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अपदस्थ प्रधानमंत्री की पार्टी संसद को भंग किए जाने के फैसले को अदालत में चुनौती देगी

👤 veer arjun desk 5 | Updated on:10 Nov 2018 5:16 PM GMT

अपदस्थ प्रधानमंत्री की पार्टी संसद को भंग किए जाने के फैसले को अदालत में चुनौती देगी

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कोलंबो, (भाषा)। श्रीलंका के अपदस्थ प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) ने राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना द्वारा संसद को भंग किए जाने को अवैध करार देते हुए कहा है कि वह इस फैसले को अदालत में चुनौती देगी। एक दिन पहले ही राष्ट्रपति ने जनवरी में मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा की थी। पार्टी ने एक बयान में कहा कि कानून का शासन तथा निरंकुश कदमों से संविधान की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए पार्टी अदालतों से हस्तक्षेप का अनुरोध करेगी। पूर्व वित्त मंत्री और यूएनपी नेता मंगला समरवीरा ने कहा कि सिरिसेना के उभरते अत्याचार का अदालतों में, संसद में और चुनाव में मुकाबला किया जाएगा। सिरिसेना ने 26 अक्टूबर को विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर दिया था और शुक्रवार को उन्होंने पांच जनवरी को चुनाव कराने की घोषणा की। सिरिसेना द्वारा संसद को भंग किए जाने तथा मध्यावधि चुनाव की घोषणा किए जाने से श्रीलंका में राजनीतिक संकट गहरा हो गया है। सिरिसेना की पार्टी के नेता और मंत्री दिनेश गुनावर्दन ने आरोप लगाया कि संसद अध्यक्ष करू जयसूर्या के आचरण के कारण संसद भंग की गयी।

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