भारत की करतारपुर साहिब तक पुल बनाने की पेशकश
इस्लामाबाद, (वार्ता)। भारत ने पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब का दर्शन करने वाले सिख श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए डेरा बाबा नानक से पाकिस्तान-भारत सीमा तक 100 किलोमीटर लंबे पुल के निर्माण की पेशकश की है ।
दोनों देशों के विशेषज्ञों के बीच करतापुर गलियारे को लेकर मंगलवार को पाकिस्तान में तकनीकी स्तर के दूसरे दौर की बातचीत हुई थी।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार भारतीय शहर डेरा बाबा नानक से करतारपुर स्थित गुरुवारा दरबार साहिब तक भारत ने 100 किलोमीटर लंबे पुल के निर्माण की पेशकश की है ताकि सिख श्रद्धालुओं को वहां पहुंचने में सुविधा हो। तकनीकी स्तर के दूसरे दौर की बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि और फ्रंटियर वर्क्स आर्गनाइजेशन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। राजनयिक सूत्रों के अनुसार भारत ने यह पेशकश मानसून के दौरान श्रद्धालुओं को आने वाली दिक्कतों को देखते हुए की है । सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा है कि वह भारत की पेशकश को मंजूरी के लिए अपने यहां संबंधित विभागों को प्रेषित करेंगे। दूसरे दौर की तकनीकी बैठक में दोनों तरफ के विशेषज्ञों ने करतारपुर गलियारे की लंबाई के अलावा सड़कों के निर्माण और बाड़ के अलावा सीमा और आव्रजन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। करतारपुर गलियारा चार किलोमीटर लंबा है । पाकिस्तान की तरफ बनाये जा रहे गलियारे के आधे हिस्सा का काम पूरा हो चुका जबकि जीरो लाइन से बाबा नानक गुरुद्वारे तक गलियारे का हिस्सा भारत बना रहा है। जीरो लाइन पर भारत यात्री परिसर बना रहा है जिस पर करीब 1.9 अरब रुपए खर्च का अनुमान है ।
सिख श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पाकिस्तान की तरफ से बनाई गई समिति के सदस्यों को लेकर भारत ने नाराजगी जाहिर की थी और बातचीत के लिए अपना दल भेजने से मना कर दिया था हालांकि बाद में इस पर फिर बात आगे बढ़ी। इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान ने भारत के प्रस्ताव को मंजूर करते हुए दोनों तरफ के तकनीकी विशेषज्ञों की 16 अप्रैल को बैठक पर मंजूरी दी थी।
गुरुद्वारा करतारपुर साहिब सिख समुदाय के लिए सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। यह भारत की सीमा से चार किलोमीटर अंदर पाकिस्तान के नारोवाल में स्थित है। प्रस्तावित गलियारे को सिखों के पहले गुरु बाबा गुरुनानक देव के 550वें जन्म दिन के अवसर पर इस वर्ष खोलने की योजना है।