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रचनात्मक नहीं हैं जनरल रावत की हालिया टिप्पणियां : चीन

👤 Veer Arjun Desk 4 | Updated on:15 Jan 2018 6:05 PM GMT

रचनात्मक नहीं हैं जनरल रावत की हालिया टिप्पणियां : चीन

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बीजिंग, (भाषा)। चीन ने भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की हालिया टिप्पणियों की आलोचना करते हुए आज कहा कि वे रचनात्मक नहीं हैं और दोनों देशों के नेताओं की ओर से रिश्तों को फिर से पटरी पर लाने एवं सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए बनी आम राय के खिलाफ हैं।

चीन ने जनरल रावत की इन टिप्पणियों के बाद प्रतिक्रिया जाहिर की है कि भारत को पाकिस्तान से लगी अपनी सीमा से ध्यान हटाकर अब चीन से सटी सीमा पर ध्यानों देना चाहिए। रावत ने यह भी कहा था कि एलएसी के पास बीजिंग की ओर से दबाव बनाया जा रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने यहां बताया, पिछले साल भारत-चीन के रिश्तों ने कुछ उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन पिछले साल सितंबर में ब्रिक्स सम्मेलन के इतर चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात में रिश्तों को फिर से पटरी पर लाने के लिए उनमें आम राय बनी थी। उन्होंने यह भी कहा कि विचार-विमर्श पर संवाद बढ़ाने के लिए दोनों देशों की ओर से किए गए प्रयासों ने सुधार एवं विकास की "ाsस गति दिखाई है। लू ने कहा,ऐसी पृष्"भूमि में भारत के वरिष्" अधिकारी (रावत) की टिप्पणियां रचनात्मक नहीं हैं और वे न केवल दोनों राष्ट्राध्यक्षों की ओर से बनी आम राय के खिलाफ जाती हैं, बल्कि द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने और विकसित करने के लिए दोनों पक्षों की ओर से की गई कोशिशों से भी मेल नहीं खातीं। उन्होंने कहा कि रावत कीटिप्पणियों से सीमाई इलाकों में अमन-चैन बनाए रखने में मदद नहीं मिल सकती।लू ने कहा,चीन और भारत अहम पड़ोसी हैं। वे राष्ट्रीय विकास एवं उत्थान के निर्णायक चरण में हैं। दोनों देशों को सामरिक संवाद बढ़ाना चाहिए, सामरिक संदेह दूर करना चाहिए और सामरिक सहयोग संचालित करना चाहिए। हम भारतीय पक्ष से अपील करते हैं कि वह दोनों नेताओं की ओर से बनी आम राय के बाद के कदमों पर काम करे ताकि सीमाई इलाकों में शांति एवं स्थिरता बनाए रखने के उपाय किए जा सकें और ऐसी चीजों से परहेज किया जाए जिससे हालात जटिल होते हों। जरूरी मामलों को रचनात्मक तरीके से संभाला जाए और द्विपक्षीय संबंधों के निरंतर विकास को बढ़ावा दिया जाए। इससे समूचे क्षेत्र एवं भारतीय पक्ष के साझा हित सधेंगे। यह पूछे जाने पर कि वह जनरल रावत की किस खास टिप्पणी की आलोचना कर रहे हैं, इस पर लू ने डोकलाम को लेकर की गई टिप्पणी की तरफ इशारा किया। मैंने साफ कर दिया है, रिपोर्ट के मुताबिक यदि वरिष्" अधिकारी ने डोकलाम का जिक्र किया है तो मेरा मानना है कि आपको हमारा रुख साफ तौर पर पता है। डोकलाम चीन का हिस्सा है और हमेशा चीन के अधिकार क्षेत्र में रहा है। चीन की ओर से एलएसी के पास भारत पर दबाव डालने के बाबत जनरल रावत की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा,यदि वह समूची भारत-चीन सीमा पर हालात का हवाला दे रहे हैं, तो मैंने यह भी कहा है कि पिछले सितंबर में दोनों राष्ट्राध्यक्ष श्यामिन शिखर सम्मेलन के दौरान आम राय पर पहुंचे थे।

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