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नेहरू वंश ऊंच, बाकी सब नीच?

👤 veer arjun desk 5 | Updated on:19 Dec 2017 5:43 PM GMT
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श्याम कुमार

गुजरात का चुनावी संग्राम अब कुरुक्षेत्र के महायुद्ध जैसा हो गया है। कुरुक्षेत्र महायुद्ध में तो नैतिकताओं एवं मर्यादाओं का अस्तित्व मौजूद था, किन्तु गुजरात के चुनावी युद्ध में सभी सीमाएं टूट गई हैं। पतन इस सीमा तक हो गया है कि कांग्रेस के अत्यंत वरिष्" नेता मणिशंकर अय्यर ने, जो नेहरू वंश के बेहद करीबी माने जाते हैं, देश के पधानमंत्री को बड़े घृणित स्वरों में `नीच' कह डाला। इसके पूर्व पिछले दिनों सर्वोच्च न्यायालय में अयोध्या-पकरण की सुनवाई के समय कांग्रेस के एक अन्य अत्यंत वरिष्" नेता कपिल सिब्बल ने वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा-चुनाव का हवाला देते हुए अयोध्या पकरण की सुनवाई उस चुनाव के बाद करने की अदालत से अपील की। वस्तुतः वह गुजरात के चुनाव के समय उस पकरण की सुनवाई टलवाना चाहते थे, ताकि भाजपा को लाभ न मिल सके। लेकिन कपिल सिब्बल के रवैये की देशभर में निन्दा हुई तथा कांग्रेस को फायदा पहुंचने के बजाय नुकसान हुआ। कपिल सिब्बल के बाद मणिशंकर अय्यर ने तो जैसे देश में आग ही लगा दी। इससे गुजरात का जो चुनावी माहौल भारतीय जनता पार्टी के हाथ से कुछ खिसकता दिखाई दे रहा था, वह तो रुक ही गया, भाजपा को लाभ भी पहुंच गया है।
मणिशंकर अय्यर इससे पहले देशद्रोहपूर्ण अपराध कर चुके हैं। उन्होंने पाकिस्तान जाकर यह कहा था कि पाकिस्तान मोदी को हटा दे। नरेंद्र मोदी मणिशंकर अय्यर के बयानों का फायदा उ"ाने से नहीं चूके। उन्होंने गुजरात की सार्वजनिक सभाओं में कहाö`जब मैं पधानमंत्री बना तो यह शख्स (मणिशंकर अय्यर) पाकिस्तान गया और वहां कुछ पाकिस्तानियों से मिला। उसने पाकिस्तानियों से कहा कि जब तक मोदी को रास्ते से हटाया नहीं जाता, भारत-पाक के रिश्ते नहीं सुधरेंगे। इस पकार मणिशंकर अय्यर ने मुझे हटाने की पाकिस्तान को सुपारी दी।' नरेंद्र मोदी ने सोनिया गांधी से लेकर मणिशंकर अय्यर तक के बयानों का उल्लेख करते हुए कहाö`कांग्रेस मुझे गालियां देते नहीं थकती, लेकिन मैं खामोश रहता हूं। वह मुझे `मौत का सौदागर', `जहर की खेती करने वाला', `कुत्ता', `बंदर', `रावण', `गंगूतेली', `चायवाला तू चाय बेच', `भस्मासुर', `हिटलर', `मुसोलिनी', `सांप', `बिच्छू', `राक्षस' आदि अनगिनत अपशब्द कहती रही है और अब उसने `नीच' कर दिया।
परिवर्तित वातावरण से कांग्रेस के होश उड़ गए हैं। पहले वह कपिल सिब्बल का बचाव कर रही थी, अब वह मणिशंकर अय्यर द्वारा बिगाड़ दी गई स्थिति को संभालने में जीजान से जुट गई है। उसने मणिशंकर अय्यर को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। लेकिन मणिशंकर के घृणित बयान से देश के सम्पूर्ण पिछड़े समाज को गहरी चोट पहुंची है। उससे कांगेस को जो भारी नुकसान हुआ है, उसकी क्षतिपूर्ति मणिशंकर अय्यर को निलंबित करने से हरगिज नहीं हो सकेगी। इसे कांग्रेस का ढोंग माना जा रहा है। लोगों का सवाल है कि उस समय कांग्रेस ने मणिशंकर अय्यर को देशद्रोह के अपराध में कांग्रेस से क्यों नहीं निकाला, जब उन्होंने पाकिस्तान जाकर वहां देशद्रोही बयान दिया था? कांग्रेस के पवक्ता कह रहे हैं कि उनकी पार्टी पधानमंत्री का सम्मान करती है। लेकिन सत्य इसके विपरीत है। सोनिया गांधी ने अटल बिहारी वाजपेयी को गद्दार कहा था। सोनिया गांधी ने ही नरेंद्र मोदी को जब `मौत का सौदागर' व `जहर की खेती करने वाला' कहा था, उस समय पार्टी ने अपनी अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की।
