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शी जिनपिंग और ट्रंप पर भारी पड़ा मोदी का जलवा

👤 Veer Arjun Desk | Updated on:14 Jan 2018 6:30 PM GMT

शी जिनपिंग और ट्रंप पर भारी पड़ा मोदी का जलवा

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आदित्य नरेन्द्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता अब देश की सीमाएं लांघते हुए विदेशों में भी रिकार्ड बना रही है। सर्वे करने वाली प्रसिद्ध विदेशी एजेंसी गैलप इंटरनेशनल ने 50 देशों के अपने सर्वे के परिणामों का आंकड़ा बताते हुए इसका खुलासा किया है। इस अंतर्राष्ट्रीय सर्वे में मोदी दुनिया के तीन सबसे लोकप्रिय नेताओं में शामिल हैं। फ्रांस के इमैन्युअल मैक्रों और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल को इस सर्वे में क्रमश 21 और 20 अंक के साथ पहला और दूसरा स्थान मिला है जबकि आठ अंक के साथ मोदी तीसरे स्थान पर हैं। यह सर्वेक्षण ऐसे समय पर सामने आया है जब प्रधानमंत्री मोदी को अगले कुछ दिनों में दावोस में आयोजित बैठक में भाग लेने के लिए स्विट्जरलैंड जाना है।
गैलप के अनुसार इस अंतर्राष्ट्रीय सर्वे में 53,769 लोगों ने भाग लिया था। प्रत्येक देश से प्रतिनिधित्व के तौर पर एक हजार लोगों से आमने-सामने, ऑनलाइन या फिर फोन के जरिये यह सर्वे अक्तूबर से दिसम्बर 2017 के बीच किया गया। इस सर्वे के दौरान कई हैरान करने वाले तथ्य सामने आए हैं। फ्रांस को छोड़कर दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में शुमार किए जाने वाले वह देश जो सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य भी हैं, उनके प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय नेताओं की इस लिस्ट में कहीं पीछे छूट गए हैं। इस सर्वे के अनुसार मोदी का जलवा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, चीनी प्रेसीडेंट शी जिनपिंग, ब्रिटेन की पीएम टेरीजा मे और रूस के प्रमुख ब्लादिमीर पुतिन पर भारी पड़ा है। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को 53 फीसदी भारतीयों ने पसंद किया है। एशियाई देशों में यह ट्रंप को मिला सर्वाधिक समर्थन है। शायद इसकी वजह पाकिस्तान के खिलाफ उनका स्पष्ट और निर्णायक रवैया है। इसके उलट अमेरिका में 34 फीसदी लोगों ने मोदी के प्रति सकारात्मक राय जाहिर की है।
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों और जर्मनी की चांसलर मर्केल की राजनीति जहां सेंटर से लेफ्ट की ओर झुकाव वाली है वहीं मोदी की राजनीति पर दक्षिणपंथी छाप नजर आती है। इसके बावजूद मोदी दो साल पहले के सर्वे में मिले स्थान से ऊपर उठे हैं। इससे दुनिया में देश का सम्मान बढ़ा है। नोटबंदी और जीएसटी जैसे फैसलों के बावजूद देश में मोदी की लोकप्रियता कायम है। राज्य और स्थानीय स्तर पर हुए चुनाव इसकी गवाही देते हैं। जहां तक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनकी लोकप्रियता का सवाल है तो विदेशियों के बीच भी सर्जिकल स्ट्राइक, डोकलाम, दक्षिण चीन सागर व फिलस्तीन-इजरायल विवाद जैसे मुद्दों पर उनकी स्पष्ट राय और निर्णायक कार्रवाई से दुनिया में उनके प्रति आकर्षण बढ़ा है। देश में मोदी को हिन्दुवादी नेता कहकर और पानी पी-पीकर कोसने वाले आलोचक यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि मुस्लिम देशों में मोदी के समर्थक बहुत बड़ी संख्या में मौजूद हैं। भारत में वह 84 फीसदी लोगों की पसंद है लेकिन अफगानिस्तान के 69, बांग्लादेश के 51, इराक के 48 और इंडोनेशिया के करीब 40 फीसदी लोगों ने भी मोदी का समर्थन किया है। यह सभी मुस्लिम बाहुल्य देश हैं और मोदी को इस लिस्ट में तीसरे स्थान पर पहुंचाने में इनके समर्थन की बहुत बड़ी भूमिका है। इसके अलावा मैक्सिको से 55, यूक्रेन से 58 और दक्षिण अफ्रीका से 40 फीसदी समर्थन भी मोदी को मिला है। यह समर्थन यूरोप से अमेरिका तक मोदी के बढ़ते दबदबे को दिखाता है। पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने देश की छवि को बदला है जिसके चलते आज दुनिया भारत और मोदी का लोहा मान रही है। इसकी एक बड़ी मिसाल उस समय देखने को मिली जब अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में जस्टिस दलबीर भंडारी का चयन होना था। भारत के बढ़ते दबदबे के चलते ब्रिटेन के उम्मीदवार को मुकाबले से पीछे हटना पड़ा। पिछले सात दशकों के इतिहास में पिछले वर्ष ऐसा पहली बार हुआ जब ब्रिटेन का कोई प्रतिनिधि जज अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में नहीं पहुंच पाया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को भी काफी हद तक अलग-थलग करने का प्रयास किया है ताकि वह अपनी आतंकवाद समर्थित नीतियां छोड़ने के लिए मजबूर हो जाए। पाक के रवैये को देखते हुए यह कोई आसान काम नहीं है।
उल्लेखनीय है कि किसी भी नेता की देश और विदेश में लोकप्रियता कई कारकों पर निर्भर होती है। जहां तक हमारे देश का सवाल है तो यहां लोकप्रियता कई बार धर्म, जाति और भाषा के आधार पर भी आंकी जाती है। कई नेता इन्हें ही आधार बनाकर अपना राजनीतिक कैरियर आगे बढ़ाते हैं। लेकिन विदेशियों के लिए दूसरे देश और उसके नेता की लोकप्रियता के पैमाने इससे अलग होते हैं। जैसे उस देश के साथ दूसरे देश के राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध कैसे हैं। निवेश का माहौल अनुकूल है या नहीं। सामरिक व रणनीतिक संबंधों की क्या स्थिति है आदि। इसे देखते हुए इसमें कोई शक नहीं कि अंतर्राष्ट्रीय सर्वे में दुनिया के सर्वाधिक लोकप्रिय तीन शीर्ष नेताओं में मोदी के शामिल होने से न सिर्फ मोदी का बल्कि देश और देशवासियों का सम्मान भी बढ़ा है। उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में इस सर्वे की धमक दुनिया में दूर-दूर तक सुनाई देगी और मोदी की सोच, कार्यशैली और लोकप्रियता से देश और दुनिया को लाभ होगा।

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