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फियू थाई पार्टी के तीन नेताओं पर लगा राजद्रोह का आरोप

👤 veer arjun desk 5 | Updated on:21 May 2018 3:02 PM GMT
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बैंकॉक , (एएफपी)। थाईलैंड के जनरलों ने फियू थाई पार्टी के तीन नेताओं पर संवाददाता सम्मेलन करने के लिये सोमवार को राजद्रोह के आरोप लगाए। उधर , जुंटा के 2014 में तख्ता पलट करने के चार साल पूरे होने से पहले असंतोष बढ़ता जा रहा है।

सोमवार को फियू थाई पार्टी के नेता वातना मुआंगसूक , चतुरों चाइसांग और चूसक सिरिनिल पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने के लिये राजद्रोह के आरोप लगाए गए। वहीं , पार्टी के पांच अन्य नेताओं पर कार्यक्रम में हिस्सा लेने के दौरान प्रतिबंध का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है। उप राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख श्रीवरा रांगसीभ्रमानकुल ने कहा , उन्हें जुंटा द्वारा लगाए आरोपों को सुनने के लिये गुरुवार को तलब किया गया है। सेना ने यह मामला तब दर्ज किया जब फियू थाई पार्टी के वरिष्" नेताओं ने पिछले सप्ताह पार्टी मुख्यालय में तख्तापलट करने वालों की कड़ी आलोचना की थी। उन्होंने लोकतंत्र बहाल करने का वादा बार - बार तोड़ने के लिये जनरलों पर हमला बोला था। पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री थाक्सिन शिनावात्रा और उनकी बहन यिंगलक का समर्थन किया था। उनकी निर्वाचित सरकारों को तख्तापलट के जरिये गिरा दिया गया था। हालांकि , आत्म निर्वासन में रहने के बावजूद दोनों ग्रामीण थाई जनता में लोकप्रिय हैं। सेना का अब कहना है कि वह फरवरी में चुनाव की अनुमति देगी , लेकिन उसने राजनीति या पांच से अधिक लोगों के एक जगह जमा होने पर प्रतिबंध हटाने से इंकार कर दिया है। हालांकि , आलोचक लगातार प्रतिबंध की सीमाओं को परखने की कोशिश कर रहे हैं।
मंगलवार को तख्तापलट के चार साल होने पर विरोध प्रदर्शन की आशंका को भांपते हुए प्रशासन सख्त रुख अपना रहा है। कार्यकर्ताओं ने सुबह में गवर्नमेंट हाउस तक मार्च करने की बात कही है।
पुलिस ने चेतावनी दी है कि वह भवन के आस - पास प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर देगी। लोकतंत्र समर्थक आंदोलन ने कहा कि मार्च से पहले उनकी निगरानी बढ़ा दी गई है। इस आंदोलन का नेतृत्व छात्र कार्यकर्ताओं का समर्पित जत्था कर रहा है।
एक वक्तव्य में कार्यकर्ताओं ने कहा कि रविवार की रात को उनके साउन्ड तकनीशियन को सैन्य शिविर ले जाया गया।
मानवाधिकार वकीलों के एक समूह के अनुसार उन्हें सोमवार को रिहा किया गया।

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