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पीओके में पाक से आजादी की मांग जोरों पर

👤 admin5 | Updated on:19 Aug 2017 3:21 PM GMT

पीओके में पाक से आजादी की मांग जोरों पर

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इस्लामाबाद, (एजेंसी)। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पीओके में सरकार की ज्यादतियों के खिलाफ माहौल लगातार गर्म होता जा रहा है। आम लोगों से लेकर छात्र तक, हर वर्ग में पाकिस्तान के खिलाफ नाराजगी भरी हुई है। पीओके में हजारों की तादाद में युवा सरकार के विरोध में सड़कों पर उतर आए। जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स फेडरेशन ) ने पीओके के जंदाली में एक विशाल रैली का आयोजन किया। इस रैली में हजारों युवा शामिल हुए। इसमें केवल छात्रों ने ही नहीं, बल्कि अन्य क्षेत्रों से जुड़े युवाओं ने भी शिरकत की। ये सभी लोग पाकिस्तान सरकार के अत्याचारों का विरोध करते हुए आजादी की मांग कर रहे थे। इससे पहले भी समय-समय पर पीओके में पाकिस्तान-विरोधी प्रदर्शन होते आए हैं।

न्यूज एजेंसी ने अपनी एक रिपोर्ट में इस रैली की जानकारी दी है। जेकेएनएसएफ के सदस्यों ने पाकिस्तान की ज्यादतियों और वहां सरकार द्वारा किए जा रहे दमन का विरोध करते हुए आजादी की मांग की। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार न केवल लोगों पर जुल्म कर रही है, बल्कि उनका दमन भी कर रही है। जेकेएनएसएफ के कई नेताओं ने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसियों ने उनकी 'मातृभूमि को आतंकवादी की पनाहगाह' में तब्दील कर दिया है। इन नेताओं ने इल्जाम लगाया कि पाकिस्तान अपनी सेना का इस्तेमाल कर उनका शोषण और दमन कर रहा है। ये प्रदर्शनकारी इन अत्याचारों से आजादी की मांग करने के साथ-साथ अपने अधिकारों की भी वकालत कर रहे थे।
पीओके के वरिष्ठ नेता लियाकत खान ने कहा, 'जब पाकिस्तान ने नीलम झेलम, मंगला बांध बनाया तब उसे यह नहीं लगा कि यह इलाका विवादित है। लेकिन जब हम अपने अधिकार मांगते हैं, तो हमारी पहचान एक विवादित क्षेत्र के निवासियों की हो जाती है।' लियाकत खान ने सवाल किया कि पीओके के लोगों को दुनियाभर की प्रतियोगिताओं और कार्यक्रमों में हिस्सेदारी करने का मौका क्यों नहीं दिया जाता है। उन्होंने सवाल किया, 'जब हम खिलाड़ियों को दुनियाभर में आयोजित होने वाली खेल प्रतियोगिताओं में शामिल होते हुए देखते हैं तो हम सोचते हैं कि आखिरकार हमारे युवाओं को यह मौका क्यों नहीं मिलता है। हमारे युवा इन जंगलों के बाहर क्यों नहीं जा पाते हैं।'
लियाकत खान ने कहा कि पाकिस्तान सरकार पीओके के लोगों को अपना गुलाम समझती है और इसीलिए उनपर अत्याचार करती है। उन्होंने कहा, 'मैं अपने लोगों से और पीओके में रहने वाले हर इंसान से इन गुलामी की जंजीरों को तोड़ देने की अपील करता हूं। हमारी यह खूबसूरत धरती संसाधनों और प्रतिभाओं से भरी पड़ी है। हमें अपने अंदर का डर खत्म करना होगा और पाकिस्तान से रिश्ते तोड़ने होंगे।' लियाकत ने कहा कि इस्लामाबाद द्वारा लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी संगठनों को समर्थन दिए जाने के कारण पूरे पीओके के लोगों के अंदर गुस्सा है।
उन्होंने पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी घ्एघ् पर पाकिस्तान को अपनी आतंकवाद की प्रयोगशाला में तब्दील करने का आरोप भी लगाया।
उन्होंने कहा, 'यहां कोई उद्योग-धंधा नहीं है। यहां निजी सेक्टर है ही नहीं और सरकारी नौकरियां बेहद कम और मामूली हैं। यहां रहने वाले लोगों को कोई अधिकार नहीं दिया जाता। हमें अपनी बात कहने की भी आजादी नहीं है।' एक अन्य पख्तून नेता ने पाकिस्तान पर कश्मीर के अंदर आतंकवाद को ब़ देने का आरोप लगाया।
पख्तूनख्वा मिली आवामी पार्टी के नेता महमूद खान अचकजाई ने कहा कि पाकिस्तान को पीओके से बाहर चले जाना चाहिए और कश्मीर को आजाद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा, 'हम कश्मीर पर नई नीति क्यों नहीं बनाते हैं? कश्मीर को भारत और पाकिस्तान दोनों से आजाद कर दिया जाना चाहिए। कश्मीर समस्या सुलझाने के लिए हम पहला जरूरी कदम क्यों नहीं उठाते हैं।' महमूद खान ने ँँण् से बात करते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान पीओके से बाहर निकल जाता है, तो वह दुनिया को बता सकेगा कि भारत के साथ मिलकर कश्मीर समस्या सुलझाने के प्रति वह संजीदा और गंभीर है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान को भारत, अफगानिस्तान और ईरान जैसे अपने पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंध विकसित करने पर ध्यान देना चाहिए। पिछले साल महमूद खान ने खैबर-पख्तूनख्वा को अफगानिस्तान का हिस्सा बताकर विवाद खड़ा कर दिया था।

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