Home » दुनिया » रोहिंग्या करार दो साल के अंदर शरणार्थियों की वापसी पर लक्षित

रोहिंग्या करार दो साल के अंदर शरणार्थियों की वापसी पर लक्षित

👤 Veer Arjun Desk 4 | Updated on:16 Jan 2018 2:39 PM GMT

रोहिंग्या करार दो साल के अंदर शरणार्थियों की वापसी पर लक्षित

Share Post

यांगून, (एएफपी)। बांग्लादेश ने आज कहा कि सैन्य कार्वाई के चलते विस्थापित हो कर शरणार्थी बने अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुसलमानों की दो साल के अंदर स्वदेश वापसी पर उसकी और म्यांमा की सहमति हो गई है। यह पहला मौका है जब शरणार्थी बने लाखों रोहिंग्या मुसलमानों की देश वापसी का "ाsस समय तय किया गया है। वैसे, अब भ्री यह साफ नहीं है कि उनकी देश वापसी की शर्तें क्या होंगी।

यह करार म्यांमा की राजधानी न्यपीदाव में इस हफ्ते हुआ। यह तकरीबन साढ़े सात लाख रोहिंग्या मुसलमानों पर लागू होगा जिन्होंने 2016 अक्तूबर के बाद सैन्य कार्वाई के चलते वतन छोड़ कर बांग्लादेश में पनाह ली थी।
बांग्लादेश सरकार ने एक बयान में बताया कि करार का लक्ष्य स्वदेश वापसी की शुरुआत के दो साल के अंदर रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमा लौटाने पर लक्षित है।बयान में यह नहीं बताया गया है कि कब रोहिंग्या शरणार्थियों की वापसी की शुरुआत होगी।उधर, म्यांमा सरकार ने कहा है कि वह 23 जनवरी से रोहिंग्या मुसलमानों के स्वागत करने के कार्यक्रम पर अमल कर रही है।इस करार के दायरे में तकरीबन दो लाख रोहिंग्या शरणार्थियों को शामिल नहीं किया गया है जो अक्तूबर 2016 से पहले से बांग्लादेश में रह रहे हैं। इन्हें सांप्रदायिक हिंसा और सैन्य कार्वाइयों के चलते म्यांमा से भागना और बांग्लादेश में शरण लेना पड़ा था। दोनों देश अंततः उस फॉर्म पर सहमत हो गए जिन्हें रोहिंग्या शरणार्थियों को यह प्रमाणित करने के लिए भरना पड़ेगा कि वह रखाइन प्रांत के हैं। इस प्रांत में म्यांमा की सेना ने सैकड़ों रोहिंग्या गांवों में कथित रूप से सैन्य सफाई अभियान चलाया। म्यांमा में बांग्लादेश के राजदूत मोहम्मद सफीउर रहमान ने बताया, हम आने वाले दिनों में यह प्रक्रिया शुरू करने में सक्षम होंगे।
उन्होंने रोहिंग्या शरणार्थियों की वापसी की शुरुआत के लिए म्यांमा की तरफ से तय अगले हफ्ते की समयसीमा पर कहा कि यह संभव नहीं है।

Share it
Top