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टिलरसन का विदेश दौरा शुरू, भारत-पाक भी जाएंगे

👤 veer arjun desk 5 | Updated on:20 Oct 2017 2:13 PM GMT

टिलरसन का विदेश दौरा शुरू, भारत-पाक भी जाएंगे

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वाशिंगटन, (भाषा)। अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन अगले सप्ताह पांच देशों की अपनी विदेश यात्रा के दौरान भारत और पाकिस्तान का दौरा करेंगे। टिलरसन की एक सप्ताह की यह विदेश यात्रा आज से शुरू हो रही है। सबसे पहले वह सऊदी अरब जाएंगे। वह सऊदी अरब और इराक की सरकारों के बीच समन्वय परिषद की बै"क में शामिल होंगे।

सऊदी अरब के बाद वह कतर जाएंगे जिसके बाद वह पाकिस्तान पहुंचेंगे। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने कहा कि टिलरसन अपने भारत प्रवास के दौरान दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी तथा सुरक्षा एवं समृद्धि पर समन्वय को मजबूत करने को लेकर भारतीय नेताओं के साथ बातचीत करेंगे।अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरस ने पिछले दिनों कहा था कि अमेरिका अनिश्चितता और चिंता के इस दौर में विश्व मंच पर भारत का भरोसेमंद साझेदार है। इसी के साथ उन्होंने इस क्षेत्र में चीन के भड़काऊ कृत्यों के बीच अमेरिका के भारत के साथ खड़ा होने का मजबूत संकेत दिया है। टिलरसन ने एक महत्वपूर्ण भारत नीति भाषण में चीन के उदय का उल्लेख किया था और कहा था कि उसके आचरण एवं कृत्य से सिद्धांतों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय सीमा के लिए चुनौती पैदा हो रही है। यह ट्रंप प्रशासन का पहला बड़ा भारत नीति व्याख्यान था। बतौर विदेश मंत्री अपनी पहली भारत यात्रा से पहले टिलरसन ने कहा था, भारत के साथ उभर रहे चीन ने बहुत कम जिम्मेदाराना ढंग से बर्ताव किया है, कई बार उसने अंतरराष्ट्रीय, सिद्धांत आधारित सीमा को धता बताया जबकि भारत जैसे देश एक ऐसे ढांचे के तहत बर्ताव करते हैं जो दूसरे देशों की संप्रभुता की रक्षा करते है। उन्होंने कहा था,दक्षिण चीन सागर में चीन के भड़काऊ कृत्य से सीधे अंतरराष्ट्रीय कानून और सिद्धांतों को चुनौती मिली जबकि अमेरिका और भारत दोनों ही इन सिद्धांतों के पक्ष में खड़े रहते हैं। टिलरसन ने कहा कि अमेरिका चीन के साथ रचनात्मक संबंध चाहता है , लेकिन अमेरिका वहां पीछे नहीं हटेगा जहां चीन सिद्धांतों पर आधारित सीमा को चुनौती देगा या चीन पड़ोसी देशों की संप्रभुता को खतरे में डालेगा।उनका कहना था,अनिश्चितता और चिंता के इस दौर में भारत को विश्व मंच पर एक भरोसेमंद साझेदार की आवश्यकता है। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि वैश्विक स्थायित्व, शांति और समृद्धि के हमारे साझे मूल्यों और दृष्टिकोण के हिसाब से अमेरिका वह साझेदार है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने रक्षा के क्षेत्र में भारत को कई प्रस्तावों की पेशकश की है जो द्विपक्षीय वाणिज्यिक एवं रक्षा सहयोग के लिए संभावित गेमचेंजर हो सकता है। अमेरिका के प्रस्तावों में मानवरहित विमान, विमान वाहक प्रौद्योगिकी, एफ-18 और एफ -16 आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा था,अमेरिकी कांग्रेस द्वारा भारत पर एक बड़े रक्षा साझेदार के रूप में मुहर लगाये जाने और सुमुद्री सहयोग के विस्तार में अपने परस्पर हित के मद्देनजर ट्रंप प्रशासन ने भारत के विचारार्थ ढेरों रक्षा विकल्प पेश किये हैं जिनमें गार्जियन यूएवी शामिल हैं।

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