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मोदी व योगी पर जिम्मेदारी बढ़ी

👤 veer arjun desk 5 | Updated on:22 Dec 2017 5:28 PM GMT
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श्याम कुमार

उत्तर पदेश के स्थानीय निकाय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को जो बम्पर जीत मिली है, उससे सिद्ध हो गया है कि हमारे यहां मोदी-लहर पहले की तरह विद्यमान है तथा कांग्रेस एवं अन्य फर्जी सेकुलरवादियों के अनगिनत षड्यंत्रों व झू"s दुष्पचारों के बावजूद मोदी-लहर पहले की तरह अटल है। उत्तर पदेश में स्थानीय निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को जो अभूतपूर्व विजय पाप्त हुई है, उसका श्रेय मोदी के साथ एक अन्य व्यक्तित्व को भी है, और वह हैं पदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। उन्होंने मात्र छह मास में ही पदेश की जनता के मन में यह विश्वास पैदा कर दिया है कि मुख्यमंत्री के रूप में उनका नेतृत्व पदेश का हर तरह से कल्याण करेगा तथा हमारा पदेश विकास की शीर्ष बुलंदियों पर पहुंच सकेगा। यह भी सिद्ध हो गया है कि जिस पकार देश को केंद्र में मोदी के रूप में एक चमत्कारिक बहुमूल्य रत्न मिला है, उसी पकार उत्तर पदेश को भी योगी आदित्यनाथ के रूप में एक विलक्षण विराट व्यक्तित्व पाप्त हो गया है। एक अन्य महत्वपूर्ण हकीकत यह भी है कि जिस पकार केंद्र एवं उत्तर पदेश की सरकारें मोदी व योगी के नेतृत्व में विकास की मंजिल की ओर "ाsस रूप में अग्रसर हो रही हैं, उसी पकार भारतीय जनता पार्टी के संग"न को भी राष्ट्रीय स्तर पर अमित शाह के रूप में चाणक्य जैसा कर्णधार मिला है तो उत्तर पदेश में महेन्द्र नाथ पाण्डेय के रूप में सूझबूझ वाला, विनम्र एवं क"ाsर परिश्रमी पदेश-अध्यक्ष पाप्त हो गया है।
उत्तर पदेश के स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा का जो परचम लहराया है, उससे पार्टी के कर्णधारों एवं कार्यकर्ताओं का सीना निस्संदेह बहुत चौड़ा हुआ है। लेकिन यह भारी विजय सामने बड़ा खतरा भी लेकर आई है। लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा को जो अभूतपूर्ण सफलताएं मिल रही हैं, उनसे पार्टी के लोगों में अहंकार पैदा होना स्वाभाविक है। किन्तु यही अहंकार आगे विनाश को जन्म देता है। अतः इस बात की पूरी सतर्पता एवं सावधानी बरती जानी चाहिए कि सफलता पार्टी के लोगों का दिमाग खराब न करने पाए। सफलता से उत्पन्न अहंकार बाद में उसी गुंडागर्दी को जन्म देता है, जिसके लिए समाजवादी पार्टी बदनाम है। भारतीय जनता पार्टी अन्य पार्टियों से अलग अपने चाल, चरित्र एवं चेहरे के लिए जानी जाती रही है। चूंकि विगत दशकों में भारतीय राजनीति सड़ांध का शिकार हुई है, इसलिए कमोबेश उस सड़ांध का असर सभी पार्टियों पर हुआ है। लेकिन तुलनात्मक दृष्टि से भारतीय जनता पार्टी अन्य की तुलना में अभी भी अधिक शुद्ध मानी जाती है। जनता भाजपा की अधिकाधिक शुद्ध छवि देखना चाहती है। वह यह नहीं पसंद करती कि अन्य पार्टियों के लोगों की तरह भाजपा के लोग गुडागर्दी व भ्रष्टाचार करें तथा जमीनें हड़पें। इसीलिए जनता चाहती है कि भाजपा के मंत्री व अन्य बड़े नेता पूरी सादगी से रहें तथा आम जनता से अधिक से अधिक निकटता बनाकर चलें।
