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दाउद के साथी से लैंड डील का मामला प्रफुल्ल पटेल के गले की हड्डी बना

👤 Veer Arjun | Updated on:21 Oct 2019 7:55 AM GMT

दाउद के साथी से लैंड डील का मामला प्रफुल्ल पटेल के गले की हड्डी बना

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-आदित्य नरेन्द्र

अभी पिछले दिनों यूपीए सरकार में मंत्री रहे पी. चिदम्बरम पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की गूंज शांत भी नहीं हो पाईं थी कि उसी सरकार के एक और मंत्री रहे एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल भी गंभीर आरोपों से घिर गए हैं। ईंडी के अनुसार पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता पटेल की रियल एस्टेट वंपनी मिलेनियम डिवलेपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने 2006-07 में मुंबईं में सीजे हाउस नाम की एक बिल्डिंग बनाईं थी। इस इमारत की तीसरी और चौथी मंजिल अंडरवल्र्ड डॉन दाउद इब्राहिम के एक प्रामुख सहयोगी इकबाल मिचा की पत्नी हाजरा इकबाल के नाम पर ट्रांसफर की गईं थी।

बताया जाता है कि जिस जमीन पर इस आलीशान इमारत का निर्माण हुआ है वह मुंबईं की प्राइम लोकेशन पर है। इसे इकबाल मिचा ने खरीदा था। जांच अधिकारियों का मानना है कि इस जमीन को मनी लांड्रिंग, ड्रग तस्करी और जबरन वसूली के पैसों से खरीदा गया। यह सारा मामला सामने आने के बाद पटेल ने कहा है कि पूरा लेन-देन कानून के तहत किया गया है। उन्होंने अपने उपर लगे सभी आरोपों से इंकार करते हुए कहा है कि इस मामले में काल्पनिक विचार और कागजात हैं जो मीडिया में लीक किए गए हैं। जाहिर है कि आपके पास वुछ कागजात हैं जो कभी मेरे ध्यान में नहीं आए। उन्होंने कहा कि इस स्तर पर सब वुछ बॉम्बे हाईं कोर्ट के पास है। हम न तो सीधे सम्पत्ति की देखरेख कर रहे हैं और न ही सीधे इसके प्राभारी हैं। इस मामले में ईंडी ने पूर्व में रंजीत बिद्रा नाम के एक शख्स को भी हिरासत में लिया था। बिद्रा पर आरोप है कि उसने भूमि सौदे में बिचौलिये का काम किया था।

इकबाल मिचा की 2013 में ही मौत हो गईं थी। इस तरह देखा जाए तो यह मामला बेहद गंभीर है। अंडरवल्र्ड डॉन दाउद इब्राहिम का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। यह वही दाउद इब्राहिम है जो मुंबईं धमाकों का सूत्रधार माना जाता है और धमाकों के बाद देश छोड़कर पाकिस्तान चला गया था। लेकिन मुंबईं और देश के अन्य भागों में उसकी गतिविधियां उसके सहयोगियों के माध्यम से आज भी जारी हैं। इसमें जो लोग उसकी मदद करते थे उनमें इकबाल मिचा का नाम प्रामुख था।

इसलिए जब प्रफुल्ल पटेल की वंपनी मिलेनियम डिवलेपर्स का संबंध इकबाल मिचा की प्राॉपटा से जुड़ा तो ईंडी ने इनके बीच कारोबारी रिश्तों की जांच शुरू कर दी। दरअसल देश में कईं तरह की वित्तीय गड़बिड़यों के मामलों के उलट यह मामला इसीलिए गंभीर माना जा रहा है क्योंकि इसमें दाउद के सहयोगी का नाम सामने आ रहा है। दाउद और उसकी गतिविधियां देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। इसी के चलते दाउद और उसके सहयोगी लगातार सुरक्षा एजेंसियों के राडार पर रहते हैं। ऐसे में यह संभव ही नहीं था कि इतने बड़े लेनदेन के तथ्य सामने आएं और उनकी जांच न की जाए।

लिहाजा ईंडी ने प्रफुल्ल पटेल को समन किया और वह बीते शुक्रवार को मुंबईं के ईंडी ऑफिस में जांच अधिकारियों के सवालों का जवाब देने पहुंचे भी। जांच अधिकारियों ने उनसे लगभग 12 घंटे पूछताछ की। इस पूछताछ का लब्बोलुआब तो जांच अधिकारी ही जानें लेकिन इसमें कोईं शक नहीं कि दाउद के साथी इकबाल मिचा के साथ लैंड डील का मामला अब प्रफुल्ल पटेल के गले की हड्डी बन चुका है। क्योंकि हमने देखा है कि ऐसे मामलों में जांच काफी लंबे समय तक चलती रहती हैं।

इसका कारण यह है कि जांच एजेंसियां ऐसे मामलों में मनी ट्रेल पर निर्भर होती हैं। यदि मनी ट्रेल का एक भी महत्वपूर्ण लिक बीच में मिस हो जाए तो जांच में बाधा आ जाती है। जब लंबे समय तक ऐसे मामलों में जांच चलती है तो किसी भी राजनेता की इमेज पर फर्व पड़ना स्वाभाविक है। यह मामला भी महाराष्ट्र के एक वरिष्ठ राजनेता का होने के चलते मीडिया की सुर्खियों में है क्योंकि महाराष्ट्र में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं। ऐसे समय में इस मामले के खुलासे से एनसीपी को महाराष्ट्र में नुकसान होगा या नहीं यह देखना दिलचस्प रहेगा।

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