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मैक्रों ने कर राहत की संकल्प लिया, शांति बनाये रखने की अपील की

👤 veer arjun desk 5 | Updated on:11 Dec 2018 3:44 PM GMT

मैक्रों ने कर राहत की संकल्प लिया, शांति बनाये रखने की अपील की

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पेरिस, (एपी)। फांस एवं राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों के शासन को झकझोर कर रख देने वाले असाधारण प्रदर्शनों को लेकर राष्ट्रपति ने सोमवार को अपनी चुप्पी तोड़ी और देश में भड़के गुस्से के लिये खुद की जिम्मेदारी स्वीकार की। राष्ट्रपति ने संघर्षरत कामगारों एवं पेंशनधारकों के लिये कर में व्यापक राहत का वादा भी किया।

फांस में प्रदर्शन शुरू होने के करीब चार सप्ताह बाद मैक्रों ने टेलीविजन पर प्रसारित अपने संबोधन में बेहद विनम्र एवं संयत स्वर में कर राहत का संकल्प जताया और लोगों से भी शांति बनाये रखने की अपील की। फांस में उपेक्षित महसूस कर रहे कई प्रांतों में ईंधन पर कर वृद्धि के विरोध में प्रदर्शन शुरू हो गये। प्रदर्शन की धमक पेरिस तक पहुंची जो हिंसक होती चली गयी।

राजधानी पेरिस स्थित राष्ट्रपति भवन एलीसी पैलेस से अपने संबोधन में फांसीसी नेता ने कहा, देश के लिये यह ऐतिहासिक क्षण है। ऐसे में हमलोग अपने जीवन को सामान्य तरीके से नहीं जी पायेंगे और आखिरकार वही हुआ है।

प्रदर्शनकारी कई दिनों से मांग कर रहे थे कि मैक्रों सार्वजनिक रूप से उनकी चिंताओं पर बोलें, लेकिन यह साफ नहीं है कि प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिये राष्ट्रपति ने जो वादे किये हैं वह उनके असंतोष को कम करने के लिये काफी होगा।

मैक्रों ने आर्थिक एवं सामाजिक आपत स्थिति की घोषणा की और सरकार एवं संसद को फांसीसी लोगों की जेबें ढीली करने वाले इन कर नियमों एवं अन्य नीतियों को बदलने के लिये तत्काल कदम उ"ाने का आदेश दिया।

उन्होंने कई प्रदर्शनकारियों की मांगों पर प्रतिक्रिया दी और इनके कारगर उपाय का वादा किया, जिनमें नये साल की शुरुआत से न्यूनतम वेतन में सरकारी कोष से 100 यूरो की वृद्धि, 2019 से ओवरटाइम काम पर लगने वाले टैक्स को खत्म करना, लाभ कमाने वाली कंपनियां को कामगारों को साल के अंत में करमुक्त बोनस देने को कहा गया और छोटे पेंशनधारकों पर कर इजाफा की समाप्ति शामिल है।

इन सबके लिये अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि यह अन्याय था।

मैक्रों ने कहा, फांस में भड़की हिंसा के लिये मैं अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करता हूं।

उन्होंने हिंसक प्रदर्शनों की निंदा की और कहा, हो सकता है मैंने अपने शब्दों से लोगों का दिल दुखाया हो।

किसी राष्ट्रपति की ओर से इस तरह आरोपों को स्वीकारना असाधारण है।

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