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बाज नहीं आता पाक नापाक हरकतों से

👤 Veer Arjun | Updated on:11 Nov 2019 3:50 AM GMT

बाज नहीं आता पाक नापाक हरकतों से

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-आदित्य नरेन्द्र

कहते हैं कि प्यार और जंग में सब वुछ जायज होता है। भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को पड़ोसियों से प्यार करना आता ही नहीं है। जहां तक जंग की बात है तो वह उसके जैसे खस्ता हाल देश के बस की बात नहीं है। आज की तारीख में चीन को छोड़कर अफगानिस्तान, ईंरान और भारत जैसे पड़ोसियों से उसके रिश्ते खराब नहीं अपितु काफी खराब हैं। जहां तक चीन से उसके रिश्तों का सवाल है तो उसे अपने वजूद को कायम रखने के लिए चीन की छत्रछाया चाहिए।

चीन के समर्थन के चलते ही वह गाहे-बगाहे अपने से कईं गुना बड़े और ताकतवर देश भारत को चुनौती देने की नाकामयाब कोशिशें करता रहता है। ऐसी कोशिशें वह कभी खुल्लमखुला करता है तो कभी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने खुद को अच्छा साबित करने का प्रायास करते हुए करता है लेकिन ऐसा करते हुए भी उसकी मानसिकता में कोईं परिवर्तन नहीं आता। हर समय उसका एक ही उद्देश्य रहता है कि येन-केन-प्राकरेण भारत को नुकसान पहुंचाया जाए। जब से पाकिस्तान आजाद हुआ है तब से आज तक का उसका इतिहास गवाह है कि पाकिस्तान भारत को लेकर कभी भी अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आया। अब सिखों के पवित्र धर्मस्थल करतारपुर साहिब का ही उदाहरण ले लेते हैं जिसकी आजकल मीडिया में काफी चर्चा है। मीडिया में चल रही रिपोर्टे बताती हैं कि इस पवित्र स्थल की आड़ लेकर पाकिस्तान का लक्ष्य भारतीय सिखों को भड़का कर अलगाववाद को बढ़ावा देने का है।

इसके लिए वह हर उपाय को आजमाने का प्रायास कर रहा है। पाकिस्तान की ओर से जारी एक वीडियो इसकी तस्दीक करता है। इस वीडियो में भिडरावाले सहित तीन आतंकियों की तस्वीरें दिखाईं गईं थीं जिससे विवाद पैदा हो गया। यह विवाद अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि पाकिस्तान के बड़बोले रेलमंत्री शेख रशीद ने दावा कर दिया कि करतारपुर कॉरिडोर खुलने से कश्मीर मूवमेंट को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि करतारपुर गलियारे का खुलना पाक सेनाध्यक्ष जनरल वाजवा और पाक पीएम इमरान खान की बड़ी जीत है।

उन्होंने विपक्षी दलों पर तंज करते हुए उन्हें अक्ल का अंधा बताया और कहा कि वह (विपक्षी नेता) नहीं जानते कि इस कॉरिडोर का कश्मीर को कितना फायदा मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि करतापुर कॉरिडोर ने मोदी सरकार के सीने पर ऐसी मूंग दली है जिसका इनको अंदाजा नहीं है। अपनी इसी भारत विरोधी नीति पर अमल करते हुए पाकिस्तान की तरफ से कॉरिडोर के उद्घाटन से पहले वहां वुछ विवादित पोस्टर भी लगाए गए हैं जिनमें आरोप लगाया गया है कि युद्ध के दौरान भारत ने इस पवित्र गुरुद्वारे पर बम गिराए थे।

स्पष्ट है कि यह पोस्टर भारत के खिलाफ सिख श्रद्धालुओं को भड़काने की साजिश के तहत लगाए गए हैं। उसकी बात यहां पहुंचने वाले हर सिख श्रद्धालु तक पहुंचे इसके लिए गुरुमुखी, उर्दू और अंग्रोजी तीनों भाषाओं का इस्तेमाल किया गया है। इसे (बम न फटने को) चमत्कार बताते हुए अप्रात्यक्ष रूप से भारत को सिख धर्मस्थलों को नुकसान पहुंचाने वाला देश साबित करने का प्रायास किया गया है। हद तो तब हो गईं जब पाकिस्तान ने पूर्व प्राधानमंत्री मनमोहन सिह की आड़ लेकर प्राधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नीचा दिखाने का प्रायास किया। पाक विदेश मंत्री महमूद शाह वुरैशी ने एक स्थानीय चैनल पर कहा कि उन्होंने भारत के पूर्व प्राधानमंत्री मनमोहन सिह को करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन कार्यंव््राम के लिए आमंत्रित किया था। उन्होंने कहा कि मैं उनका धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने कहा कि मैं आऊंगा लेकिन मुख्य अतिथि के रूप में नहीं बल्कि आम नागरिक की तरह आऊंगा।

उद्घाटन कार्यक्रम के लिए वर्तमान प्राधानमंत्री की बजाय पूर्व प्राधानमंत्री को बुलाना पाकिस्तान की षड्यंत्रकारी सोच को दर्शाता है। मनमोहन सिह काफी वरिष्ठ और समझदार राजनेता हैं जो पाकिस्तान के जाल में नहीं पंसे। इतनी भारत विरोधी हरकतें तो पाकिस्तान कॉरिडोर के उद्घाटन से पहले ही कर चुका है। अब कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद जब श्रद्धालु नियमित रूप से वहां जाना शुरू करेंगे तो पाकिस्तान वैसी-वैसी और साजिशें करेगा यह तो भगवान जानता है या फिर खुद पाकिस्तान। यदि पाकिस्तान सिख श्रद्धालुओं का इतना ही बड़ा हिमायती है तो गुरुद्वारे के दर्शन के लिए उसने 20 डॉलर का जो जजिया कर लगाने की घोषणा की है वो खत्म क्यों नहीं कर देता। दरअसल भारत से मुकाबला करते रहने की पाकिस्तान की कोशिशें उसे एक ऐसी अंधी गली की तरफ धकेल रही हैं जहां आगे चलकर पाकिस्तान के अस्तित्व को ही खतरा हो सकता है। यह स्थिति खुद पाकिस्तान के हित में भी नहीं होगी।

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