॉलेज चौराहे के पास से कटघर या गऊघाट तक दो `फ्लाईओवर' बनाए जाने चाहिए। इसी पकार अन्य `फ्लाईओवर' भी बनाए जा सकते हैं। इससे शहर के भीतर यातायात का दबाव कम हो जाएगा। लाउडर रोड का नाम `दीनदयाल उपाध्याय मार्ग' कर दिया जाना चाहिए।
विवेकानंद मार्ग पर स्थित मोतीमहल सिनेमाघर कई वर्षों से बंद पड़ा है। इसका अधिग्रहण कर वहां सुंदर पार्प बना दिया जाना चाहिए। वहां पर मार्केट बनाने की अनुमति हरगिज न दी जाए, क्योंकि उक्त क्षेत्र में भीड़ व यातायात का दबाव बहुत अधिक हो गया है तथा हर समय जाम लगा रहता है। यहां मार्केट आदि बनने से और भी नारकीय स्थिति हो जाएगी। विवेकानंद मार्ग व सम्मेलन मार्ग के जोड़ वाले तिराहे पर पहले एक पार्प था। उस समय मोतीमहल सिनेमाघर के पास विवेकानंद मार्ग वाली सड़क पर, जिसे उस समय हीवेट रोड कहते थे, सब्जी मंडी लगा करती थी। बाद में सब्जी मंडी वहां से हटाकर विवेकानंद मार्ग व सम्मेलन मार्ग के जोड़ वाले तिराहे पर स्थित पार्प में दुकानें बनाकर वहां स्थानांतरित कर दिया गया था। किन्तु कुछ समय बाद सब्जी वालों ने पार्प की उन नवनिर्मित दुकानों को अपना गोदाम बना लिया और पुनः सड़क घेरकर वहां अपनी दुकानें लगाने लगे। अतः उक्त स्थान से सब्जी मंडी को हटाकर तथा पुराने वाले पार्प को मिलाकर वहां बड़ा एवं भव्य चौराहा बनाया जाना चाहिए। चूंकि सड़क का नाम विवेकानंद मार्ग है, अतः उस चौराहे पर स्वामी विवेकानंद की विशाल मूर्ति स्थापित की जानी चाहिए। यहीं पर डाट के पुल से मुहत्शिमगंज तक एक गली थी, जिस पर लोगों ने कब्जा कर लिया है। अतः वह गली मुक्त कराई जानी चाहिए। वहां से मांस की दुकानें हटा दी जानी चाहिए।

Share it
Top