नरेंद्र मोदी एवं योगी आदित्यनाथ को अब और भी अधिक सतर्प, सजग एवं परिश्रमशील होने की आवश्यकता है। उन्हें भ्रष्टाचार पर निर्ममतापूर्वक तलवार चलानी होगी तथा उन भ्रष्ट तत्वों की सम्पत्ति जब्त कर जेल भेजने में संकोच नहीं करना होगा, जिन्होंने कांग्रेस, सपा एवं बसपा के राज में लूट-लूटकर अथाह सम्पदा खड़ी की है। देश में तरह-तरह के गुल खिलाने वाले कांग्रेसी एवं अन्य फर्जी सेकुलरिए बड़ी उम्मीद पाले हुए थे कि उत्तर पदेश के महत्वपूर्ण स्थानीय निकाय चुनाव में मोदी के नेतृत्व को वे तगड़ा धक्का लगाने में कामयाब होंगे, जिससे उनके अच्छे दिन फिर आएंगे। वे आशा लगाए बै"s थे कि वे जब उत्तर पदेश में मोदी-लहर को धूमिल कर देंगे तो गुजरात के चुनाव में भी उन्हें अपनी पौ बारह करने का अवसर मिल जाएगा। गुजरात का चुनाव चाहे जो परिणाम दे, फिलहाल तो देश में देशद्रोही तत्व निराशा के दलदल में डूब गए हैं। पप्पू एवं अन्य फर्जी सेकुलरिए, जिनमें हिन्दू नामधारी हिन्दुओं की बहुतायत है, नित्य मोदी को गाली देना अपनी दिनचर्या बनाए हुए थे। टीवी चैनलों पर नित्य जो परिचर्चाएं होती हैं, उनमें पप्पू की तरह कौवे-जैसी कर्पश आवाज में कांग्रेस के पवक्ता चिल्ला-चिल्लाकर बकवास करते थे तथा परिचर्चा का कोई भी विषय हो, घूम-फिरकर वे मोदी को अपशब्द कहने में जुट जाते थे। वे अन्य वक्ताओं को नहीं बोलने देते थे। उत्तर पदेश के स्थानीय निकाय चुनावों ने मुंह में बवासीर पाले हुए ऐसे सभी तत्वों की बोलती बंद कर दी है।
पप्पू के चमचे उसे देश का सबसे महान एवं योग्य नेता सिद्ध करने में एड़ी-चोटी एक किए हुए हैं। लेकिन वे जो कालिख मोदी के चेहरे पर लगाने के लिए हर समय तत्पर रहते थे, वह कालिख स्वयं उनके मुंह पर लग गई है। किसी ने सच कहा कि कांग्रेसियों की नेहरू वंश की चाटुकारी का यह हाल है कि उन्हें उस वंश की भक्ति या देश में से एक को चुनने का विकल्प दिया जाय तो वे नेहरू वंश की भक्ति ही चुनेंगे। नेहरू वंश की चाटुकारी का एक और हास्यास्पद नमूना सामने आया है। पता चला है कि जिस पकार कमलापति त्रिपा"ाr नेहरू वंश की चाटुकारी किया करते थे, उसी का अनुसरण करते हुए उनके पौत्र राजेशपति त्रिपा"ाr ने कहा है कि सोनिया गांधी संस्कृत भाषा की पकांड विद्वान हैं। हाय रे कांग्रेसियो, अब तो कुछ शर्म करना शुरू करो! जो सोनिया इतने दशकों तक भारत में रहने के बाद भी अभी तक हिन्दी तक में पकांड नहीं हो सकीं, उन्हें संस्कृत भाषा का पकांड विद्वान बताया जा रहा है।
मोदी के नेतृत्व में जिस पकार देश अत्यंत उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रहा है तथा विश्वभर में पहली बार भारत का डंका बजा है, उससे पुनः यह लक्षण दिखाई देने लगे हैं कि भारत आगे चलकर पुनः `विश्वगुरु' एवं `सोने की चिड़िया' बन सकता है। हालांकि इसके लिए मूलभूत आवश्यकता यह है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी 2019 का लोकसभा-चुनाव भी बम्पर रूप में जीते, वर्तमान समय में लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी को अपना विपुल बहुमत हासिल है, किन्तु राज्यसभा अब तक उसके मार्ग में सबसे बड़ी बाधा सिद्ध हुई है। इस समय राज्यसभा में कांग्रेस का बहुमत है और उसने शुरू से यह रणनीति अपनाई कि मोदी-सरकार को अच्छे काम नहीं करने दो तथा सरकार के रास्ते में जितना भी संभव हो सके, अवरोध उपस्थित करो। निकट भविष्य में जब राज्यसभा में भी भारतीय जनता पार्टी का पूर्ण बहुमत हो जाएगा, तब देश में मोदी का विकास-मॉडल वास्तविक रूप में शुरू होगा। देश की जनता को भी समझना होगा कि यदि वह देश को जल्दी से जल्दी विकसित देशों की श्रेणी में खड़ा करना चाहती है तो उसे देश को फर्जी सेकुलरवादियों के शिकंजे से मुक्ति दिलानी बहुत आवश्यक है।

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