वास्तविकता यह है कि कांग्रेस पार्टी नरेंद्र मोदी के पति घोर घृणा से भरी हुई है। इसका मनोवैज्ञानिक कारण यह है कि आजादी के बाद देश में नेहरू वंश का जो एकछत्र पभुत्व चला आ रहा था, नरेंद्र मोदी की लोकपियता ने उसे खत्म कर दिया। कांग्रेस को अपना सबसे बड़ा दुश्मन नरेंद्र मोदी ही पतीत हो रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने जब गुजरात में कांग्रेस का वर्चस्व समाप्त कर भारतीय जनता पार्टी को मजबूती से पतिष्"ापित कर दिया था, तब से कांग्रेसियों के मन में नरेंद्र मोदी के विरुद्ध आग धधक रही है। कांग्रेस ने देश के अन्य फर्जी सेकुलरवादियों से मिलकर विगत दो दशकों में नरेंद्र मोदी को जितने अपशब्द कहे हैं और उनके विरुद्ध जितने षड्यंत्र किए हैं, उतना आज तक विश्व में किसी भी राजनेता के विरुद्ध नहीं हुआ। उन तत्वों ने अपने देश में ही नहीं, विदेशों में भी मोदी को जितना अधिक से अधिक हो सकता था, बदनाम किया। यहां तक कि अमेरिका आदि देशों से मोदी को अपने यहां पवेश न देने को कहा गया। लेकिन मोदी के विरुद्ध कांग्रेस ने अब तक जितना दुष्पचार किया, उससे मोदी का नुकसान होने के बजाय उन्हें फायदा हुआ। कांग्रेस द्वारा उछाले गए सारे पत्थर कांग्रेस पर ही आकर गिरे और यह कहावत सत्य चरितार्थ हुई कि सूरज पर थूकने से थूक सूरज पर नहीं, खुद अपने ऊपर आकर गिरता है।
जब से कांग्रेस पार्टी में उसके वास्तविक महान नेताओं का अवसान हुआ और पार्टी पर जवाहर लाल नेहरू का पभुत्व स्थापित हुआ, तब से वह राजनीतिक पार्टी न होकर एक वंशवादी पारिवारिक पार्टी बनकर रह गई है। कांगेस द्वारा नेहरू वंश को ईश्वर के अवतार जैसा मान लिया गया। कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता नेहरू वंश के बच्चों तक की चाटुकारी में लग गए। जवाहर लाल नेहरू के समय से तरह-तरह के उपायों एवं हर तरह के पचार-माध्यमों का सहारा लेकर नेहरू वंश को योग्यतम एवं दिव्य आभा से युक्त रूप में चित्रित व पचारित किया जाने लगा। यह नेहरू की जातिवाद को संरक्षण देने एवं अपने को श्रेष्" समझने की पवृत्ति ही थी कि वह अपने को `पंडितजी' कहलाते थे। नेहरू वंश को श्रेष्" एवं अन्य सभी को हीन समझने की कांग्रेसियों में गहराई तक जो भावना घुसी हुई है, उसी का नतीजा है कि मणिशंकर अय्यर ने नरेंद्र मोदी को बड़े घृणाभाव से `नीच' कहा।
राहुल गांधी एवं कांग्रेस के पवक्ता मणिशंकर अय्यर के बयान से हुए नुकसान को संभालने के लिए ही बार-बार कह रहे हैं कि कांग्रेस संस्कारों वाली पार्टी है। राहुल गांधी शायद भूल गए हैं कि सोनिया गांधी ने जब से उन्हें एड़ी चोटी का जोर लगाकर नेता बनाने का अभियान शुरू किया, तब से राहुल गांधी विकास का अपना कोई एजेंडा पस्तुत करने के बजाय नरेंद्र मोदी की बेसिरपैर की आलोचना करने के एकसूत्री कार्यक्रम में जुटे हुए हैं। उन्होंने आज तक अन्य किसी विषय पर अपने विचार व्यक्त करने के बजाय अपने दिमाग को सिर्प इस बात में सक्रिय रखा कि मोदी क्या कपड़ा पहनते हैं, क्या जूता पहनते हैं आदि-आदि, मोदी के सूट को दो लाख का बताते-बताते वह 65 लाख का बताने लगे। इसी पकार उनकी चप्पल को भी लाखों रुपए कीमत का बताने लगे। अरविन्द केजरीवाल लोकसभा के चुनाव के समय मोदी की इस पकार की आलोचनाएं किया करते थे कि वह गुजरात के अमुक गांव में गए तो वहां उन्हें हैंडपंप लगा नहीं दिखा, जिससे सिद्ध होता है कि मोदी ने गुजरात का विकास नहीं किया। राहुल गांधी भी अबतक मोदी की इसी तरह की बचकानी आलोचनाएं करते आए हैं।

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